Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10th
ठेस
Short Questions
1. ‘ठेस’ कहानी के लेखक कौन हैं?
- फणीश्वरनाथ ‘रेणु’।
2. फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ को हिंदी साहित्य में किस नाम से जाना जाता है?
- आज़ादी के बाद के प्रेमचंद।
3. ‘ठेस’ कहानी का मुख्य पात्र कौन है?
- सिरचन।
4. गाँव के लोग सिरचन को क्या समझते थे?
- बेकार और बेगार।
5. सिरचन का मुख्य कार्य क्या था?
- चिक और शीतलपाटी बनाना।
6. गाँव वाले सिरचन को मुफ्तखोर और चटोर क्यों कहते थे?
- क्योंकि वह स्वादिष्ट खाने की माँग करता था।
7. सिरचन को सबसे अधिक ठेस कब लगी?
- जब उसे “चटोर” कहकर अपमानित किया गया।
8. माँ (रामबचन काकी) सिरचन को कैसा मानती थी?
- एक कारीगर के रूप में सम्मान देती थीं।
9. मानू कौन थी?
- सिरचन को सम्मान देने वाली लड़की, जिसकी शादी के लिए उसने चिक और शीतलपाटी बनाई।
10. सिरचन ने मानू के लिए क्या उपहार दिया?
- चिक, शीतलपाटी और एक जोड़ी आसनी कुश की।
11. सिरचन ने गाँव में अपने काम को क्यों छोड़ने का निश्चय किया?
- अपमान और स्वाभिमान की ठेस के कारण।
12. गाँव वाले सिरचन को मेहनताना किस रूप में देते थे?
- भोजन और पुराने कपड़ों के रूप में।
13. सिरचन का चरित्र किस गुण का प्रतीक है?
- आत्मसम्मान और स्वाभिमान का।
14. माँ (रामबचन काकी) ने सिरचन को क्या देने का वादा किया था?
- मोहर छाप वाली धोती।
15. मँझली भाभी ने सिरचन को देखकर कैसी प्रतिक्रिया दी?
- उसने उसे अपमानित किया और उसे मुफ्तखोर कहा।
16. मानू की शादी के लिए चिक और शीतलपाटी बनवाने का आदेश किसने दिया?
- माँ (रामबचन काकी) ने।
17. सिरचन की सबसे बड़ी विशेषता क्या थी?
- वह अपनी कला और स्वाभिमान को सबसे ऊपर रखता था।
18. ‘ठेस’ कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
- कलाकार और उसकी कला का सम्मान किया जाना चाहिए।
Long Questions
1. ‘ठेस’ कहानी में सिरचन के स्वाभिमान को कैसे ठेस पहुँचती है?
- सिरचन एक कुशल कारीगर था, लेकिन लोग उसे मेहनताना देने के बजाय तिरस्कार करते थे। जब मँझली भाभी और चाची ने उसे “चटोर” कहकर अपमानित किया, तो उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुँची और उसने अपना काम छोड़ दिया।
2. गाँव वाले सिरचन को मुफ्तखोर और चटोर क्यों समझते थे?
- गाँव के लोग सिरचन को उसके काम की उचित कीमत नहीं देते थे और उसे केवल भोजन और पुराने कपड़ों से संतुष्ट करना चाहते थे। जब वह अच्छा भोजन माँगता, तो वे उसे चटोर और मुफ्तखोर समझते, जबकि वह अपने काम के लिए सम्मान चाहता था।
3. कहानी ‘ठेस’ में कला और कलाकार के सम्मान का क्या महत्व है?
- यह कहानी बताती है कि कलाकार को केवल काम के लिए नहीं, बल्कि उसकी कला के लिए भी सम्मान मिलना चाहिए। सिरचन की कला की प्रशंसा तो की जाती थी, लेकिन उसे उचित मेहनताना और आदर नहीं मिलता था, जिससे उसे गहरी ठेस लगती थी।
4. सिरचन ने मानू की शादी के लिए क्या बनाया और क्यों?
- मानू की शादी के लिए सिरचन ने रंगीन चिक, शीतलपाटी और आसनी बनाई, क्योंकि उसे अपनी कला से प्रेम था। हालाँकि उसे अपमान सहना पड़ा, फिर भी उसने अपनी भावनाओं को अलग रखते हुए अपनी कला को पूरा किया और मानू को उपहार दिया।
5. सिरचन ने अपना काम क्यों छोड़ दिया?
- जब उसे लगातार अपमानित किया गया और “चटोर” कहा गया, तो उसे लगा कि उसकी कला की कद्र नहीं हो रही है। आत्मसम्मान की ठेस के कारण उसने यह निर्णय लिया कि वह अब कभी अपनी कला का उपयोग गाँव वालों के लिए नहीं करेगा।
6. कहानी ‘ठेस’ का शीर्षक कितना उपयुक्त है?
- इस कहानी का शीर्षक “ठेस” बिल्कुल उपयुक्त है क्योंकि यह कलाकार की भावनात्मक चोट को दर्शाता है। सिरचन को सिर्फ आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी चोट पहुँचाई जाती है, जिससे वह अपनी कला को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाता है।
7. माँ (रामबचन काकी) और मँझली भाभी के सिरचन के प्रति व्यवहार में क्या अंतर था?
- माँ सिरचन को सम्मान देती थीं और उसे हमेशा अच्छी चीज़ें खिलाकर उसके काम को महत्व देती थीं। जबकि मँझली भाभी उसे तिरस्कार करती थीं, उसे चटोर कहती थीं और उसकी कला की जगह उसे केवल उसके खाने की आदतों से जोड़कर देखती थीं।
8. सिरचन का चरित्र किस गुण का प्रतीक है?
- सिरचन का चरित्र स्वाभिमान, आत्मसम्मान और कला के प्रति प्रेम का प्रतीक है। वह एक सच्चा कलाकार था, जो अपने काम को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करता था, लेकिन समाज द्वारा सम्मान न मिलने पर उसने अपनी कला छोड़ने का निर्णय लिया।
9. मानू ने सिरचन को क्या संदेश दिया?
- मानू सिरचन को समझाती है कि उसे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और उसे अपने काम पर विश्वास रखना चाहिए। वह सिरचन के प्रति सम्मान प्रकट करती है और अंततः जब सिरचन उसे उपहार देता है, तो वह भावुक होकर रो पड़ती है।
10. सिरचन ने अंत में मानू को उपहार क्यों दिया, जबकि उसने कसम खाई थी कि वह काम नहीं करेगा?
- सिरचन अपनी कला को भले ही छोड़ने की बात करता है, लेकिन उसका हृदय मानू की शादी के लिए चिक और शीतलपाटी अधूरी छोड़ने को तैयार नहीं था। वह अपने आत्मसम्मान को भूलकर अपनी कला का परिचय देता है और बिना कोई मेहनताना लिए उसे उपहार में दे देता है।
Leave a Reply