कह कविराय
1. गिरिधर कविराय कौन थे?
उत्तर: वे एक प्रसिद्ध कवि थे, जिन्होंने नीति, वैराग्य और अध्यात्म पर रचनाएँ कीं।
2. गिरिधर कविराय की रचनाएँ किस प्रकार की होती थीं?
उत्तर: उनकी रचनाएँ नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक ज्ञान से जुड़ी होती थीं।
3. कुंडली छंद क्या होता है?
उत्तर: यह दोहा और रोला छंद का मेल होता है, जिसमें शुरुआत और अंत एक ही शब्द से होता है।
4. गिरिधर कविराय की प्रसिद्ध कृति कौन-सी है?
उत्तर: “गिरिधर कविराय ग्रंथावली” जिसमें 500 से अधिक दोहे और कुंडलियाँ हैं।
5. ‘बिन गुण लहे न कोय’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: बिना गुणों के कोई व्यक्ति किसी से मान-सम्मान नहीं पा सकता।
6. ‘मतलब का व्यवहार’ किसे कहते हैं?
उत्तर: जब तक धन होता है, लोग साथ रहते हैं; धन खत्म होने पर साथ छोड़ देते हैं।
7. ऋण लेने और लौटाने के बारे में कवि क्या कहते हैं?
उत्तर: लोग मीठी बातें करके ऋण लेते हैं लेकिन चुकाने में बहाने बनाते हैं।
8. ‘बिना विचारे जो करै’ से कवि क्या समझाना चाहते हैं?
उत्तर: बिना सोचे-समझे काम करने पर पछताना पड़ता है।
9. ‘बीती ताहि बिसार दे’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: बीती हुई बातों को भूलकर आगे का ध्यान रखना चाहिए।
10. ‘पैसा रहा न पास, यार मुख से नहि बोले’ का क्या आशय है?
उत्तर: जब तक पैसा होता है, लोग साथ देते हैं; पैसा खत्म होने पर दूर हो जाते हैं।
11. कौआ और कोयल में क्या अंतर है?
उत्तर: दोनों काले होते हैं, पर कोयल की आवाज मधुर होती है, और कौए की कर्कश।
12. गिरिधर कविराय के अनुसार मित्र की पहचान कैसे होती है?
उत्तर: विपत्ति के समय ही सच्चे मित्र की पहचान होती है।
13. ‘गुण के ग्राहक सहस नर’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: हजारों लोग होते हैं, लेकिन केवल गुणवान व्यक्ति ही सम्मान पाते हैं।
14. ‘खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं’ इस कथन का क्या अर्थ है?
उत्तर: यदि हम दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटें, तो हमारी भी खुशी बढ़ती है।
15. गिरिधर कविराय की भाषा शैली कैसी थी?
उत्तर: सरल, सुबोध और प्रभावशाली।
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