वारिस कौन ?
1. परिचय:
यह कहानी एक बुद्धिमान राजा और उसकी चार बेटियों के इर्द-गिर्द घूमती है। राजा अपने राज्य के लिए एक योग्य उत्तराधिकारी की खोज कर रहा था। उसने अपनी बेटियों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें गेहूँ के कुछ दाने दिए और यह देखने का निर्णय लिया कि वे इसका उपयोग कैसे करती हैं।
2. पात्र परिचय:
- राजा – एक समझदार और दूरदर्शी शासक, जो अपनी बेटियों की बुद्धिमत्ता को परखना चाहता था।
- पहली राजकुमारी – लापरवाह, जिसने बिना सोचे-समझे गेहूँ के दाने खा लिए।
- दूसरी राजकुमारी – असावधान, जिसने गेहूँ के दानों को संदूक में रख दिया, जिससे वे सड़ गए।
- तीसरी राजकुमारी – बुद्धिमान और दूरदर्शी, जिसने गेहूँ के दानों को खेत में बो दिया और फसल उगा ली।
- चौथी राजकुमारी – नासमझ, जिसने गेहूँ के दाने कहीं फेंक दिए और उनका उपयोग नहीं किया।
3. कहानी का सारांश:
राजा अपनी बेटियों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें 100-100 गेहूँ के दाने देता है और कहता है कि पाँच साल बाद वे उन्हें लौटाएँ।
पहली राजकुमारी – दानों को खा लेती है और सोचती है कि राजा को यह याद नहीं रहेगा।
दूसरी राजकुमारी – दानों को चाँदी की डिब्बी में रखकर संदूक में बंद कर देती है, जिससे वे सड़ जाते हैं।
तीसरी राजकुमारी – सोच-समझकर उन्हें जमीन में बो देती है, जिससे समय के साथ अच्छी फसल तैयार हो जाती है।
चौथी राजकुमारी – दानों की कोई परवाह नहीं करती और उन्हें कहीं फेंक देती है।
पाँच साल बाद, राजा बेटियों से पूछता है कि उनके पास गेहूँ के दाने हैं या नहीं।
- पहली और चौथी राजकुमारी के पास कोई दाने नहीं थे।
- दूसरी राजकुमारी के पास दाने तो थे, लेकिन वे सड़ चुके थे।
- तीसरी राजकुमारी ने राजा को एक विशाल खेत दिखाया, जहाँ उसने उन दानों से बहुत अधिक फसल उगा ली थी।
राजा तीसरी राजकुमारी की समझदारी और दूरदर्शिता से प्रसन्न होकर उसे राज्य की उत्तराधिकारी घोषित कर देता है।
4. कहानी से मिलने वाली शिक्षाएँ:
- बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता सफलता की कुंजी है।
- अवसरों का सही उपयोग करना चाहिए।
- मेहनत और सही निर्णय लेने से जीवन में उन्नति होती है।
- जो व्यक्ति संसाधनों का सही उपयोग करता है, वही आगे बढ़ता है।
- लापरवाही और आलस्य से अवसर नष्ट हो जाते हैं।
5. कहानी का नैतिक मूल्य (Moral Value):
- हमें बुद्धिमानी और दूरदृष्टि से अपने संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए।
- केवल सुरक्षित रखना या बचाकर रखना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसका सही प्रयोग करना आवश्यक है।
- मेहनत और परिश्रम करने वाले व्यक्ति को हमेशा सफलता मिलती है।
- जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठा एक अच्छे नेता की पहचान होती है।
- जो व्यक्ति अपने कार्यों को सोच-समझकर करता है, वही जीवन में आगे बढ़ता है।
6. निष्कर्ष:
“वारिस कौन?” कहानी न केवल एक मनोरंजक कथा है, बल्कि यह हमें जीवन में सही निर्णय लेने की महत्वपूर्ण शिक्षा भी देती है। राजा की तीसरी बेटी की तरह हमें भी अवसरों का सही उपयोग करना चाहिए और मेहनत तथा दूरदर्शिता से अपने भविष्य को सफल बनाना चाहिए। जो व्यक्ति आलस्य और लापरवाही करता है, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता। यह कहानी हमें सिखाती है कि समझदारी और मेहनत से ही वास्तविक सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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