उड़ान
कवि परिचय
नाम: चंद्रसेन विराट
जन्म: 3 दिसंबर 1936, इंदौर (म.प्र.)
योगदान: हिंदी ग़ज़ल और नवगीत के प्रमुख कवि
मुख्य रचनाएँ:
- मेंहदी रची हथेली, स्वर के सोपान, मिट्टी मेरे देश की (गीत संग्रह)
- आस्था के अमलतास, न्याय कर मेरे समय (ग़ज़ल संग्रह)
- कुछ पलाश, कुछ पाटल, कुछ सपने, कुछ सच (मुक्तक संग्रह)
ग़ज़ल का परिचय
ग़ज़ल में एक ही बहर (छंद) और वजन के शेर होते हैं।
पहले शेर को मतला और अंतिम शेर को मकता कहते हैं।
इस कविता में स्वाभिमान, हौसला, और दूरदृष्टि जैसे गुणों पर जोर दिया गया है।
कविता का सारांश
- कठिन परिस्थितियों में खुद को मजबूत बनाना चाहिए।
- सम्मान माँगने से नहीं, कर्म से प्राप्त होता है।
- अपने सपनों को पाने के लिए खुद मेहनत करनी पड़ती है।
- सच्चे सपने बिना बुलाए भी आते हैं।
- पश्चाताप करने वालों को अपनी गलतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए।
प्रमुख शिक्षाएँ
- मेहनत और आत्मनिर्भरता का महत्व।
- सम्मान और सफलता माँगने से नहीं मिलती, बल्कि कर्म से मिलती है।
- जो व्यक्ति ऊँचाई तक पहुँचता है, उसे अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
- गहरी सोच रखने वाला व्यक्ति कम बोलता है और अधिक देखता-समझता है।
- अपने परिश्रम और आत्मविश्वास से ही हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
शब्दार्थ
कंटकों – काँटों
सुमन – फूल
परों – पंख
उड़ान – आसमान में उड़ना (प्रगति का प्रतीक)
अगन – आग
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