Important Question For All Chapters – हिंदी Class 10
बरषहिं जलद
लघु प्रश्न
1. गोस्वामी तुलसीदास का जन्म और मृत्यु कब हुई थी?
➝ उनका जन्म 1511 ई. में बाँदा (उत्तर प्रदेश) में हुआ था और 1623 ई. में वाराणसी में उनका निधन हुआ।
2. ‘बरषहिं जलद’ चौपाई किस महाकाव्य से ली गई है?
➝ यह चौपाई ‘रामचरितमानस’ के किष्किंधा कांड से ली गई है।
3. इस पद्यांश में कौन-से मौसम का वर्णन किया गया है?
➝ इसमें वर्षा ऋतु का वर्णन किया गया है।
4. श्रीराम किस कारण से व्याकुल हैं?
➝ वे माता सीता के वियोग में व्याकुल हैं।
5. बिजली के अस्थिर चमकने की तुलना किससे की गई है?
➝ दुष्ट व्यक्ति की अस्थिर मित्रता से।
6. जल से भरी छोटी नदियों की तुलना किससे की गई है?
➝ धन पाकर अहंकारी होने वाले नीच व्यक्ति से।
7. सद्गुणी लोग किस प्रकार ज्ञान प्राप्त करते हैं?
➝ जैसे भूमि के पास आने पर बादल बरसते हैं, वैसे ही ज्ञानी लोग ज्ञान प्राप्त करते हैं।
8. सत्संगति और कुसंगति का प्रभाव किस प्रकार बताया गया है?
➝ सत्संगति से ज्ञान बढ़ता है और कुसंगति से नष्ट हो जाता है।
9. वर्षा ऋतु में मेढक की टर्राहट की तुलना किससे की गई है?
➝ ब्राह्मणों द्वारा वेदपाठ करने से।
10. कुपुत्र के उत्पन्न होने से परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
➝ वह अपने कुल के धर्म को नष्ट कर देता है।
दीर्घ प्रश्न
1. गोस्वामी तुलसीदास ने इस पद्यांश में वर्षा ऋतु का वर्णन किस प्रकार किया है?
➝ तुलसीदास ने वर्षा ऋतु के माध्यम से प्रकृति और समाज की विभिन्न स्थितियों का वर्णन किया है। उन्होंने बताया कि वर्षा ऋतु में आकाश में काले घने बादल गरजते हैं, बिजली चमकती है, और धरती हरी-भरी हो जाती है। इस प्राकृतिक दृश्य के माध्यम से उन्होंने संतों, दुष्टों, ज्ञानी और अज्ञानी लोगों की प्रवृत्तियों की तुलना की है।
2. तुलसीदास जी ने वर्षा के जल से भरी नदियों की तुलना किससे की है?
➝ उन्होंने वर्षा के जल से भरकर तेजी से बहने वाली छोटी नदियों की तुलना उन दुष्ट लोगों से की है, जो थोड़ी-सी संपत्ति पाकर अहंकारी हो जाते हैं। जैसे पानी सूखने पर छोटी नदियाँ शांत हो जाती हैं, वैसे ही इनका अहंकार भी समय के साथ समाप्त हो जाता है।
3. इस पद्यांश में संतों और दुष्टों की तुलना किस प्रकार की गई है?
➝ संतों की तुलना पहाड़ों से की गई है, जो वर्षा की बूँदों के आघात को सहन करते हैं, जैसे संत दुष्टों के कटु वचनों को सहते हैं। वहीं, दुष्टों की तुलना अस्थिर बिजली और उथली नदियों से की गई है, जो अस्थायी होती हैं और सच्ची मित्रता नहीं निभा सकतीं।
4. ‘हरित भूमि तृण संकुल’ पंक्ति का भावार्थ क्या है?
➝ इस पंक्ति में कहा गया है कि वर्षा के कारण धरती हरी-भरी हो जाती है, जिससे रास्ते पहचानना कठिन हो जाता है। इसकी तुलना धर्मग्रंथों के लुप्त होने से की गई है, जो पाखंड और विवादों के कारण समाज में सही मार्गदर्शन नहीं कर पाते।
5. पाखंड और कुसंगति का प्रभाव तुलसीदास जी ने कैसे दर्शाया है?
➝ तुलसीदास जी ने कहा है कि पाखंड और कुसंगति के प्रभाव से सच्चे धर्मग्रंथ और ज्ञान लुप्त हो जाते हैं। जैसे घना अंधकार दिन में भी सूरज को ढक लेता है, वैसे ही बुरी संगति से ज्ञान का नाश हो जाता है और व्यक्ति सत्य से भटक जाता है।
6. चक्रवाक पक्षी की अनुपस्थिति से तुलसीदास जी क्या समझाना चाहते हैं?
➝ तुलसीदास जी ने कहा है कि वर्षा ऋतु में चक्रवाक पक्षी नहीं दिखाई देते, जैसे कलियुग में धर्म दुर्लभ हो जाता है। जैसे चक्रवाक पक्षी बिना सूर्य के अंधकार में नहीं रहता, वैसे ही धर्म और सच्चाई कलियुग में कमजोर हो जाते हैं।
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