Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10th
भारत महिमा
Short Questions
1. जयशंकर प्रसाद का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर : 1890 में वाराणसी, उत्तर प्रदेश में।
2. जयशंकर प्रसाद छायावाद के किस रूप में प्रसिद्ध हैं?
उत्तर : छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक।
3. कवि ने कविता में किसका वर्णन किया है?
उत्तर : भारत के गौरवशाली अतीत का सजीव वर्णन।
4. ‘कहीं से हम आए थे नहीं’ पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर : यह भारतवासियों की प्राचीनता और आत्मनिर्भरता दर्शाती है।
5. ‘हीरक हार’ का क्या मतलब है?
उत्तर : हीरों का हार।
6. जयशंकर प्रसाद की प्रमुख काव्य रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर : ‘झरना’, ‘आँसू’, और ‘लहर’।
7. कविता में कवि ने अतिथि को क्या कहा है?
उत्तर : अतिथि को देवता कहा गया है।
8. ‘संसृति’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर : संसार।
9. ‘निछावर करना’ मुहावरे का अर्थ क्या है?
उत्तर : समर्पित करना।
10. ‘यवन’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर : यूनानी।
11. कविता में भारतीय संस्कृति की कौन सी विशेषता बताई गई है?
उत्तर : दान और नम्रता।
12. जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर : ‘स्कंदगुप्त’, ‘चंद्रगुप्त’, और ‘ध्रुवस्वामिनी’।
13. कविता में ‘शांति’ और ‘शक्ति’ का क्या महत्व है?
उत्तर : ये भारतीय संस्कृति के मूलभूत गुण हैं।
14. कवि ने भारतवर्ष के प्रति क्या संदेश दिया है?
उत्तर : अपने देश के लिए सर्वस्व समर्पण का।
15. ‘व्योम’ का अर्थ क्या है?
उत्तर : आकाश।
Long Questions
1. जयशंकर प्रसाद ने भारत की संस्कृति और गौरवशाली अतीत का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर : कवि ने भारत को धर्म, शील, दया और दान का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, बल्कि ज्ञान और शांति का संदेश दिया। भारत की सांस्कृतिक महानता और नैतिकता ने पूरी दुनिया को प्रेरणा दी।
2. ‘कहीं से हम आए थे नहीं’ पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर : इस पंक्ति में कवि भारत की प्राचीनता और आत्मनिर्भरता को व्यक्त करते हैं। उनका कहना है कि भारतवासियों की जन्मभूमि यहीं है, वे किसी और स्थान से नहीं आए। यह पंक्ति भारतीय सभ्यता की जड़ों और मौलिकता को दर्शाती है।
3. ‘वही हम दिव्य आर्य संतान’ पंक्ति से कवि क्या व्यक्त करना चाहते हैं?
उत्तर : इस पंक्ति में कवि ने भारतीयों की उच्च संस्कृति और ज्ञान को महिमा मंडित किया है। उन्होंने कहा कि आर्य संतान दिव्य गुणों से संपन्न हैं, जिनमें साहस, शांति और ज्ञान है। यह पंक्ति हमारे देशवासियों के आत्मगौरव और आदर्शों को व्यक्त करती है।
4. कवि ने भारतवासियों के किन चारित्रिक गुणों का उल्लेख किया है?
उत्तर : कवि ने दान, सत्य, नम्रता और अतिथि-सत्कार जैसे गुणों का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज सदैव दयालु और उदार थे। ये गुण भारतीय संस्कृति के आधारभूत स्तंभ हैं।
5. ‘चरित थे पूत, भुजा में शक्ति’ पंक्ति का क्या महत्व है?
उत्तर : यह पंक्ति हमारे पूर्वजों के पवित्र और शक्तिशाली व्यक्तित्व का वर्णन करती है। वे न केवल चरित्रवान थे, बल्कि उनके अंदर मानसिक और शारीरिक शक्ति भी थी। यह हमें उनके आदर्शों को अपनाने का संदेश देती है।
6. जयशंकर प्रसाद ने भारतीय संस्कृति के अतिथि सत्कार को कैसे दर्शाया है?
उत्तर : कवि ने अतिथि को देवता के रूप में वर्णित किया है। भारतीय परंपरा में अतिथि का आदर और सत्कार करना उच्च मानवीय गुण है। यह पंक्ति भारतीय संस्कृति के सेवा भाव और उदारता को दर्शाती है।
7. कवि के अनुसार भारतवासियों को अपने देश के प्रति क्या करना चाहिए?
उत्तर : कवि ने कहा है कि हमें अपने देश के प्रति गर्व करते हुए उसकी सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। हमें अपना सर्वस्व समर्पित कर भारत को और भी महान बनाना चाहिए। यह हमारे देशभक्ति की भावना को जगाने का संदेश देता है।
8. कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर : कविता में अपने देश के प्रति प्रेम, गर्व और त्याग का संदेश दिया गया है। कवि ने कहा है कि भारत की गौरवशाली संस्कृति को संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। हमें अपने देश के लिए जीना चाहिए और उसे समर्पण करना चाहिए।
Leave a Reply