Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10th
खुला आकाश
Short Questions
1. कुँवर नारायण का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर : कुँवर नारायण का जन्म 1927 में फैजाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
2. कुँवर नारायण को कौन सा साहित्यिक पुरस्कार मिला था?
उत्तर : उन्हें भारतीय साहित्य का सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था।
3. ‘खुला आकाश’ पाठ किस विधा में लिखा गया है?
उत्तर : यह पाठ डायरी विधा में लिखा गया है।
4. लेखक के अनुसार सही साहित्य कैसा होना चाहिए?
उत्तर : लेखक के अनुसार सही साहित्य वह है, जिसे हम दोनों आँखों से देखें, न कि एकतरफा दृष्टिकोण से।
5. ‘मकान पर मकान’ अंश में लेखक ने किस समस्या को उजागर किया है?
उत्तर : इसमें लेखक ने शहरी जीवन की संकीर्णता और हरियाली के अभाव को उजागर किया है।
6. ‘अंदर की दुनिया’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?
उत्तर : लेखक के अनुसार, हमारी आंतरिक दुनिया बाहरी दुनिया से अधिक बड़ी और महत्वपूर्ण होती है।
7. लेखक ने अपने मुहल्ले की कौन-सी विशेषता बताई है?
उत्तर : लेखक ने अपने मुहल्ले को संकरी गलियों और मकानों की भीड़ से भरा बताया है।
8. ‘दिल्ली में रहना’ शीर्षक में किस स्थिति का वर्णन किया गया है?
उत्तर : इसमें दिल्ली की व्यस्तता और रहने की कठिनाइयों को दर्शाया गया है।
9. लेखक ने ‘जानें खुद को’ अंश में क्या सुझाव दिया है?
उत्तर : लेखक ने आत्मचिंतन पर बल देते हुए स्वयं को समझने की आवश्यकता बताई है।
10. ‘लुका-छिपाकर जीना’ अंश में लेखक ने किस प्रवृत्ति की निंदा की है?
उत्तर : लेखक ने समाज में प्रचलित बनावटी व्यवहार और छल-कपट की निंदा की है।
11. ‘सिर्फ मनुष्य होते…’ अंश में लेखक ने क्या सवाल उठाया है?
उत्तर : लेखक ने सवाल उठाया है कि सभी मनुष्य केवल मनुष्य क्यों नहीं होते, वे हिंसक प्रवृत्तियों वाले क्यों बन जाते हैं।
12. ‘बहाने निकालना’ अंश में लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर : लेखक के अनुसार, जो हम करना चाहते हैं, उसके लिए रास्ते खोजते हैं और जो नहीं करना चाहते, उसके लिए बहाने बनाते हैं।
13. ‘अपने से बहस’ शीर्षक में लेखक ने क्या सलाह दी है?
उत्तर : लेखक ने सलाह दी है कि हमें दूसरों से बहस करने की बजाय स्वयं से बहस करनी चाहिए, जिससे सच्चाई सामने आती है।
14. लेखक के अनुसार, ‘चीजों की गुलामी’ का क्या अर्थ है?
उत्तर : लेखक ने बताया कि इंसान चीजों का गुलाम बनता जा रहा है, जैसे कंप्यूटर और गाड़ियाँ भी हमें अपने अधीन कर रही हैं।
15. ‘जीने का अर्थ’ अंश में लेखक ने किस बात पर जोर दिया है?
उत्तर : लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि जीवन को सार्थक रूप से जीना चाहिए, न कि केवल वर्ष गिनते हुए।
Long Questions
1. कुँवर नारायण की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर : कुँवर नारायण की प्रमुख रचनाएँ ‘चक्रव्यूह’, ‘तीसरा सप्तक’, ‘हम-तुम’, ‘आत्मजयी’ और ‘इन दिनों’ हैं। उन्होंने कविता, कहानी, समीक्षा और रंगमंच पर भी लेखन किया। उनकी रचनाएँ कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं।
2. ‘अंदर की दुनिया’ शीर्षक से लेखक क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर : लेखक के अनुसार, हमारी आंतरिक दुनिया बाहरी दुनिया से कहीं अधिक विशाल होती है। लेकिन हम उसका विस्तार करने के बजाय उसे छोटा करते चले जाते हैं। सच्ची आज़ादी और आत्मसमृद्धि हमारे भीतर ही होती है।
3. ‘मकान पर मकान’ अंश में लेखक ने शहरी जीवन की क्या समस्याएँ बताई हैं?
उत्तर : लेखक ने बताया कि शहरों में मकानों की इतनी अधिक भीड़ हो गई है कि आसमान और हरियाली दिखाई नहीं देती। मकान संकरी गलियों में इस तरह भरे हुए हैं कि बाहर झाँकने पर भी सिर्फ दूसरे मकान ही दिखते हैं। इस कारण मनुष्य घुटन महसूस करता है और प्रकृति से कट जाता है।
4. ‘जानें खुद को’ अंश में लेखक का मुख्य विचार क्या है?
उत्तर : लेखक का कहना है कि हमें आत्मचिंतन करना चाहिए और खुद को समझने की कोशिश करनी चाहिए। दूसरों की सोच-समझ में भी विश्वास रखना चाहिए और उनके व्यक्तिगत मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह आत्मनिरीक्षण हमें सच्ची समझ और संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है।
5. ‘दिल्ली में रहना’ अंश में लेखक ने कौन-सी परिस्थितियाँ बताई हैं?
उत्तर : लेखक ने बताया कि दिल्ली में रहना ऐसा है जैसे एक बड़ी बस में लटककर सफर करना। रहने की जगह मिलना मुश्किल है, और अगर मिलती भी है, तो वह तंग और अस्थायी होती है। यहाँ जीवन बस किसी तरह टिके रहने की कोशिश में निकल जाता है।
6. ‘लुका-छिपाकर जीना’ शीर्षक से लेखक क्या अभिव्यक्त करना चाहते हैं?
उत्तर : लेखक ने बताया कि कई लोग अपनी असली पहचान छिपाकर दिखावे का जीवन जीते हैं। वे बनावटी व्यवहार को कुशलता समझते हैं और समाज में अपनी छवि बनाए रखने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं। लेकिन यह असल में आत्मविश्वास की कमी और चारित्रिक बेईमानी को दर्शाता है।
7. ‘अपने से बहस’ अंश में लेखक ने क्या विचार प्रस्तुत किए हैं?
उत्तर : लेखक ने कहा कि हमें दूसरों से बहस करने के बजाय खुद से बहस करनी चाहिए। दूसरों को सुनना चाहिए, क्योंकि दूसरों से बहस करने से केवल झगड़ा होता है, जबकि स्वयं से बहस करने से सच्चाई सामने आती है। यह आत्मचिंतन हमें अधिक समझदार और शांत बनाता है।
8. ‘चीजों की गुलामी’ शीर्षक में लेखक ने किस स्थिति का वर्णन किया है?
उत्तर : लेखक ने बताया कि इंसान चीजों का गुलाम बनता जा रहा है। पहले इंसान दूसरे इंसानों को गुलाम बनाता था, लेकिन अब वह खुद चीजों की सेवा में लगा रहता है। आज कंप्यूटर, मोबाइल और अन्य आधुनिक चीजें हमारे जीवन पर पूरी तरह हावी हो चुकी हैं।
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