Notes For All Chapters – हिंदी Class 10
महिला आश्रम
परिचय
- यह पाठ काका कालेलकर द्वारा लिखित एक पत्र है।
- इसमें उन्होंने महिला आश्रम की स्थापना, उसके संचालन, नियम एवं वातावरण पर चर्चा की है।
- यह पाठ महिलाओं के आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन को बढ़ावा देने पर बल देता है।
लेखक परिचय – काका कालेलकर
पूरा नाम: दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर
जन्म: 1885, सातारा (महाराष्ट्र)
मृत्यु: 1981, नई दिल्ली
प्रमुख भाषाएँ: हिंदी, गुजराती, मराठी और अंग्रेजी
विशेषता:
- स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विचारक।
- राष्ट्रीय शिक्षा एवं संस्कृति के प्रचारक।
- तर्कपूर्ण व्याख्या एवं वैचारिक निबंध लेखन।
प्रमुख कृतियाँ
- हिंदी: ‘राष्ट्रीय शिक्षा के आदर्शों का विकास’, ‘जीवन-संस्कृति की बुनियाद’, ‘नक्षत्रमाला’, ‘धर्मोदय’ आदि।
- गद्य: विभिन्न सामाजिक विषयों पर लेखन।
पाठ का सारांश
(क) महिला आश्रम की स्थापना
- महिलाओं के लिए ऐसा स्थान जहाँ वे स्वतंत्रता और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।
- किसी पुरुष का प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं होगा।
- महिलाओं को अपने खाने-पीने और कपड़ों की व्यवस्था खुद करनी होगी।
- निर्धन महिलाओं के लिए सिफारिश करने वालों को उनकी आर्थिक सहायता की व्यवस्था करनी होगी।
- बिना पूरी पहचान और परिचय के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
- आश्रम छोड़ने की स्वतंत्रता होगी।
- आश्रम को लगे तो एक या तीन महीने का नोटिस देकर किसी को निकाला जा सकता है।
(ख) आश्रम के सिद्धांत और नियम
- कोई एक धर्म विशेष नहीं होगा, सभी धर्मों का सम्मान होगा।
- आश्रम का वातावरण सदाचार, भक्ति और सेवा से परिपूर्ण होगा।
- आश्रम में स्वावलंबन को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- सादगी और अनुशासन आवश्यक होंगे।
- शुरुआत में शिक्षा या उद्योग नहीं होगा, लेकिन आगे चलकर महिलाओं को रोजगारपरक कौशल सिखाए जाएँगे।
- आश्रम में झगड़े और तनाव से मुक्त वातावरण होगा।
(ग) संस्था का संचालन
- संस्था चलाने की जिम्मेदारी महिलाओं की होगी।
- संगीत, भक्ति, प्रेम और सेवा का भाव सिखाया जाएगा।
- संस्था की जमीन पर छोटे मकान बनाकर महिलाओं को रहने की सुविधा दी जाएगी।
- संस्था समाज की जरूरत के अनुसार जन्म लेगी और स्वतः संचालित होगी।
भाषा और व्याकरण
(क) पर्यायवाची शब्द
- कलह – झगड़ा, विवाद
- सादगी – सरलता, सहजता
- अनुशासन – नियम, व्यवस्था
(ख) मुहावरे और उनके अर्थ
- आँखों का तारा – बहुत प्रिय होना
- हाथ पर हाथ धरे बैठना – कोई कार्य न करना
- दाँत खट्टे करना – पराजित कर देना
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