जूलिया
लेखक परिचय
नाम: अंतोन चेखव
जन्म: 29 जनवरी 1860, रूस
मृत्यु: 15 जुलाई 1904
मुख्य रचनाएँ:
- कहानी: अ बैड बिजनेस, ओल्ड एज, ग्रीषा आदि।
- नाटक: इवानोव, द चैरी ऑर्चर्ड आदि।
उनकी रचनाएँ समाज की बुराइयों और अन्याय को उजागर करती हैं।
कहानी का सारांश
यह एकांकी (छोटे नाटक) में एक गवर्नेस (नौकरानी) जूलिया वासिल्देवना और उसके मालिक के बीच संवाद को दिखाया गया है।
1. शोषण और अन्याय
- जूलिया अपने मालिक के घर में बच्चों की देखभाल करती है।
- जब उसकी तनख्वाह देने की बारी आती है, तो मालिक कई बहाने बनाकर पैसे काटने लगता है।
- मालिक जूलिया की मासूमियत का फायदा उठाता है और उसकी मेहनत का सही पैसा नहीं देता।
2. डर और बेबसी
- जूलिया बहुत ही सीधी-सादी और डरपोक लड़की है।
- वह मालिक से बहस नहीं करती और उसके द्वारा दिए गए कम पैसे भी चुपचाप ले लेती है।
3. मालिक का पश्चाताप
- अंत में मालिक को अपनी गलती का अहसास होता है और वह जूलिया से माफी मांगता है।
- वह उसे सही वेतन देने का फैसला करता है और उसे अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की सीख देता है।
मुख्य संदेश
अन्याय का विरोध करें: जूलिया जैसी कमजोर वर्ग की महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए।
समाज में ईमानदारी और न्याय की जरूरत है: मालिक को अपनी गलती का अहसास होता है और वह सुधरता है।
स्वाभिमान जरूरी है: हर इंसान को अपनी मेहनत का पूरा फल मिलना चाहिए।
महत्वपूर्ण शब्द और मुहावरे
शब्द | अर्थ |
---|---|
रूबल | रूस की मुद्रा |
निर्मम | निर्दयी |
भीरु | डरपोक |
ठग लेना | धोखा देना |
हड़प लेना | बेईमानी से अधिकार कर लेना |
निष्कर्ष
“जूलिया” एक ऐसी कहानी है जो हमें सिखाती है कि हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। इसे समझना आसान है और यह समाज की कड़वी सच्चाई को दर्शाती है।
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