Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10th
गिरिधर नागर
Short Questions
1. मीराबाई के आराध्य देव कौन थे?
उत्तर : मीराबाई के आराध्य देव श्रीकृष्ण थे।
2. मीराबाई ने अपने पति को किससे तुलना की है?
उत्तर : मीराबाई ने अपने पति को गिरधर गोपाल से तुलना की है।
3. मीराबाई ने लोकलाज का त्याग क्यों किया?
उत्तर : मीराबाई ने अपने आराध्य के प्रेम में लोकलाज का त्याग किया।
4. मीराबाई ने प्रेम बेल को कैसे सींचा?
उत्तर : मीराबाई ने प्रेम बेल को आँसुओं से सींचा।
5. मीराबाई का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर : मीराबाई का जन्म जोधपुर, राजस्थान में हुआ था।
6. मीराबाई ने अपनी रचनाओं में किसकी उपासना की है?
उत्तर : मीराबाई ने श्रीकृष्ण की उपासना की है।
7. मीराबाई की मृत्यु कहाँ हुई थी?
उत्तर : मीराबाई की मृत्यु द्वारिका, गुजरात में हुई थी।
8. ‘गिरधर नागर’ में मीराबाई ने किस रस का उपयोग किया है?
उत्तर : मीराबाई ने भक्ति रस का उपयोग किया है।
9. मीराबाई के पदों का मुख्य स्वर क्या है?
उत्तर : मीराबाई के पदों का मुख्य स्वर भगवत प्रेम है।
10. मीराबाई की प्रमुख कृतियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर : उनकी प्रमुख कृतियाँ ‘गीत गोविंद,’ ‘राग गोविंद,’ और ‘नरसी जी का मायरा’ हैं।
11. मीराबाई ने अपने भजन कहाँ गाए?
उत्तर : मीराबाई ने मंदिरों में घूम-घूमकर अपने भजन गाए।
12. मीराबाई ने किस चीज़ का त्याग किया?
उत्तर : मीराबाई ने कुल की मर्यादा और लोकलाज का त्याग किया।
13. ‘प्रेम बेल’ का फल क्या है?
उत्तर : ‘प्रेम बेल’ का फल आनंद है।
14. मीराबाई किसे अपनी नाव की पतवार मानती हैं?
उत्तर : मीराबाई श्रीकृष्ण को अपनी नाव की पतवार मानती हैं।
15. मीराबाई ने दूध का माखन किसे दिया?
उत्तर : मीराबाई ने माखन भक्तों को दिया और खुद छाछ पिया।
Long Questions
1. मीराबाई ने अपने आराध्य के प्रति कैसी भक्ति प्रकट की है?
उत्तर : मीराबाई ने अपने आराध्य श्रीकृष्ण के प्रति पूर्ण समर्पण और प्रेम प्रकट किया है। उन्होंने लोकलाज और कुल मर्यादा त्यागकर कृष्ण-भक्ति में लीन होना स्वीकार किया। उनके पदों में भक्ति रस और प्रेम भाव प्रधान हैं।
2. मीराबाई ने ‘प्रेम बेल’ को सींचने के लिए क्या किया?
उत्तर : मीराबाई ने अपनी ‘प्रेम बेल’ को आँसुओं से सींचा और उसे बढ़ने दिया। यह ‘प्रेम बेल’ आनंद रूपी फल देती है। मीराबाई ने अपने आराध्य के प्रेम में सच्ची भक्ति का परिचय दिया।
3. ‘गिरधर नागर’ पद में मीराबाई ने क्या संदेश दिया है?
उत्तर : ‘गिरधर नागर’ पद में मीराबाई ने भगवत प्रेम और भक्ति का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सच्ची भक्ति से प्रेम का आनंद प्राप्त किया जा सकता है। उनकी रचनाएँ भक्तों को प्रेरित करती हैं।
4. मीराबाई का कृष्ण के प्रति प्रेम किस प्रकार का था?
उत्तर : मीराबाई का कृष्ण के प्रति प्रेम अलौकिक और पूर्ण समर्पण वाला था। उन्होंने अपने आराध्य को अपना पति मानकर जीवन के सभी बंधनों का त्याग किया। उनके भजनों में मिलन, प्रतीक्षा, और समर्पण की भावना है।
5. मीराबाई ने लोकलाज को क्यों छोड़ा?
उत्तर : मीराबाई ने कृष्ण की भक्ति के लिए लोकलाज और समाज की मर्यादाओं को त्याग दिया। उनके अनुसार, समाज की मान्यता से अधिक महत्वपूर्ण आराध्य के प्रति सच्चा प्रेम है।
6. मीराबाई के पदों में भक्ति रस कैसे झलकता है?
उत्तर : मीराबाई के पदों में भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति रस स्पष्ट रूप से झलकता है। उनके हर शब्द में कृष्ण के प्रति समर्पण और आराधना का भाव है।
7. ‘हरि बिन कूर्ण गति मेरी’ पद का अर्थ क्या है?
उत्तर : इस पद में मीराबाई ने कहा है कि बिना भगवान के जीवन अधूरा है। वे अपने आराध्य को ही अपनी जीवन-नौका का सहारा मानती हैं। उन्होंने हरि भक्ति को सर्वोपरि बताया है।
8. मीराबाई की भक्ति का प्रभाव समाज पर क्या था?
उत्तर : मीराबाई की भक्ति ने समाज को भक्ति और प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने अपने भजनों के माध्यम से लोगों को भगवान की ओर प्रेरित किया। उनकी भक्ति ने भक्तिमार्ग को सशक्त बनाया।
Leave a Reply