जरा प्यार से बोलना सीख लीजे
* सूचनानुसार कृतियाँ करो :-
(१) प्रवाह तालिका पूर्ण करो :
उत्तर – कवि ने इन बातों को सीख लेने को कहा है
- मीठा और प्रेमपूर्वक बोलना
- चुप रहने के लाभ समझना
- कुछ कहने से पहले विचार करना
- आत्मसंयम और विनम्रता रखना
(२) उत्तर लिखो :
- काँटे बोने वाले – काँटे बोने वाले का तात्पर्य है कटु शब्द बोलने वाले या कठोर व्यवहार करने वाले व्यक्ति।
- चुभने वाली – ऐसी बात या व्यवहार जो मन को ठेस पहुँचाए।
- फटने वाले – जो जल्दी क्रोधित हो जाए या धैर्य खो बैठे।
(३) चुप रहने के चार फायदे लिखो :
- अनावश्यक विवादों से बचाव – चुप रहने से अनावश्यक बहस और झगड़ों से बचा जा सकता है।
- सोचने-समझने का समय मिलता है – बोलने से पहले विचार करने का अवसर मिलता है, जिससे सही निर्णय लिया जा सकता है।
- व्यक्तित्व में गरिमा बनी रहती है – कम बोलने वाला व्यक्ति अधिक सम्मान प्राप्त करता है और गंभीर माना जाता है।
- सामाजिक संबंध बेहतर होते हैं – सही समय पर मौन रहने से दूसरों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचती और रिश्ते मजबूत रहते हैं।
(4) कविता की अंतिम चार पंक्तियों का अर्थ लिखो ।
उत्तर – कविता की अंतिम चार पंक्तियाँ:
- कड़वे वचन तो हमेशा काँटे होते हैं,
- मीठी बोली के फूल रोपना सीख लीजे।
- यदि कोई बात चुभने लगे,
- तो धैर्य रखकर उसे मोड़ना सीख लीजे।
अर्थ:
कवि कहना चाहते हैं कि कठोर और कड़वे शब्द हमेशा दूसरों को दुख पहुँचाते हैं, जैसे काँटे चुभते हैं। इसलिए हमें अपनी वाणी को मधुर बनाना चाहिए, जिससे हमारे शब्द दूसरों के मन में प्रेम और स्नेह उत्पन्न करें, ठीक वैसे ही जैसे फूल सुगंध फैलाते हैं। यदि कोई बात हमें बुरी लगे या चुभे, तो हमें गुस्से में प्रतिक्रिया देने के बजाय धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। इससे हम बेवजह के झगड़ों से बच सकते हैं और संबंधों को बेहतर बना सकते हैं।
(5) कविता में आए इस अर्थ के शब्द लिखो :
उत्तर –
कविता में दिए गए अर्थों के अनुसार सही शब्द निम्नलिखित हैं:
अर्थ | शब्द |
---|---|
मधु | मधुर |
कड़वे | कठोर / कड़वे |
विचार | ख़्याल |
आवश्यकता | ज़रूरत |
भाषा बिंदु
उपसर्ग/प्रत्यय अलग करके मूल शब्द लिखो : भारतीय, आस्थावान, व्यक्तित्व, स्नेहिल, बेबात, निरादर, प्रत्येक, सुयोग
उत्तर – उपसर्ग/प्रत्यय अलग करके मूल शब्द:
- भारतीय = भारत + ईय
- आस्थावान = आस्था + वान
- व्यक्तित्व = व्यक्ति + त्व
- स्नेहिल = स्नेह + इल
- बेबात = बे + बात
- निरादर = नि + आदर
- प्रत्येक = प्रति + एक
- सुयोग = सु + योग
उपयोजित लेखन
‘यातायात की समस्याएँ एवं उपाय’ विषय पर निबंध लिखो ।
उत्तर – निबंध: यातायात की समस्याएँ एवं उपाय
भूमिका
यातायात किसी भी शहर के विकास और सुचारू जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की अधिकता के कारण यातायात की समस्याएँ दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही हैं। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि प्रदूषण और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता है।
यातायात की प्रमुख समस्याएँ
- वाहनों की बढ़ती संख्या – हर दिन सड़कों पर नए वाहन उतर रहे हैं, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है।
- सड़कों की खराब स्थिति – टूटी-फूटी सड़कों के कारण दुर्घटनाएँ बढ़ती हैं।
- अव्यवस्थित परिवहन व्यवस्था – सार्वजनिक परिवहन की असुविधा लोगों को निजी वाहनों के उपयोग के लिए मजबूर करती है।
- यातायात नियमों का उल्लंघन – सिग्नल तोड़ना, गलत दिशा में वाहन चलाना और तेज गति से गाड़ी चलाना आम हो गया है।
- अत्यधिक प्रदूषण – अधिक वाहनों से वायु और ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।
समस्याओं के समाधान
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना – बसों, मेट्रो और साइकिल जैसे वैकल्पिक साधनों का अधिक प्रयोग किया जाए।
- यातायात नियमों का कड़ाई से पालन – ट्रैफिक पुलिस को अधिक अधिकार दिए जाएँ और नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
- सड़कों का रखरखाव – सरकार को समय-समय पर सड़कों की मरम्मत करनी चाहिए।
- कार-पूलिंग और साझा वाहन प्रणाली – लोगों को एक ही दिशा में यात्रा करने पर साझा वाहन उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
- ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम – स्मार्ट ट्रैफिक लाइट और डिजिटल निगरानी प्रणाली लगाई जाए।
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