पूर्ण विश्राम
लहान प्रश्न
1. संत कबीर ने भोजन के बारे में क्या कहा है?
उत्तर – संत कबीर ने कहा कि जैसा भोजन हम खाते हैं, वैसा ही हमारा मन और विचार बनते हैं।
2. मधुर वाणी का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – मधुर वाणी से सभी लोग प्रसन्न होते हैं और आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
3. सूरदास ने अपनी कृति में किसका वर्णन किया है?
उत्तर – सूरदास ने अपनी कृति ‘सूरसागर’ में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया है।
4. श्रीकृष्ण को कौन सा भोजन अधिक प्रिय था?
उत्तर – श्रीकृष्ण को मक्खन बहुत प्रिय था।
5. संत कबीर किस प्रकार की वाणी बोलने की सलाह देते हैं?
उत्तर – संत कबीर मधुर, प्रेमपूर्ण और सच्ची वाणी बोलने की सलाह देते हैं।
6. श्रीकृष्ण और बलराम के बीच कैसा संबंध था?
उत्तर – श्रीकृष्ण और बलराम में बहुत प्रेम था, वे दोनों साथ खेलते और बातें करते थे।
7. भोजन का हमारे व्यवहार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – सात्त्विक भोजन से मन शांत रहता है, जबकि तामसिक भोजन से क्रोध और आलस्य बढ़ता है।
8. संत कबीर और सूरदास का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर – दोनों संत सच्चाई, प्रेम और सदाचार अपनाने का संदेश देते हैं।
9. कबीर के दोहों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर – कबीर के दोहे हमें जीवन की सच्चाई और नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं।
10. ‘सूरसागर’ किसकी प्रसिद्ध रचना है?
उत्तर – ‘सूरसागर’ भक्त सूरदास की प्रसिद्ध रचना है।
दीर्घ प्रश्न
1. संत कबीर ने भोजन और वाणी के बारे में क्या कहा है?
उत्तर – संत कबीर का मानना था कि भोजन का प्रभाव हमारे मन और विचारों पर पड़ता है। वे हमें शुद्ध और सात्त्विक भोजन करने की सलाह देते हैं ताकि हमारा मन भी पवित्र बना रहे। साथ ही, वे मधुर और प्रेमभरी वाणी बोलने की शिक्षा देते हैं ताकि दूसरों का मन आहत न हो।
2. सूरदास की कविता में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का कैसा वर्णन किया गया है?
उत्तर – सूरदास ने अपनी कृति ‘सूरसागर’ में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का अत्यंत मनमोहक वर्णन किया है। उन्होंने बताया कि कैसे श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ खेलते थे और कैसे वे अपनी बाल सुलभ चंचलता से सबका मन मोह लेते थे। उनकी भोली-भाली बातें और माखन प्रेम उनकी लीलाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
3. श्रीकृष्ण और बलराम के बीच कैसा संबंध था?
उत्तर – श्रीकृष्ण और बलराम के बीच गहरा प्रेम था, वे दोनों एक-दूसरे के साथ खेलते और हँसी-मज़ाक करते थे। बलराम, जो बड़े भाई थे, श्रीकृष्ण को मार्गदर्शन देते थे और उनकी रक्षा भी करते थे। उनकी बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि उनमें एक दूसरे के प्रति गहरा स्नेह था।
4. संत कबीर की शिक्षाएँ आज के समय में कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर – संत कबीर की शिक्षाएँ आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें सच्चाई, प्रेम और सद्गुण अपनाने की प्रेरणा देते हैं। उनके दोहे हमें मधुर वाणी बोलने और अच्छे आचरण को अपनाने का संदेश देते हैं। आज के समय में, जब लोग अधिक तनाव में रहते हैं, तब उनकी बातें शांति और संतोष पाने में मदद कर सकती हैं।
5. भोजन का हमारे मन और शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – भोजन केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि मन और विचारों को भी प्रभावित करता है। सात्त्विक भोजन हमें ऊर्जा और शांति प्रदान करता है, जबकि तामसिक भोजन क्रोध और आलस्य को बढ़ावा देता है। इसीलिए हमें संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए ताकि हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
6. मधुर वाणी का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – मधुर वाणी व्यक्ति को प्रिय बनाती है और समाज में सौहार्द बनाए रखने में सहायक होती है। यदि सभी लोग मीठे शब्दों का प्रयोग करें तो रिश्ते मजबूत होते हैं और झगड़े कम होते हैं। इसलिए संत कबीर ने हमें मधुर और सत्य वाणी बोलने की शिक्षा दी है।
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