हींगवाला
अध्याय का सारांश
यह कहानी मानवीय संबंधों, स्नेह, और जाति-धर्म से परे मानवीय मूल्यों पर आधारित है। कहानी में एक मुस्लिम हींगवाला और हिंदू परिवार की नायिका सावित्री के बीच भावनात्मक संबंधों को दर्शाया गया है।
कहानी की शुरुआत:
- एक हींग बेचने वाला खान सावित्री के घर हींग बेचने आता है।
- सावित्री पहले ही बहुत सी हींग खरीद चुकी होती है, लेकिन खान आग्रह करता है कि वह एक बार फिर हींग खरीद ले।
- खान बताता है कि वह अपने देश (गाँव) जा रहा है और कब लौटेगा, इसका पता नहीं।
- सावित्री खान से हींग खरीद लेती है, जबकि उसके बच्चे इस बात से नाराज होते हैं।
कहानी का मध्य:
- शहर में सांप्रदायिक दंगे होते हैं।
- सावित्री को खान की याद आती है और उसे चिंता होती है कि शायद वह भी दंगे में मारा गया होगा।
- कुछ समय बाद खान लौट आता है और फिर से हींग बेचने आता है।
- सावित्री और खान के बीच आत्मीयता और विश्वास बना रहता है।
कहानी का चरम बिंदु:
- सावित्री के बच्चे माँ काली के जुलूस को देखने जाते हैं।
- दंगे भड़क जाते हैं और बच्चे घर नहीं लौटते।
- सावित्री घबरा जाती है और हर संभव प्रयास करती है कि उसके बच्चे सुरक्षित घर आ जाएँ।
कहानी का अंत:
- जब सावित्री अपने बच्चों के लिए परेशान होती है, तभी खान उनके साथ सुरक्षित घर लौटता है।
- खान ने दंगे में उनके बच्चों की रक्षा की थी और उन्हें सही-सलामत घर पहुँचाया।
- सावित्री को एहसास होता है कि सच्ची इंसानियत जाति-धर्म से ऊपर होती है।
मुख्य पात्रों का परिचय
सावित्री:
- एक हिंदू महिला, जो अपने परिवार से बहुत प्रेम करती है।
- सहृदय और दयालु, परंतु समाज के नियमों के प्रति सजग।
- कहानी के अंत में वह समझती है कि इंसानियत सबसे ऊपर है।
खान (हींगवाला):
- एक मुस्लिम व्यापारी, जो ईमानदार और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ व्यक्ति है।
- सावित्री के परिवार से आत्मीय संबंध रखता है।
- सांप्रदायिकता से ऊपर उठकर सावित्री के बच्चों की रक्षा करता है।
सावित्री के बच्चे:
- मासूम और जिज्ञासु।
- माँ के निर्णयों पर सवाल उठाते हैं, पर अंत में वे भी खान की अच्छाई को पहचानते हैं।
रामू:
- सावित्री के घर का नौकर।
- बच्चों को जुलूस दिखाने ले जाता है।
शिक्षाप्रद बातें (नीति वचन)
- इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।
- सच्चे रिश्ते धर्म और जाति की सीमाओं से परे होते हैं।
- संकट में ही सच्चे दोस्त की पहचान होती है।
- दूसरों की मदद करना ही असली मानवता है।
भाषायी अभ्यास
मुहावरे और उनके अर्थ
- हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना – बहुत डर जाना।
- फूट-फूटकर रोना – बहुत जोर से रोना।
- प्राण मुरझा जाना – अत्यधिक चिंतित होना।
- अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत – समय बीत जाने के बाद पछताने का कोई लाभ नहीं।
शब्दार्थ
- साफा – पगड़ी
- बोहनी – दिन की पहली बिक्री
- लाचार – मजबूर
- व्याकुल – परेशान
रचनात्मक कार्य
- सावित्री की मनःस्थिति पर एक अनुच्छेद लिखिए।
- “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” इस विषय पर निबंध लिखिए।
- अगर आप सावित्री की जगह होते तो क्या करते? इस पर अपने विचार लिखिए।
निष्कर्ष
“हींगवाला” कहानी समाज में फैल रहे सांप्रदायिक भेदभाव के बीच इंसानियत और स्नेह की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। यह हमें यह सिखाती है कि प्रेम, विश्वास, और मदद का कोई धर्म या जाति नहीं होता। सुभद्रा कुमारी चौहान ने इस कहानी के माध्यम से मानवीय मूल्यों को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है।
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