जरा प्यार से बोलना सीख लीजे
लहान प्रश्न
1. रमेश दत्त शमा्य का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर – उनका जन्म 1939 में जलेसर, एटा (उ.प्र) में हुआ था।
2. शमा्य जी का मुख्य कार्यक्षेत्र क्या था?
उत्तर – वे पत्र-पत्रिकाओं, रेडियो और टीवी के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार करते थे।
3. कवि ने मधुर भाषा का क्या प्रभाव बताया है?
उत्तर – मधुर भाषा सामने वाले का मन जीतने में सहायक होती है।
4. ‘चुप रहने’ के क्या फायदे हैं?
उत्तर – इससे कई समस्याओं से बचा जा सकता है और सही समय पर बोलना सीखा जा सकता है।
5. कवि ने वाणी से संबंधित क्या सुझाव दिया है?
उत्तर – सोच-समझकर बोलना चाहिए और कठोर वचन नहीं कहना चाहिए।
6. ‘मीठी बोली’ का क्या महत्व है?
उत्तर – मीठी बोली संबंधों को मजबूत बनाती है और लोगों को आकर्षित करती है।
7. कवि ने किसे ‘रोशनी के रंग घोलना’ सीखने की सलाह दी है?
उत्तर – उन्होंने इसे सकारात्मकता और जीवन के उज्ज्वल पक्ष को अपनाने का प्रतीक बताया है।
8. ‘अपने आपको रोकना’ क्यों आवश्यक है?
उत्तर – इससे अनावश्यक विवाद और समस्याओं से बचा जा सकता है।
9. ‘होंठ सीकर बैठना’ क्यों सही नहीं है?
उत्तर – आवश्यकतानुसार अपनी बात रखना भी ज़रूरी है।
10. कवि ने किस बात पर जोर दिया है?
उत्तर – प्रेम से बोलने, सही समय पर बोलने और मधुरभाषी होने पर।
दीर्घ प्रश्न
1. कवि ने ‘मीठी बोली’ को जीवन में क्यों महत्वपूर्ण बताया है?
उत्तर – कवि का मानना है कि मीठी बोली सामने वाले के मन को मोह लेती है। कठोर वचन काँटों की तरह चुभते हैं, जबकि मधुर शब्द रिश्तों को मजबूत बनाते हैं। इसलिए, व्यक्ति को हमेशा मधुर और सोच-समझकर बोलना चाहिए।
2. ‘चुप रहने’ के क्या लाभ हैं, और यह कब आवश्यक होता है?
उत्तर – चुप रहना कई बार विवादों से बचने में सहायक होता है। बिना सोचे-समझे बोलने से गलतफहमियाँ पैदा हो सकती हैं। इसलिए, सही समय पर बोलना और अनावश्यक वाद-विवाद से बचना बुद्धिमानी का कार्य होता है।
3. कवि ने ‘अपने आपको रोकने’ की सलाह क्यों दी है?
उत्तर – कई बार गुस्से या आवेश में व्यक्ति ऐसे शब्द बोल देता है जो सामने वाले को आहत कर सकते हैं। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना और सोच-समझकर बोलना व्यक्ति को सफल और सम्माननीय बनाता है।
4. ‘रोशनी के रंग घोलना’ का क्या तात्पर्य है और इसका जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर – इसका अर्थ जीवन में सकारात्मकता और सौहार्द बनाए रखना है। किसी भी परिस्थिति में नकारात्मक विचारों से बचकर, अच्छे विचारों और मधुर वाणी को अपनाना आवश्यक है।
5. ‘जरूरत पर मुँह खोलना’ क्यों आवश्यक बताया गया है?
उत्तर – हर समय चुप रहना भी सही नहीं है। जब अन्याय हो रहा हो या किसी के साथ गलत हो रहा हो, तब व्यक्ति को अपनी बात खुलकर कहनी चाहिए। यह समाज और आत्म-सम्मान के लिए जरूरी होता है।
6. इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर – यह कविता हमें प्रेमपूर्वक बोलने, उचित समय पर बोलने, मधुर वाणी अपनाने और आत्म-नियंत्रण रखने की सीख देती है। सही समय पर सही शब्दों का चयन ही व्यक्ति को सम्मान और सफलता दिलाता है।
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