ऐ सखि ! (पूरक पठन)
लेखक परिचय
नाम: अबुल हसन यमीनुद्दीन मुहम्मद खुसरो
प्रसिद्ध नाम: अमीर खुसरो
जन्म: 1253 ई., पटियाली (उत्तर प्रदेश)
मृत्यु: 1325 ई.
विशेषता:
- हिंदी, हिंदवी और फारसी भाषा में लेखन।
- पहेलियाँ, मुकरियाँ और दोहे लिखने में प्रसिद्ध।
- उनकी कृतियाँ बुद्धि-चातुर्य और मनोरंजन का मिश्रण हैं।
प्रमुख रचनाएँ:
- तुहफा-तुस-सिगर
- वसतुल-हयात
- गुर्तुल-कमा
- नेहायतुल-कमाल
- मुकरियाँ, पहेलियाँ और दोहे
मुकरियों का परिचय
मुकरियाँ लोक प्रचलित पहेलियों का एक विशेष रूप है।
- इसमें प्रश्न और उत्तर के माध्यम से बुद्धि की परीक्षा ली जाती है।
- यह मनोरंजन का एक तरीका भी होता है।
- अमीर खुसरो ने इसे सुंदर और रोचक शैली में प्रस्तुत किया है।
मुख्य पहेलियाँ और उनके उत्तर
पहेली:
“रात में आता, सुबह चला जाता, सबसे निराला, ऐ सखि साजन?”
उत्तर: तारा (सितारा)
पहेली:
“आता है शादी के दिन, उस दिन कोई और नहीं होता, मीठे लगते हैं इसके बोल, ऐ सखि साजन?”
उत्तर: ढोल
पहेली:
“जब माँगू, तब जल भरकर लाए, मेरे मन की तपन बुझाए, ऐ सखि साजन?”
उत्तर: लोटा
पहेली:
“बार-बार सोते समय जगाए, ना जागूँ तो काटे-खाए, ऐ सखि साजन?”
उत्तर: मच्छर
पहेली:
“रंग-बिरंगा, बहुत गुणवान, राम-राम बोले बिना ना सोए, ऐ सखि साजन?”
उत्तर: तोता
शब्दार्थ
अचरज – आश्चर्य
तपन – गर्मी
अर्धनिशा – आधी रात
भौन – भवन
अंजन – काजल
हिय – हृदय
निष्कर्ष
अमीर खुसरो ने अपनी रचनाओं में मनोरंजन और ज्ञान का सुंदर मेल किया है। उनकी मुकरियाँ सिर्फ पहेलियाँ नहीं बल्कि बुद्धि और भाषा की परीक्षा भी होती हैं।
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