Notes For All Chapters – हिंदी Class 10
✍ लेखक: सुनील शास्त्री
1. परिचय
(क) लेखक परिचय
नाम: सुनील शास्त्री
जन्म: 1950
पेशा: राजनेता, कवि और लेखक
विशेष रुचियाँ: कविता, संगीत और सामाजिक कार्य
प्रमुख कृति: लाल बहादुर शास्त्री: मेरे बाबूजी
(ख) पाठ का सारांश
यह पाठ प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की ईमानदारी, सादगी और नैतिकता को दर्शाता है। लेखक, जो उनके पुत्र हैं, अपने बचपन की घटनाओं के माध्यम से शास्त्री जी के महान व्यक्तित्व को उजागर करते हैं। पाठ हमें बताता है कि कैसे उन्होंने कभी भी सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग नहीं किया और अपने परिवार को भी इन्हीं मूल्यों पर चलने की सीख दी।
2. मुख्य विषय-वस्तु
(क) लाल बहादुर शास्त्री जी के आदर्श और गुण
- ईमानदारी:
- सरकारी गाड़ी के निजी उपयोग के लिए पैसे जमा करवाना।
- कभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त न होना।
- सादगी और मितव्ययिता:
- पुराने फटे कुरते को फेंकने की बजाय उसे रूमाल बनाने के लिए कहना।
- केवल जरूरत के अनुसार संसाधनों का उपयोग करना।
- कर्तव्यनिष्ठा:
- प्रधानमंत्री बनने के बाद भी सरकारी संसाधनों का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं करना।
- परिवार को भी यही मूल्य सिखाना।
- संयम और धैर्य:
- अपने बच्चों की गलतियों पर तुरंत क्रोधित न होकर उन्हें समझाने का प्रयास करना।
- परिवार में नैतिकता बनाए रखना।
3. महत्वपूर्ण घटनाएँ और शिक्षाएँ
(क) इंपाला शेवरलेट गाड़ी का प्रसंग
📌 घटना:
- लेखक और उनके भाई ने बाबूजी के अनुपस्थिति में उनकी इंपाला शेवरलेट गाड़ी चला ली।
- बाबूजी को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने ड्राइवर से लॉग बुक में 14 किलोमीटर निजी उपयोग दर्ज करवाया।
- इसके बाद, उन्होंने सहाय जी से कहा कि 60 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे सरकारी खजाने में जमा करवा दें।
📌 शिक्षा:
- सरकारी संसाधनों का निजी उपयोग नहीं करना चाहिए।
- परिवार में भी ईमानदारी और अनुशासन बनाए रखना चाहिए।
(ख) फटे हुए कुरते का प्रसंग
📌 घटना:
- लेखक ने बाबूजी की अलमारी व्यवस्थित करते समय उनके पुराने फटे हुए कुरते अम्मा को दे दिए।
- बाबूजी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे सर्दियों में इनका उपयोग करेंगे और ऊपर से कोट पहन लेंगे।
- उन्होंने कहा कि खादी के कपड़ों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।
📌 शिक्षा:
- सादगी और मितव्ययिता का पालन करना चाहिए।
- मेहनत से बने वस्त्रों और संसाधनों का सम्मान करना चाहिए।
(ग) गहनों का त्याग
📌 घटना:
- शास्त्री जी की पत्नी ने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अपने गहने दे दिए।
- जब उन्होंने चिंता जताई कि लोग इस पर क्या कहेंगे, तो उनकी पत्नी ने कहा कि वे कह देंगी कि गांधीजी के विचारों को अपनाते हुए उन्होंने गहनों का त्याग किया है।
📌 शिक्षा:
- परिवार के लिए त्याग करना नैतिकता का प्रतीक है।
- भौतिक संपत्ति से अधिक मूल्यवान सच्चाई और नैतिकता होती है।
4. पाठ से प्राप्त शिक्षाएँ
✅ ईमानदारी और नैतिकता जीवन में सबसे महत्वपूर्ण गुण हैं।
✅ सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
✅ सादगी और मितव्ययिता से जीवन में संतोष बना रहता है।
✅ परिवार में सही मूल्य और नैतिकता सिखाना आवश्यक है।
✅ कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन से समाज में आदर्श स्थापित किया जा सकता है।
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