अतीत के पत्र
1. परिचय
विनोबा भावे(पूरा नाम: विनायक नरहरी भावे)
- जन्म: 11 सितंबर 1895
- मृत्यु: 15 नवंबर 1982
- वे स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और गांधीवादी विचारक थे।
- प्रमुख कृतियाँ: गीताई (गीता का मराठी अनुवाद), गीता पर वार्ता, शिक्षा पर विचार।
महात्मा गांधी (पूरा नाम: मोहनदास करमचंद गांधी)
- जन्म: 2 अक्टूबर 1869
- मृत्यु: 30 जनवरी 1948
- वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे।
- प्रमुख कृतियाँ: सत्य के साथ मेरे प्रयोग (आत्मकथा), हिंद स्वराज्य।
2. पत्रों का सारांश
विनोबा जी का पत्र गांधीजी को
- आश्रम छोड़कर एक साल तक बाहर रहे और आत्मविकास किया।
- अपने जीवन में ब्रह्मचर्य और अनुशासन का पालन किया।
- शिक्षा, अध्ययन और समाज सेवा में लगे रहे।
- वे स्वास्थ्य सुधार के लिए पैदल यात्रा करते, चक्की पीसते और सूर्य नमस्कार करते थे।
- गीता का प्रचार किया और विद्यार्थियों को नि:शुल्क पढ़ाया।
गांधीजी का उत्तर विनोबा जी को
- उन्होंने विनोबा जी के त्याग, चरित्र और सेवा-भाव की सराहना की।
- उन्हें अपना “सच्चा पुत्र” कहा।
- उनके आहार सुधार के बारे में सलाह दी और सत्याग्रह के लिए तत्पर रहने को कहा।
3. महत्वपूर्ण शिक्षाएँ
स्वास्थ्य का महत्व – नियमित व्यायाम और संतुलित आहार ज़रूरी है।
शिक्षा और आत्मविकास – गीता, उपनिषदों और हिंदी का अध्ययन किया।
सादगी और त्याग – न्यूनतम वस्तुओं में जीवन जीना (अपरिग्रह)।
समाज सेवा – विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा दी और हिंदी प्रचार किया।
अनुशासन और संकल्प – ब्रह्मचर्य, सत्य और अहिंसा का पालन किया।
4. मुख्य शब्दावली
शब्द | अर्थ |
---|---|
अस्वादव्रत | फीका भोजन करने का संकल्प |
अपरिग्रह | अधिक चीजें इकट्ठा न करना |
करघा | कपड़ा बुनने का यंत्र |
रमता राम | फक्कड़, एक स्थान पर न टिकने वाला |
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