प्राकृतिक सौंदर्य से पूर्ण ‘अल्मोड़ा’
* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
(१) सूची बनाओ :
- प्राकृतिक सौंदर्य – हरे-भरे जंगल, पर्वतीय दृश्य और स्वच्छ वातावरण।
- प्राचीन मंदिर – नंदा देवी मंदिर, गारनाथ शिव मंदिर, कसार देवी मंदिर आदि।
- ऐतिहासिक स्थल – पुरानी हवेलियाँ, कुमाऊँ संस्कृति से जुड़ी विरासत।
- वन्यजीव अभयारण्य – बिनसर वन्यजीव अभयारण्य, जहाँ विभिन्न पक्षी और जंगली जानवर पाए जाते हैं।
(२) कृति पूर्ण करो :
- नंदा देवी मंदिर
- देवी मंदिर
- बिनसर वन्यजीव अभयारण्य
- ब्राइट एंड कॉर्नर
(३) संक्षेप में लिखो :
१. अल्मोड़ा तक पहुँचाने वाले मार्ग का वर्णन
उत्तर – नैनीताल से अल्मोड़ा तक पहुँचने का मार्ग सुंदर पहाड़ी दृश्यों से भरा हुआ है। देवदार और चीड़ के घने वृक्षों से घिरी संकरी और घुमावदार सड़कें इस यात्रा को रोमांचक बनाती हैं। रास्ते में सीढ़ीनुमा खेतों में काम करते स्थानीय लोग और हिमालय की बर्फीली चोटियों के दृश्य यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। यह मार्ग प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से परिपूर्ण है।
२. बिनसर के मंदिरों का वर्णन
उत्तर – बिनसर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित नंदा देवी मंदिर अपनी दीवारों पर उकेरी गई प्राचीन मूर्तियों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, यहाँ का प्रसिद्ध गारनाथ शिव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। तीन सौ वर्ष पुराना सूर्य मंदिर भी दर्शनीय स्थानों में शामिल है, जो कुमाऊँ क्षेत्र के लोगों की धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
भाषा बिंदु
(अ) निर्देशित सूचना के अनुसार परिवर्तन करके लिखो :
- विलोमार्थी शब्द: प्रजा
- बहुवचन: राजा → राजा लोग / राजागण
- स्त्रीलिंग: रानी
- समानार्थी शब्द: सम्राट, नरेश, भूपति
(आ) कहावतों और मुहावरों के अर्थों की जोड़ियाँ मिलाओ :
कहावत | अर्थ |
---|---|
अकल बड़ी या भैंस | बुद्धि बल से बड़ी है |
ऊँट के मुँह में जीरा | जरूरत से बहुत कम |
घोड़े बेचकर सोना | निश्चिंत होकर सोना |
चार चाँद लगाना | किसी चीज को सुंदर बनाना |
चुल्लू भर पानी में डूब मरना | अपमानित होना |
उपयोजित लेखन
चाँद और सूरज में होनेवाला संवाद लिखो ।
(एक दिन रात के समय, जब चाँद आकाश में चमक रहा था, सूरज उससे मिलने आया। दोनों में बातचीत होने लगी।)
सूरज: नमस्कार चाँद! तुम रोज़ रात को आकाश में चमकते हो, तुम्हें यह कैसा लगता है?
चाँद: नमस्कार सूरज! मुझे अच्छा लगता है, लेकिन मेरी रोशनी तो तुम्हारी ही देन है। तुमसे मिलने वाले प्रकाश से ही मैं चमक पाता हूँ।
सूरज: हाँ, यह तो सही है, लेकिन मैं तो दिनभर आकाश में चमकता हूँ और सारी दुनिया को रोशनी देता हूँ। कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि तुम रात को अकेले रहकर ऊब तो नहीं जाते?
चाँद: नहीं-नहीं, मैं अकेला कहाँ हूँ! सितारे मेरे साथी होते हैं, और धरती के लोग भी मुझे देखकर खुश होते हैं। बच्चे मुझसे कहानियाँ सुनते हैं, कवि मेरी सुंदरता की प्रशंसा करते हैं।
सूरज: यह तो बहुत अच्छा है! लेकिन क्या तुम्हें दुख नहीं होता कि तुम्हारी रोशनी बहुत हल्की होती है?
चाँद: नहीं सूरज, हर किसी की अपनी खासियत होती है। तुम्हारी रोशनी तेज़ और गर्म है, जिससे दिन में लोग अपने काम कर पाते हैं। मेरी हल्की रोशनी रात में शांति और ठंडक देती है। दोनों की अपनी-अपनी भूमिका है।
सूरज: यह सच है! तुम रात को सुंदरता बढ़ाते हो और मैं दिन को ऊर्जा देता हूँ। हमें एक-दूसरे से कोई जलन नहीं, बल्कि हम दोनों मिलकर दुनिया को सुंदर बनाते हैं।
चाँद: बिल्कुल सही कहा! हमें हमेशा अपनी खासियत को पहचानकर खुश रहना चाहिए।
(दोनों मुस्कुराते हैं और अपने-अपने समय पर जगमगाने का वादा करते हैं। सूरज विदा लेता है, और चाँद अपनी चाँदनी बिखेरता है।)
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