Notes For All Chapters – लोकभारती हिंदी Class 9
शिष्टाचार
परिचय
लेखक: भीष्म साहनी
जन्म: 8 अगस्त 1915, रावलपिंडी (अविभाजित भारत)
मृत्यु: 11 जुलाई 2003
प्रमुख रचनाएँ: तमस, झरोखे, कुंतो, भाग्य-रेखा, भटकती राख
लेखन शैली: सामाजिक विषमता, संघर्ष, मानवीय करुणा व नैतिकता
कहानी का सारांश
मुख्य पात्र:
- बाबू रामगोपाल – घर के मालिक
- श्रीमती जी – उनकी पत्नी
- हेतू – नया नौकर (गाँव से आया)
कहानी का विषय:
- श्रीमती जी नौकरों पर विश्वास नहीं करतीं और उनके साथ कठोर व्यवहार करती हैं।
- हेतू गरीब और सीधा-सादा नौकर है।
- एक दिन, जब घर में मुंडन संस्कार का कार्यक्रम चल रहा होता है, हेतू अचानक छुट्टी माँगता है।
- बिना कारण बताए छुट्टी माँगने पर रामगोपाल जी क्रोधित होकर उसे चाँटा मार देते हैं और निकाल देते हैं।
- बाद में, जब बाबू रामगोपाल हेतू से मिलते हैं, तो पता चलता है कि हेतू के बच्चे की मृत्यु हो गई थी, लेकिन उसने घर के खुशी के माहौल में यह बात बताना उचित नहीं समझा।
- इस घटना से रामगोपाल और श्रीमती जी को अपनी गलती का एहसास होता है।
कहानी से सीख
- नौकरों और कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
- हर किसी के दुख और परिस्थितियों को समझना चाहिए।
- जल्दबाजी में किसी को दोष नहीं देना चाहिए।
- शिष्टाचार और मानवता सबसे बड़ा धर्म है।
महत्वपूर्ण शब्दार्थ
शब्द | अर्थ |
---|---|
अनथक | बिना थके |
षड्यंत्र | कपटपूर्ण योजना |
अफसोस | पश्चात्ताप |
पसीजना | दया आना, पिघलना |
बरखास्त करना | नौकरी से निकालना |
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