Notes For All Chapters – हिंदी Class 10th
लेखक का परिचय:
घनश्याम अग्रवाल
जन्म: 1942, अकोला (महाराष्ट्र)
लेखन शैली: हास्य-व्यंग्य।
विशेषता: रोजमर्रा की घटनाओं में हास्य ढूंढ़कर व्यंग्यात्मक रूप से प्रस्तुत करना।
प्रमुख कृतियाँ:
- ‘हँसीघर के आईने’
- ‘आजादी की दुम’
- ‘आई एम सॉरी’
- ‘अपने-अपने सपने’।
पाठ का सारांश:
इस व्यंग्यात्मक लेख में लेखक ने एक हास्यास्पद घटना का वर्णन किया है, जिसमें दुर्घटना और हमदर्दी का रोचक ढंग से चित्रण किया गया है।
घटना का आरंभ:
- लेखक पूंजीवाद और समाजवाद पर भाषण सुनकर लौट रहे थे।
- उनकी साइकिल और एक कार में टक्कर हुई, जिससे उनकी टांग टूट गई।
अस्पताल का अनुभव:
- लेखक को सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया।
- अस्पताल और वहाँ के वातावरण का वर्णन डरावने और मजेदार ढंग से किया गया।
हमदर्दी जताने वालों का वर्णन:
- पहला समूह: वे लोग जो एहसान चुकाने या औपचारिकता निभाने आते हैं।
- दूसरा समूह: वे जो हमदर्दी के नाम पर मरीज की परेशानी बढ़ाते हैं।
- विशेष प्रसंग:
- सोनाबाई और उनके बच्चों की शरारतें।
- कवि श्री लपकानंद द्वारा बेतुकी कविताएँ सुनाना।
- गलती से दूसरे मरीज के लिए आए व्यक्ति का रोना।
लेखक की प्रार्थना:
- लेखक ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि यदि दूसरी टांग भी टूटे, तो ऐसे स्थान पर टूटे जहाँ कोई परिचित न हो।
मुख्य बिंदु:
दुर्घटना का वर्णन: हास्यपूर्ण और व्यंग्यात्मक।
अस्पताल का अनुभव:
- सार्वजनिक अस्पताल में भर्ती होना।
- हमदर्दी जताने वालों की परेशानियाँ।
हमदर्दी का दर्द:
- मरीज की तकलीफ बढ़ाने वाले हमदर्द।
- औपचारिकता निभाने वालों की आलोचना।
महत्वपूर्ण शब्दार्थ:
- हमदर्दी: सहानुभूति।
- एहसान: कृतज्ञता।
- औंधा: उल्टा।
- काँप उठना: भयभीत होना।
- टांग अड़ाना: बाधा डालना।
पाठ से प्रेरित क्रियाएँ:
श्रवणीय:
- किसी सार्वजनिक अस्पताल में जाकर मरीजों के अनुभव सुनिए और उसे अपने शब्दों में लिखिए।
पठनीय:
- अस्पताल में लगे सूचना फलक/विज्ञापन पढ़िए और कक्षा में चर्चा कीजिए।
लेखनीय:
- रक्तदान और रक्त बैंक की जानकारी इकट्ठा करके अपनी कॉपी में लिखिए।
संभाषणीय:
- किसी सभा में अंगदान पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
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