धरती का आँगन महके
* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
(१) प्रवाह तालिका पूर्ण करो :
कवि की अपेक्षाएँ
- कर्म, ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से धरती को समृद्ध बनाना।
- समाज में सदाचार और प्रेम को बढ़ावा देना।
- विज्ञान का उपयोग मानवता की भलाई के लिए करना, न कि विनाशकारी हथियारों के निर्माण के लिए।
- प्रकृति का संरक्षण करना और धरती को फूलों और फलों से हरा-भरा बनाना।
(२) कृति पूर्ण करो :
- धरती का आँगन इनसे महके → कर्म, ज्ञान और विज्ञान से
- धरती का श्रृंगार इनसे होगा → फूलों और फलों से
(३) उत्तर लिखो :
- मेधा की ऊँचाई नापेगा – प्रविभा का पैमाना मेधा की ऊँचाई नापता है।
- हम सब मिलकर करें – करें अर्चना हम सब मिलकर वसुधा के जयगान से।
(4) कृति करो :
- मानव अंतरिक्ष यान से यहाँ पहुँचा है → चंद्रलोक पर
- मानव अंतरिक्ष यान से यहाँ पहुँचा है → मंगल ग्रह पर
भाषा बिंदु
(अ) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखो तथा उनका वाक्यों में प्रयोग करो : शरीर, मनुष्य, पृथ्वी, छाती, पथ
समानार्थी शब्द एवं उनके वाक्य प्रयोग :
- शरीर – काया
- स्वस्थ काया में ही स्वस्थ मन का वास होता है।
- मनुष्य – मानव
- मानव को सदैव सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।
- पृथ्वी – वसुधा
- वसुधा हमारी जननी है, हमें इसका संरक्षण करना चाहिए।
- छाती – वक्ष
- वीर योद्धा ने अपने वक्ष पर प्रहार सहकर भी हार नहीं मानी।
- पथ – मार्ग
- सफलता का मार्ग कठिनाइयों से भरा होता है।
(आ) पाठों में आए सभी प्रकार के सर्वनाम ढूँढ़कर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग करो ।
पाठ में आए सर्वनाम एवं उनके वाक्यों में प्रयोग :
- हम – हम सबको मिलकर पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।
- यह – यह संसार परिवर्तनशील है।
- उनका – गुरुजी ने कहा कि उनका मार्गदर्शन सदैव हमारे साथ रहेगा।
- इस – इस धरती का श्रृंगार फूल-फलों से होता है।
उपयोजित लेखन
‘छाते की आत्मकथा’ विषय पर निबंध लिखो ।
छाते की आत्मकथा
मैं एक छाता हूँ। मेरी यात्रा बहुत रोचक रही है। मुझे एक कारखाने में बनाया गया, जहाँ काले, नीले, और लाल रंग के कई छाते तैयार किए जा रहे थे। जब मैं दुकान में पहुँचा, तो कई लोग मुझे खरीदने आए, लेकिन अंततः एक सज्जन ने मुझे अपना बना लिया।
जब बारिश होती है, तो मैं अपने मालिक को भीगने से बचाता हूँ। गर्मी में मैं धूप से उनकी रक्षा करता हूँ। लेकिन जब मौसम साफ होता है, तो मुझे किसी कोने में रख दिया जाता है। कई बार बच्चे मुझे खेल में इस्तेमाल करते हैं और मैं कभी-कभी टूट भी जाता हूँ।
मुझे खुशी होती है कि मैं दूसरों के काम आता हूँ। मेरा जीवन संघर्षों से भरा है, लेकिन मुझे अपने कार्य पर गर्व है। मैं चाहता हूँ कि हर इंसान भी मेरी तरह किसी न किसी रूप में समाज के लिए उपयोगी बने।
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