स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
लहान प्रश्न
1. लोकमान्य टिळक का पूरा नाम क्या था?
उत्तर – लोकमान्य टिळक का पूरा नाम बाळ गंगाधर टिळक था।
2. लोकमान्य टिळक ने कौन सा प्रसिद्ध नारा दिया था?
उत्तर – उन्होंने “स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा!” नारा दिया था।
3. टिळक जी ने कौन-कौन से समाचार पत्र निकाले?
उत्तर – उन्होंने ‘केसरी’ (मराठी) और ‘मराठा’ (अंग्रेज़ी) नामक समाचार पत्र निकाले।
4. लोकमान्य टिळक ने कौन-सा धार्मिक ग्रंथ लिखा था?
उत्तर – उन्होंने ‘गीता रहस्य’ नामक ग्रंथ लिखा था।
5. टिळक जी को अंग्रेजों ने कितनी बार जेल में डाला?
उत्तर – उन्हें कई बार जेल में डाला गया, जिसमें म्यानमार (बर्मा) की मांडले जेल भी शामिल थी।
6. होमरूल लीग आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर – इसका उद्देश्य भारत को अंग्रेज़ों से स्वशासन दिलाना था।
7. टिळक जी ने कौन-कौन से सार्वजनिक उत्सव प्रारंभ किए?
उत्तर – उन्होंने गणपति उत्सव और शिवाजी जयंती का आयोजन शुरू किया।
8. लोकमान्य टिळक को ‘लोकमान्य’ की उपाधि कैसे मिली?
उत्तर – जनता ने उनके साहस और योगदान के कारण उन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि दी।
9. टिळक जी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए किस प्रकार जनता को प्रेरित किया?
उत्तर – उन्होंने समाचार पत्रों, भाषणों और सामाजिक आंदोलनों के माध्यम से जनता को जागरूक किया।
10. टिळक जी का स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान था?
उत्तर – उन्होंने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठाई और भारतीयों को संगठित किया।
दीर्घ प्रश्न
1. लोकमान्य टिळक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कैसे योगदान दिया?
उत्तर – लोकमान्य टिळक ने भारत में स्वतंत्रता की भावना जागृत करने के लिए ‘स्वराज्य’ का नारा दिया। उन्होंने समाचार पत्रों और आंदोलनों के माध्यम से ब्रिटिश शासन का विरोध किया। होमरूल आंदोलन और सामाजिक सुधारों के कारण वे स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता बने।
2. गणपति उत्सव और शिवाजी जयंती का महत्व क्या था?
उत्तर – टिळक जी ने इन उत्सवों को एक सामाजिक और राष्ट्रीय एकता का माध्यम बनाया। इससे जनता में देशभक्ति की भावना जागी और स्वतंत्रता संग्राम के लिए संगठन तैयार हुआ। ये उत्सव आज भी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।
3. होमरूल आंदोलन क्या था और इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर – होमरूल आंदोलन 1916 में शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य भारत में स्वशासन की मांग करना था। इस आंदोलन ने भारतीयों में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाई और ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाया। इससे स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा मिली।
4. ‘गीता रहस्य’ पुस्तक में टिळक जी ने क्या विचार व्यक्त किए?
उत्तर – ‘गीता रहस्य’ में उन्होंने कर्मयोग का महत्व बताया और निष्काम कर्म की शिक्षा दी। उनका मानना था कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। इस पुस्तक ने भारतीय समाज को नई सोच प्रदान की।
5. टिळक जी को अंग्रेजों ने जेल में क्यों डाला?
उत्तर – टिळक जी अंग्रेजों की नीतियों का विरोध करते थे और जनता को स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से ब्रिटिश शासन की आलोचना की, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल में डाल दिया गया।
6. लोकमान्य टिळक को ‘लोकमान्य’ की उपाधि क्यों मिली?
उत्तर – टिळक जी के निर्भीक नेतृत्व, संघर्ष और स्वतंत्रता के प्रति समर्पण के कारण जनता ने उन्हें ‘लोकमान्य’ कहा। उनके विचारों और आंदोलनों ने भारतीय समाज को स्वतंत्रता के लिए एकजुट किया। उनका सम्मान पूरे देश में हुआ, और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक बने।
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