अपराजेय
परिचय
लेखिका परिचय – कमल कुमार
जन्म: 7 अक्टूबर 1946, अंबाला (हरियाणा)
– कमल कुमार हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका हैं। उनकी कहानियाँ जीवन के अनुभवों से भरी होती हैं, जिनमें आसक्ति, आस्था, आशा और जीवन का स्पंदन स्पष्ट रूप से झलकता है।
प्रमुख रचनाएँ:
– कहानी संग्रह: पहचान, क्रमशः, फिर से शुरू
– उपन्यास: अपार्थ, आवर्तन, हैमबरगर, पासवर्ड
कहानी का सारांश:
यह कहानी अमरनाथ नामक व्यक्ति की साहसिक यात्रा को दर्शाती है, जो एक भीषण सड़क दुर्घटना के बावजूद हार नहीं मानता। डॉक्टरों को उनकी टाँग और फिर बाद में उनकी बाँह काटनी पड़ी, लेकिन उन्होंने जीवन से हार नहीं मानी। उन्होंने कला, बागवानी और संगीत की ओर रुख किया और अपने आत्मविश्वास से सभी को प्रेरित किया। अंत में, उनकी आवाज भी चली गई, फिर भी वे अपने चेहरे की मुस्कान और दृढ़ संकल्प से जीवन का आनंद लेते रहे।
मुख्य पात्र:
अमरनाथ – कहानी के नायक, जो किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानते।
अनिल – अमरनाथ का बेटा, जो पिता के लिए हमेशा चिंतित रहता है।
डॉक्टर – जो अमरनाथ की शारीरिक स्थिति का इलाज करते हैं।
परिवार और मित्र – अमरनाथ के साहस को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं और उनका साथ देते हैं।
कहानी का मुख्य संदेश:
- असली जीत आत्मबल से मिलती है।
- शारीरिक अपंगता, मानसिक शक्ति को कमजोर नहीं कर सकती।
- कला और संगीत जीवन में नई ऊर्जा भर सकते हैं।
- हर परिस्थिति का सामना धैर्य और साहस से करना चाहिए।
महत्वपूर्ण घटनाएँ:
दुर्घटना – अमरनाथ की कार का एक्सीडेंट हो जाता है, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
टाँग की कटाई – संक्रमण के कारण डॉक्टर उनकी एक टाँग काट देते हैं।
बागवानी और चित्रकारी – अमरनाथ कला और बागवानी में रुचि लेते हैं।
बाँह की कटाई – बीमारी के कारण उनकी बाँह भी काट दी जाती है।
संगीत साधना – वे संगीत सीखना शुरू कर देते हैं।
आवाज़ खोना – बीमारी के चलते वे अपनी आवाज भी खो देते हैं, फिर भी जीवन से हार नहीं मानते।
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