डाॅक्टर का अपहरण
परिचय
हरिकृष्ण देवसरे हिंदी के प्रसिद्ध बाल साहित्यकार थे। उनकी कहानियाँ विज्ञान पर आधारित होती थीं और बच्चों की कल्पनाओं को नई दिशा देती थीं।
लेखक: डॉ. हरिकृष्ण देवसरे
मुख्य पात्र
डॉ. भटनागर – एक दयालु और निःस्वार्थ डॉक्टर
श्रीमती भटनागर – डॉक्टर की पत्नी
अन्य ग्रह के लोग – जिन्होंने डॉक्टर का अपहरण किया
कहानी का सार
- एक रात डॉक्टर भटनागर को एक अज्ञात वाहन में बैठाकर ले जाया जाता है और वे लापता हो जाते हैं।
- उनकी पत्नी बहुत परेशान होती हैं और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराती हैं।
- कई महीनों बाद, उनके घर के बाहर एक अजीब निशान और एक सीडी मिलती है।
- सीडी में डॉक्टर भटनागर का संदेश होता है, जिसमें वे बताते हैं कि उन्हें दूसरे ग्रह के लोग अपने यहाँ ले गए हैं।
- उस ग्रह पर विज्ञान बहुत उन्नत है, लेकिन वहाँ के लोग एक अजीब बीमारी से परेशान हैं, जिसमें उनके शरीर के अंग सड़ने लगते हैं।
- वे चिकित्सा विज्ञान में बहुत पीछे हैं और डॉक्टर भटनागर को इस बीमारी का इलाज खोजने के लिए अपहरण कर लिया गया है।
- डॉक्टर भटनागर वहाँ रहकर उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन उनकी वापसी निश्चित नहीं है।
कहानी का उद्देश्य
विज्ञान और तकनीक का संतुलन: विज्ञान का अधिक विकास अगर मानवता के बिना हो, तो यह समाज के लिए घातक हो सकता है।
पर्यावरण संरक्षण: उद्योग और मशीनों के बढ़ने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य और चिकित्सा का महत्त्व: कोई भी समाज उन्नत होने के बावजूद अगर चिकित्सा में पीछे रह जाए, तो वह संकट में आ सकता है।
मुहावरे (कहानी में प्रयुक्त)
हतप्रभ रहना – बहुत हैरान हो जाना
नामों-निशान मिटना – पूरी तरह समाप्त हो जाना
निष्कर्ष:
यह कहानी विज्ञान और समाज के बीच के संतुलन को दर्शाती है। विज्ञान और मशीनें हमारी मदद के लिए हैं, लेकिन अगर हमने इनके दुष्प्रभावों पर ध्यान नहीं दिया, तो भविष्य में हम भी उसी स्थिति में पहुँच सकते हैं, जैसी स्थिति कहानी के ग्रहवासियों की थी।
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