तुम मुझे खून दो
* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
(१) संजाल पूर्ण करो : उत्तर – पाठ में आए देश:
- भारत
- जापान
- बर्मा (म्यांमार)
- थाईलैंड
(२) उत्तर लिखो :
- भारतीयों के सामने पेश किया गया कार्यक्रम – ‘संपूर्ण सैन्य संगठन’ या ‘अधिकतम बलिदान’ का कार्यक्रम।
- पूर्वी एशिया के हर कोने से आए हुए – चीन, जापान, इंडोचीन, फिलीपींस, जावा, बोरनियो, सेलेब्स, सुमात्रा, मलाया, थाईलैंड और बर्मा से।
- स्वतंत्रता की राह इससे बनाई जा सकेगी – शहीदों के खून से।
- हमारे स्वतंत्रता संघर्ष का आधार – पूर्वी एशिया, विशेष रूप से बर्मा।
(३) टिप्पणी लिखो :
१. नेताजी सुभाषचंद्र बोस की माँग और वादा
उत्तर – नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारतीयों से ‘संपूर्ण सैन्य संगठन’ का आह्वान किया और इसके लिए जवानों, धन और सामग्री की माँग की। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।” उनका मानना था कि स्वतंत्रता की राह शहीदों के खून से बनती है और इसे पाने के लिए त्याग और बलिदान आवश्यक हैं।
भाषा बिंदु
(अ) निम्नलिखित वाक्यों के काल के भेद लिखो :
- बच्चे अब घर आ रहे होंगे। – संभाव्य भविष्य काल
- हम अल्मोड़ा पहुँच रहे थे। – अपूर्ण भूतकाल
- भारत के अंदर एक विराट आंदोलन चल रहा है। – वर्तमान काल
- उदयशंकर ने अपनी नृत्यशाला यहीं बनाई थी। – पूर्ण भूतकाल
- हमें पर्याप्त संख्या में रंगरूट मिल गए हैं। – पूर्ण वर्तमान काल
- आप जीते-जी भारत को स्वतंत्र देख ही पाएँगे। – भविष्य काल
- मैं तुमसे आज़ादी का वादा करता हूँ। – वर्तमान काल
- बच्चों को आप भूख से तड़पते देखे होंगे। – संभाव्य भूतकाल
उपयोजित लेखन
निबंध लिखो – मेरा प्रिय वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों ने दुनिया को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उनके आविष्कारों और खोजों ने मानव जीवन को सरल और उन्नत बनाया है। मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हैं। वे केवल एक महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे।
परिचय
डॉ. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन में वे बहुत मेहनती थे और विज्ञान में गहरी रुचि रखते थे।
वैज्ञानिक उपलब्धियाँ
डॉ. कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में कार्य किया। उन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के लिए अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-3) को सफलतापूर्वक विकसित किया। इसके अलावा, 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिससे भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न देश बना।
राष्ट्रपति और प्रेरक व्यक्तित्व
डॉ. अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। वे एक सरल जीवन जीते थे और हमेशा युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करते थे। उनकी लिखी पुस्तक “अग्नि की उड़ान” (Wings of Fire) बहुत प्रसिद्ध है, जो उनके जीवन और संघर्षों की कहानी बताती है।
निष्कर्ष
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक और प्रेरणास्रोत थे। उन्होंने हमें सिखाया कि मेहनत, ईमानदारी और लगन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सोच और विचार आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरित करते हैं। मैं उन्हें अपने प्रिय वैज्ञानिक के रूप में मानता हूँ और उनका आदर करता हूँ।
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