Notes For All Chapters – हिंदी Class 10
अपनी गंध नहीं बेचूँगा
परिचय
पाठ का नाम: अपनी गंध नहीं बेचूँगा
लेखक: बालकवि बैरागी
जन्म: 1931, मंदसौर (मध्य प्रदेश)
मृत्यु: 2018, मंदसौर (मध्य प्रदेश)
मुख्य विशेषता:
- बालकवि बैरागी संघर्षशील कवि रहे हैं।
- उन्होंने साहित्य और राजनीति दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उनकी रचनाएँ जोश, प्रेरणा, और आत्मसम्मान से भरपूर होती हैं।
- उन्होंने बच्चों के लिए भी प्रेरणादायक कविताएँ लिखी हैं।
प्रमुख कृतियाँ:
- गौरव-गीत (काव्य संग्रह)
- दरद दीवानी (काव्य संग्रह)
कविता का सारांश
इस कविता में कवि ने फूल के माध्यम से आत्मसम्मान और स्वाभिमान की भावना को व्यक्त किया है। फूल कहता है कि चाहे कितनी भी परिस्थितियाँ बदल जाएँ, वह अपनी गंध नहीं बेचेगा। वह उन लोगों को नीलामी लगाने वाला कहता है जो उसे खरीदने और बेचने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह अपनी महक को किसी भी कीमत पर नहीं बेचता।
फूल मानता है कि जिस डाल ने उसे जन्म दिया, जिन काँटों ने उसकी रक्षा की और जिन पत्तियों ने उसे संवारने में मदद की, उनका पहला अधिकार बनता है। वह बिकने से अच्छा अपनी माटी में झर जाना पसंद करता है। कविता यह संदेश देती है कि मनुष्य को भी अपने आत्मसम्मान और मूल्यों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
मुख्य बिंदु
(क) फूल की विशेषताएँ
- फूल अपनी गंध किसी भी कीमत पर नहीं बेचता।
- वह स्वाभिमान का प्रतीक है और अपनी पहचान बनाए रखना चाहता है।
- वह मानता है कि जिस डाल ने उसे जन्म दिया, उसका उस पर पहला अधिकार है।
- फूल को नीलाम करने वाले लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
- वह बिकने से अच्छा अपनी मिट्टी में झर जाना पसंद करता है।
(ख) कविता से मिलने वाली सीख
- आत्मसम्मान और स्वाभिमान सबसे महत्वपूर्ण हैं।
- किसी भी परिस्थिति में अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए।
- धन से बढ़कर नैतिकता और ईमानदारी होती है।
- स्वाभिमान के लिए संघर्ष करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
- विपरीत परिस्थितियाँ हमें मजबूर कर सकती हैं, लेकिन हमें अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए।
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