सम्मेलन अंगों का
लहान प्रश्न
1. शरीर के विभिन्न अंगों का सम्मेलन क्यों आयोजित किया गया?
उत्तर – शरीर के अंगों ने अपने-अपने कार्यों का महत्व समझाने के लिए सम्मेलन आयोजित किया।
2. सम्मेलन में कौन-कौन से अंग शामिल हुए?
उत्तर – हाथ, पैर, मुँह, नाक, कान, आँख, जीभ, पेट और चेहरा शामिल हुए।
3. सम्मेलन में अध्यक्ष बनाने को लेकर क्या विवाद हुआ?
उत्तर – कोई भी अंग अपने से बड़े को स्वीकार करने को तैयार नहीं था।
4. हाथ ने अपने कार्य को कैसे प्रस्तुत किया?
उत्तर – हाथ ने बताया कि वह संसार की रचना, बाग-बगीचे और घरों का निर्माण करता है।
5. पैर ने अपने महत्व को कैसे सिद्ध किया?
उत्तर – पैर ने बताया कि वह पूरे शरीर को गाँव-शहर तक पहुँचाने का कार्य करता है।
6. आँख ने अपने कार्य को किस रूप में बताया?
उत्तर – आँख ने कहा कि वह दुनिया की सुंदरता दिखाने का कार्य करती है।
7. नाक का क्या योगदान होता है?
उत्तर – नाक खुशबू और बदबू की पहचान करने में मदद करती है।
8. जीभ के बिना अन्य अंग क्या नहीं कर सकते?
उत्तर – जीभ के बिना कोई भी अंग बोलने और स्वाद पहचानने में सक्षम नहीं होगा।
9. पेट ने अपने कार्य को कैसे महत्वपूर्ण बताया?
उत्तर – पेट ने कहा कि वह भोजन को पचाकर शरीर को ऊर्जा देता है।
10. सम्मेलन का मुख्य संदेश क्या था?
उत्तर – सभी अंगों का महत्व बराबर है और सहयोग से ही शरीर का सही संचालन होता है।
दीर्घ प्रश्न
1. सम्मेलन में अध्यक्ष बनाने को लेकर क्या बहस हुई और इसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर – शरीर के सभी अंग स्वयं को सबसे महत्वपूर्ण मानते थे, इसलिए कोई भी अध्यक्ष बनने के लिए सहमत नहीं था। हर अंग ने अपने कार्य की श्रेष्ठता सिद्ध करने की कोशिश की, लेकिन अंत में सभी को यह समझ आया कि सभी अंग मिलकर ही शरीर को सुचारू रूप से चला सकते हैं।
2. हाथ और पैर के कार्यों में क्या अंतर है, और दोनों ने अपने महत्व को कैसे सिद्ध किया?
उत्तर – हाथ ने अपने कार्यों को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि वह दुनिया की सुंदरता को आकार देता है, चीज़ों को बनाता है और सभी कार्यों में सहायक होता है। वहीं, पैर ने अपने कार्य को यह कहकर महत्वपूर्ण बताया कि वह शरीर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाता है, जिससे यात्रा संभव होती है।
3. आँख और कान ने अपने कार्य को कैसे प्रस्तुत किया और उनके कार्यों का क्या महत्व है?
उत्तर – आँख ने दुनिया की सुंदरता, सूर्य की किरणों और चाँद-तारों को देखने की क्षमता को अपना महत्वपूर्ण गुण बताया। वहीं, कान ने संगीत सुनने, संवाद समझने और ध्वनियों को पहचानने की अपनी विशेषता बताई, जिससे बिना कान के जीवन अधूरा लग सकता है।
4. जीभ ने अपने महत्व को कैसे स्पष्ट किया और उसने किस तरह अन्य अंगों को उत्तर दिया?
उत्तर – जीभ ने बताया कि वह स्वाद का अनुभव कराती है और बोलने की क्षमता भी देती है। उसने यह भी कहा कि बिना जीभ के कोई भी अंग अपने विचार प्रकट नहीं कर सकता, क्योंकि वही शब्दों को उच्चारित करने में सहायक होती है।
5. पेट ने अपने कार्य को सबसे महत्वपूर्ण कैसे बताया और उसका क्या निष्कर्ष निकला?
उत्तर – पेट ने कहा कि भोजन को पचाकर शरीर को ऊर्जा देने का कार्य वही करता है, जिससे सभी अंग सक्रिय रह सकते हैं। उसने यह भी स्पष्ट किया कि यदि वह काम करना बंद कर दे, तो सभी अंग निष्क्रिय हो जाएँगे, जिससे यह सिद्ध होता है कि शरीर के संचालन में उसका भी अहम योगदान है।
6. इस नाटक से हमें क्या शिक्षा मिलती है, और समाज में इसका क्या महत्व है?
उत्तर – यह नाटक हमें सिखाता है कि सभी अंग अपने-अपने कार्य में महत्वपूर्ण होते हैं और किसी एक को बड़ा या छोटा नहीं कहा जा सकता। इसी प्रकार, समाज में भी हर व्यक्ति का योगदान मूल्यवान होता है, और एकता व सहयोग से ही समाज का विकास संभव है।
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