पंपासर
* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
(१) उत्तर लिखो :
पद्य में प्रयुक्त वृक्ष:
- आम (Aam)
- कदली (Kadali)
- केला (Kela)
- शाल (Shaal)
पद्य में प्रयुक्त पुष्प:
- चंपा (Champa)
- कनेर (Kaner)
- कमल (Kamal)
(२) एक शब्द में उत्तर लिखो :
१. पंपा सरोवर का नाम जिसने सुना है
उत्तर – बिभीषण
२. जलकलशी ले जाने वाल
उत्तर – ऋषिकन्याएँ
(३) प्रस्तुत कविता की किन्हीं चार पंक्तियों का भावार्थ लिखो ।
उत्तर – प्रस्तुत कविता में कवि ने पंपा सरोवर के निकट के प्राकृतिक सौंदर्य का चित्रण किया है। वहाँ के आश्रमों में ऋषि-मुनि तपस्या और यज्ञ कर रहे थे। पक्षियों की चहचहाहट और मयूर का नृत्य वहाँ की शोभा बढ़ा रहे थे।
कल्पना पल्लवन
‘वृक्ष महान दाता हैं’, स्पष्ट कीजिए ।
वृक्षों को महान दाता कहा जाता है क्योंकि वे बिना किसी स्वार्थ के हमें अनेक लाभ प्रदान करते हैं। वे पर्यावरण को संतुलित रखते हैं और हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
वृक्षों के योगदान:
- ऑक्सीजन का स्रोत: वृक्ष हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक है।
- खाद्य पदार्थ: वृक्ष हमें फल, फूल, बीज और मसाले देते हैं, जो हमारे भोजन का हिस्सा होते हैं।
- वर्षा में सहायक: वृक्ष वर्षा लाने में सहायक होते हैं और जलसंचय करके भूजल स्तर को बनाए रखते हैं।
- छाया और शीतलता: वे हमें धूप से बचाने के लिए छाया प्रदान करते हैं और तापमान को नियंत्रित रखते हैं।
- औषधीय उपयोग: कई वृक्षों की पत्तियाँ, छाल और जड़ें औषधियों के रूप में उपयोग की जाती हैं।
- मिट्टी संरक्षण: वृक्षों की जड़ें मिट्टी को मजबूती से पकड़कर कटाव को रोकती हैं।
- ईंधन और लकड़ी: वृक्षों से लकड़ी प्राप्त होती है, जिसका उपयोग फर्नीचर, कागज, इंधन आदि के लिए किया जाता है।
उपयोजित लेखन
‘तालाब की आत्मकथा’ विषय पर निबंध लिखो ।
तालाब की आत्मकथा
मैं एक तालाब हूँ। मेरे जल में अनेकों जीव-जंतु रहते हैं और लोग मेरी शीतलता का आनंद लेते हैं। मेरे बिना कई लोगों का जीवन अधूरा है, क्योंकि मैं केवल जल का स्रोत ही नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक वरदान भी हूँ।
मेरा जन्म और उपयोग
कई वर्षों पहले लोगों ने मेरे निर्माण के लिए खुदाई की थी। बारिश का पानी और आस-पास की नदियों से जल आकर मुझमें भर जाता है। मेरे जल का उपयोग पशु-पक्षी, किसान और ग्रामीण लोग करते हैं। किसान मेरी मदद से अपनी फसलें सींचते हैं, और यात्री मेरी ठंडी छाया में विश्राम करते हैं।
मेरा महत्व
मैं मनुष्यों के लिए बहुत उपयोगी हूँ। मेरे जल से न केवल खेतों की सिंचाई होती है, बल्कि आस-पास के पेड़-पौधों को भी हरियाली मिलती है। पक्षी मेरे किनारे आकर अपनी प्यास बुझाते हैं, और मछलियाँ व अन्य जलजीव मेरे अंदर अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
मेरा वर्तमान हाल
पहले मेरे जल में शुद्धता थी, किनारे पर पेड़ लगे थे, और हरियाली थी। लेकिन अब लोग मुझमें कचरा डालते हैं, जिससे मेरा जल प्रदूषित हो रहा है। मेरा अस्तित्व धीरे-धीरे खतरे में पड़ता जा रहा है।
निष्कर्ष
मुझे स्वच्छ रखना सभी का कर्तव्य है। यदि मेरी देखभाल नहीं की गई, तो एक दिन मैं सूख जाऊँगा और लोग मेरी महत्ता भूल जाएँगे। इसलिए, हमें जल संरक्षण और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, ताकि मैं और मेरे जैसे अन्य तालाब हमेशा लोगों की सेवा कर सकें।
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