गाना-बजाना
1. प्रस्तावना
- संगीत मानव जीवन का अभिन्न अंग है।
- अलग-अलग देशों में भिन्न-भिन्न प्रकार के वाद्ययंत्र प्रचलित हैं।
- यह पाठ विभिन्न देशों के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की जानकारी देता है।
2. प्रमुख वाद्ययंत्र और उनकी विशेषताएँ
(क) मैक्सिको का वाद्ययंत्र – मरिंबा
- मरिंबा एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है।
- इसे लकड़ी के पटलों से बनाया जाता है।
- इसे एक साथ चार लोग भी बजा सकते हैं।
- इसकी ध्वनि बहुत मधुर होती है।
(ख) चीन का वाद्ययंत्र – राजा
- राजा एक लोकप्रिय चीनी वाद्ययंत्र है।
- यह लकड़ी के तख्ते पर संलग्न संगीतमय पत्तियों से बना होता है।
- इसे लकड़ी की मुँगरी से बजाया जाता है।
(ग) जापान के तारवाले वाद्ययंत्र
- कोतो –
- यह एक प्रसिद्ध जापानी तंतुवाद्य है।
- इसमें कई तार होते हैं, जिन्हें उंगलियों या विशेष पिक से बजाया जाता है।
- शमिसेन –
- यह एक और तारवाला जापानी वाद्ययंत्र है।
- इसे प्लेक्ट्रम (बड़ी चिमटी) से बजाया जाता है।
(घ) अन्य प्रसिद्ध वाद्ययंत्र
- बाँसुरी – हवा से बजने वाला वाद्ययंत्र।
- सारंगी – भारतीय तंतुवाद्य, जिसे घर्षण से बजाया जाता है।
- सितार – भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रमुख वाद्ययंत्र।
3. वाद्ययंत्रों का महत्व
- संगीत मनोरंजन का साधन है।
- वाद्ययंत्रों से ध्वनि उत्पन्न होती है, जो संगीत को सुरीला बनाती है।
- हर देश के वाद्ययंत्र वहाँ की संस्कृति को दर्शाते हैं।
4. निष्कर्ष
- विश्वभर में कई प्रकार के वाद्ययंत्र पाए जाते हैं।
- प्रत्येक वाद्ययंत्र की अपनी अलग विशेषता और ध्वनि होती है।
- इन वाद्ययंत्रों से संगीत की समृद्धि और विविधता का ज्ञान होता है।
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