निर्माणों के पावन युग में
पाठ के आँगन में
1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
(क) निर्माणों के पावन युग में हम इन्हें न भूलें:
उत्तर:-चरित्र निर्माण
वसुधा का कल्याण
संस्कृति का सम्मान
नैतिकता का उत्थान
2. कृति पूर्ण कीजिए:
(ख) होना जरूरी
उत्तर:-आविष्कारों में नवाचार होना जरूरी।
विज्ञान में नैतिकता होना जरूरी।
पाठ से आगे
स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी का अंश पढ़कर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:- स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति, वेदांत और अध्यात्म के प्रमुख प्रचारक थे। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उन्होंने 1893 में शिकागो धर्म संसद में अपने भाषण से पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। उन्होंने समाज सुधार, शिक्षा और आध्यात्मिकता के लिए कई कार्य किए। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
भाषा बिंदु
निम्न शब्दों के अर्थ शब्दकोश की सहायता से ढूँढ़िए तथा उचित शब्द रिक्त स्थानों में लिखिए :-
उत्तर:- 1. आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की।
2. प्रगति के लिए आपसी स्पर्धा आवश्यक है।
3. कार्यक्रम को शुरू करने के लिए अध्यक्ष महोदय की अनुमति चाहिए।
4. काले बादलों को देखकर बारिश की संभावना है।
5. सड़क-योजना में सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिला।
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