Part I
Summary in Marathi
ट्रॉय हे आशिया मायनरमधील एक समृद्ध आणि शक्तिशाली शहर होते. हे शहर व्यापार आणि शेतीसाठी प्रसिद्ध होते. ट्रॉय एजियन समुद्राच्या जवळ होते आणि मजबूत तटबंदीमुळे सुरक्षित होते. शहराच्या मागे माउंट आयडा होते, ज्यामुळे त्यांना भरपूर पाणी आणि सुपीक जमीन मिळायची. ट्रॉयच्या या चांगल्या स्थानामुळे व्यापार आणि शेती मोठ्या प्रमाणात चालायची. ट्रोजन लोक शूर योद्धे होते, आणि त्यांच्या सैन्याला बाहेरून कोणीही सहज हरवू शकत नव्हते.
युद्धाची सुरुवात हेलनमुळे झाली, जी ग्रीसची सर्वात सुंदर स्त्री होती. ती स्पार्टाच्या राजा मेनेलॉसची पत्नी होती. पण पॅरिस, ट्रॉयचा राजकुमार, तिच्या प्रेमात पडला आणि तिला ट्रॉयला घेऊन गेला. हे पाहून ग्रीक संतापले आणि त्यांनी ट्रॉयवर हल्ला करण्याचा निर्णय घेतला. राजा अगॅमेम्नॉनच्या नेतृत्वाखाली, ग्रीक सैन्य अकिलीस आणि ओडिसिअससारख्या शूर योद्ध्यांसह ट्रॉयवर आक्रमण करण्यासाठी आले.
हे युद्ध दहा वर्षे चालले, आणि दररोज दोन्ही बाजूंनी तीव्र लढाई झाली. प्रत्येक दिवशी, ट्रोजन शहराच्या गेटमधून बाहेर पडायचे, आणि ग्रीक सैन्य त्यांच्या छावण्यांतून आणि जहाजांमधून लढायचे. युद्धामध्ये अनेक महत्त्वाचे योद्धे मारले गेले, जसे की हॅक्टर (ट्रोजनांचा सर्वात शूर योद्धा) आणि अकिलीस (ग्रीकांचा महान योद्धा). अकिलीस त्याच्या टाचेमध्ये विषबाधित बाण लागल्यामुळे मरण पावला. नंतर, पॅरिसलाही ठार मारण्यात आले. ग्रीक आणि ट्रोजन दोघेही थकले होते, परंतु कोणीही हार मानण्यास तयार नव्हते. ग्रीकांना लढून विजय मिळवता आला नाही, त्यामुळे त्यांनी ट्रोजनांना फसवायचे ठरवले.
Summary in English
The city of Troy was a rich and powerful kingdom in Asia Minor, known for its trade and agriculture. It was located near the Aegean Sea and had a strong wall for protection. Behind the city stood Mount Ida, which provided water and fertile land for farming. Due to its strategic location, Troy was an important center for commerce, and its ships traveled across the sea for trade. The city was well-guarded, and its people were brave warriors.
The war between the Greeks and the Trojans started because of Helen, the most beautiful woman in Greece. Helen was the wife of Menelaus, the king of Sparta. However, Paris, the prince of Troy, fell in love with her and took her to Troy. This made the Greeks angry, and they decided to take revenge. Under the leadership of King Agamemnon, the Greek army, which included great warriors like Achilles and Odysseus, attacked Troy.
The war continued for ten long years, with both sides fighting fiercely. Every day, the Trojans came out of their city gates, and the Greeks fought from their tents and ships. There were many battles, sometimes between large armies and sometimes between individual warriors. The Greeks could not break Troy’s strong walls, and the Trojans could not force the Greeks to leave. Over time, many heroes were killed, including Hector, Troy’s bravest warrior, and Achilles, Greece’s greatest fighter. Achilles was killed by a poisoned arrow that struck his heel, the only weak part of his body. Paris, the prince of Troy, was also later killed. Both sides suffered heavy losses, but the war continued because neither side wanted to surrender. The Greeks realized that they could not win through direct fighting and needed to find another way to defeat the Trojans.
Summary in Hindi
ट्रॉय एशिया माइनर में स्थित एक समृद्ध और शक्तिशाली नगर था। यह व्यापार और कृषि के लिए प्रसिद्ध था और इसकी मजबूत दीवारें और पहाड़ों से घिरी हुई सुरक्षा थी। शहर के पीछे माउंट आइडा स्थित था, जो इसे भरपूर पानी और उपजाऊ भूमि प्रदान करता था। ट्रॉय की भौगोलिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बनाती थी, और इसकी समुद्री व्यापारिक नौकाएँ विभिन्न देशों तक सामान पहुँचाती थीं।
युद्ध की शुरुआत तब हुई जब ट्रॉय के राजकुमार पेरिस ने हेलेन का अपहरण कर लिया, जो स्पार्टा के राजा मेनेलॉस की पत्नी थी। यह ग्रीकों के लिए गहरी बेइज्जती की बात थी, और उन्होंने ट्रॉय से बदला लेने का फैसला किया। राजा एगैमेमनॉन के नेतृत्व में ग्रीक सेना, जिसमें अकिलीस, ओडिसियस जैसे महान योद्धा थे, ट्रॉय पर हमला करने के लिए रवाना हुई।
यह युद्ध दस वर्षों तक चला, और दोनों पक्षों ने बहुत बहादुरी से लड़ाई लड़ी। प्रतिदिन ट्रोजन सैनिक अपने गेट से बाहर निकलते, और ग्रीक सेना अपने तंबू और जहाजों से लड़ाई लड़ती। इस युद्ध में कई बड़े योद्धा मारे गए, जैसे कि हेक्टर (ट्रॉय का सबसे महान योद्धा) और अकिलीस (ग्रीकों का सबसे शक्तिशाली योद्धा)। अकिलीस को एक विषैले तीर से एड़ी में चोट लगने के कारण मौत हो गई, और बाद में पेरिस भी मारा गया।
युद्ध समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा था। ग्रीक ट्रॉय की मजबूत दीवारों को पार नहीं कर सकते थे, और ट्रोजन ग्रीकों को वापस भेजने में असमर्थ थे। अंततः ग्रीकों को यह एहसास हुआ कि वे युद्ध में जीत हासिल नहीं कर सकते, और उन्होंने धोखे से जीतने की योजना बनाई।
Part II
Summary in Marathi
दहा वर्षे लढाई झाल्यानंतर ग्रीकांना समजले की त्यांना युद्ध जिंकण्यासाठी चतुराई वापरावी लागेल. ओडिसिअस, ग्रीक सेनानी, याने एक हुशार योजना आखली. त्याने सुचवले की एक मोठा लाकडी घोडा तयार करावा, आणि त्याच्या आत सैनिक लपवावे. ग्रीकांनी आपली छावणी जाळली आणि जहाजांनी निघून गेले असे भासवले. पण त्यांची जहाजे एका बेटामागे लपली.
ट्रोजनांनी लाकडी घोडा पाहिला आणि तो ग्रीकांनी दिलेली भेट असल्याचे मानले. एक ग्रीक गुप्तहेर मागे राहिला होता, आणि त्याने खोटे सांगितले की हा घोडा समुद्र देवतेसाठी अर्पण केला गेला आहे. ट्रोजन लोकांनी सावधगिरी न बाळगता तो घोडा शहरात आणला आणि मोठ्या जल्लोषात साजरा केला.
रात्री, जेव्हा ट्रोजन झोपले होते, तेव्हा ग्रीक सैनिक घोड्यातून बाहेर आले आणि दरवाजे उघडले. ग्रीक सैन्याने शहरावर हल्ला केला, घरे जाळली आणि लोकांना ठार मारले. राजा प्रायम ठार मारला गेला, आणि ट्रॉय संपूर्णपणे नष्ट झाले. सकाळी, ट्रॉयचा अस्तित्वच उरला नव्हता, आणि ग्रीकांनी युद्ध जिंकलं होतं.
Summary in English
After ten years of fighting, the Greeks realized that they could not win the war by force. Odysseus, a clever Greek leader, came up with a brilliant plan. He suggested that the Greeks build a huge wooden horse and hide soldiers inside it. The Greeks then pretended to leave by burning their tents and sailing away. However, their ships hid behind a nearby island, waiting for the right moment to return.
The Trojans found the horse and believed it was a gift from the Greeks. A Greek spy, left behind on purpose, lied to them, saying that the horse was an offering to the sea-god Poseidon and would bring good luck. Despite warnings from their wise priest, the Trojans broke part of their own city walls and dragged the horse inside. They celebrated all night, believing the war was finally over.
At midnight, while the Trojans were asleep, the Greek soldiers came out of the wooden horse and opened the city gates. The Greek army, which had returned secretly, attacked the sleeping city. They burned houses, destroyed temples, and killed many people. King Priam and his sons were killed, and Troy was completely destroyed. Helen, the woman who had started the war, was found by Menelaus, who forgave her and took her back to Greece. By morning, Troy no longer existed, and the Greeks had won the war through their clever plan.
Summary in Hindi
दस साल तक हार-जीत के बिना चले युद्ध के बाद, ग्रीकों ने एक चालाक योजना बनाई। ओडिसियस, जो एक बुद्धिमान ग्रीक योद्धा था, ने सुझाव दिया कि एक विशाल लकड़ी का घोड़ा बनाया जाए और उसके अंदर ग्रीक सैनिकों को छिपा दिया जाए। ग्रीकों ने अपने शिविरों को जला दिया और यह दिखावा किया कि वे अपने जहाजों पर सवार होकर वापस चले गए हैं। लेकिन वास्तव में, उनके जहाज एक नजदीकी द्वीप के पीछे छिपे हुए थे, और वे सही समय का इंतजार कर रहे थे।
सुबह जब ट्रोजन सैनिकों ने देखा कि ग्रीक सेना गायब हो चुकी है, तो उन्होंने सोचा कि युद्ध खत्म हो गया है। उन्हें समुद्र तट पर एक विशाल लकड़ी का घोड़ा मिला, और वे यह सोचने लगे कि यह क्या हो सकता है। तभी उन्हें एक ग्रीक कैदी (जो वास्तव में एक जासूस था) मिला। उसने झूठ बोलते हुए कहा कि यह घोड़ा समुद्र-देवता पोसाइडन के लिए एक पवित्र भेंट है, और यह ट्रॉय के लिए सौभाग्य लाएगा। ट्रोजन इस झूठ को मान गए और अपने बुद्धिमान पुजारी के चेतावनी देने के बावजूद उन्होंने घोड़े को अपने शहर के अंदर ले जाने का फैसला किया।
इस घोड़े को अंदर लाने के लिए, ट्रोजन ने अपनी खुद की मजबूत दीवार को तोड़ दिया। पूरी रात उन्होंने जश्न मनाया, शराब पी और खुशी में झूमते रहे, क्योंकि उन्हें लगा कि युद्ध समाप्त हो गया है और उन्होंने जीत हासिल कर ली है।
जब रात हुई और पूरा शहर गहरी नींद में सो गया, तब घोड़े के अंदर छिपे ग्रीक सैनिक बाहर निकले और नगर के दरवाजे खोल दिए। तभी समुद्र तट पर छिपी हुई ग्रीक सेना वापस आई, और ट्रॉय पर अचानक हमला कर दिया। उन्होंने शहर को जलाना शुरू कर दिया, घरों को तोड़ दिया और हजारों ट्रोजन नागरिकों और सैनिकों को मार डाला।
राजा प्रियम और उनके पुत्रों को बेरहमी से मार दिया गया, और ट्रॉय की स्त्रियों को गुलाम बना लिया गया। हेलेन, जिसके कारण यह युद्ध शुरू हुआ था, को मेनेलॉस ने ढूंढ लिया। हेलेन शर्मिंदा और दुखी थी, लेकिन मेनेलॉस ने उसे माफ कर दिया और वापस ग्रीस ले गया। जब सुबह हुई, तो ट्रॉय पूरी तरह से जलकर राख बन चुका था। ग्रीकों ने युद्ध जीत लिया था, लेकिन इस जीत में उन्होंने भी बहुत कुछ खो दिया था।
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