चाँदनी रात
कवि का परिचय
- चाँदनी रात – मैथिलीशरण गुप्त
- जन्म: 3 अगस्त 1886, चिरगाँव, झाँसी (उत्तर प्रदेश)
- मृत्यु: 12 दिसंबर 1964
- विशेषता: खड़ी बोली के प्रसिद्ध कवि, जिनकी रचनाएँ भावनाओं और देशभक्ति से भरी होती हैं।
- प्रमुख रचनाएँ: साकेत, यशोधरा, जयद्रथ वध, पंचवटी, भारत-भारती आदि।
पाठ का सारांश (संक्षिप्त विवरण)
यह कविता “पंचवटी” खंडकाव्य से ली गई है। इसमें चाँदनी रात का मनोहारी दृश्य प्रस्तुत किया गया है। कवि ने प्रकृति की सुंदरता का अत्यंत आकर्षक चित्रण किया है।
चाँदनी की सुंदरता: चंद्रमा की किरणें जल-थल पर झिलमिलाती हैं, जिससे वातावरण स्वच्छ और सुंदर दिखाई देता है।
प्राकृतिक दृश्य: धरती हरियाली से सजी है, पेड़ मंद हवा में झूम रहे हैं, और वातावरण शांत है।
शांति का अनुभव: रात की निस्तब्धता (शांति) को दर्शाया गया है, जिससे मन को सुकून मिलता है।
प्राकृतिक चक्र: रात में चाँदनी फैलती है, और सुबह होते ही सूर्य की किरणें इसे समेट लेती हैं।
मुख्य बिंदु
1. चंद्रमा की किरणें जल और भूमि पर खेल रही हैं।
2. स्वच्छ चाँदनी धरती और आकाश को सुंदर बनाती है।
3. पेड़-पौधे मंद हवा के झोंकों से झूम रहे हैं।
4. रात के समय वातावरण शांत और सौम्य रहता है।
5. धरती पर चंद्रमा की किरणें मोतियों की तरह बिखर जाती हैं।
6. सुबह होते ही सूर्य उन्हें समेट लेता है।
7. पंचवटी में एक धनुर्धर (तीरंदाज) जाग रहा है, जबकि पूरी दुनिया सो रही है।
8. कवि ने इस सुंदर दृश्य का वर्णन बहुत ही सरल और प्रभावशाली शब्दों में किया है।
महत्वपूर्ण शब्दार्थ
शब्द | अर्थ |
---|---|
पुलक | खुशी, रोमांच |
कुटीर | झोपड़ी |
धनुर्धर | तीरंदाज |
कुसुमायुध | कामदेव |
निस्तब्ध | शांत |
वसुंधरा | पृथ्वी |
निबंध लेखन
विषय: प्रकृति मनुष्य की मित्र है
प्रकृति हमारे जीवन का आधार है। यह हमें जल, वायु, भोजन, और आवश्यक संसाधन प्रदान करती है। पेड़-पौधे हमें ऑक्सीजन देते हैं, नदियाँ हमें पानी देती हैं, और मिट्टी हमें अन्न प्रदान करती है। प्रकृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। यदि हम इसे नष्ट करेंगे, तो हमें भी नुकसान होगा। इसलिए, हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और पेड़-पौधों की रक्षा करनी चाहिए।
निष्कर्ष
“चाँदनी रात” कविता प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत वर्णन प्रस्तुत करती है। यह हमें शांति और सौंदर्य का अनुभव कराती है। मैथिलीशरण गुप्त जी की यह कविता हमें प्रकृति से प्रेम करने और उसकी रक्षा करने की प्रेरणा देती है।
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