संतवाणी
लहान प्रश्न
1. मीराबाई कौन थीं?
उत्तर – मीराबाई एक भक्त कवयित्री थीं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित कर दिया।
2. मीराबाई का विवाह किससे हुआ था?
उत्तर – मीराबाई का विवाह मेवाड़ के राजकुमार भोजराज से हुआ था।
3. मीराबाई की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर – मीराबाई के प्रमुख पदों में “पग घुँघरू बाँध मीरा नाची रे” और “मेरे तो गिरधर गोपाल” प्रसिद्ध हैं।
4. मीराबाई ने भक्ति के लिए क्या त्याग किया?
उत्तर – मीराबाई ने राजसी जीवन, परिवार और समाज के बंधनों को छोड़कर कृष्ण भक्ति को अपनाया।
5. भक्ति आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर – भक्ति आंदोलन का उद्देश्य समाज में प्रेम, भक्ति, समानता और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देना था।
6. तुलसीदास जी कौन थे?
उत्तर – तुलसीदास जी एक महान संत और कवि थे, जिन्होंने “रामचरितमानस” की रचना की।
7. तुलसीदास जी की भाषा कौन-सी थी?
उत्तर – तुलसीदास जी ने अपनी रचनाएँ अवधी और ब्रज भाषा में लिखीं।
8. “रामचरितमानस” किसके जीवन पर आधारित है?
उत्तर – “रामचरितमानस” भगवान श्रीराम के जीवन और उनके आदर्शों पर आधारित है।
9. मीराबाई को विष का प्याला क्यों दिया गया था?
उत्तर – मीराबाई को उनके परिवार द्वारा विष का प्याला इसलिए दिया गया क्योंकि वे उनकी भक्ति से असंतुष्ट थे।
10. भक्ति आंदोलन का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर – भक्ति आंदोलन ने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव को कम करने में मदद की और लोगों को ईश्वर की भक्ति के प्रति प्रेरित किया।
दीर्घ प्रश्न
1. मीराबाई के जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ कौन-कौन सी थीं?
उत्तर – मीराबाई के जीवन में कई कठिनाइयाँ आईं, जैसे उनके परिवार द्वारा भक्ति का विरोध किया जाना, विष का प्याला दिया जाना और समाज द्वारा उनका अपमान किया जाना। लेकिन उन्होंने इन सबका सामना दृढ़ता से किया और श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहीं।
2. तुलसीदास जी ने “रामचरितमानस” क्यों लिखा और इसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर – तुलसीदास जी ने “रामचरितमानस” को इसलिए लिखा ताकि आम जनता संस्कृत न समझने के कारण राम कथा से वंचित न रहे। उन्होंने इसे अवधी भाषा में लिखा, जिससे लोग श्रीराम के जीवन और आदर्शों को समझ सकें और भक्ति मार्ग को अपना सकें।
3. मीराबाई की रचनाओं की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर – मीराबाई की रचनाएँ भावनात्मक, सरल और भक्ति से भरपूर हैं। उनके पदों में प्रेम, त्याग और समर्पण की झलक मिलती है। उन्होंने अपनी रचनाओं में श्रीकृष्ण के प्रति अटूट प्रेम और समाज की रूढ़ियों के विरुद्ध विद्रोह का चित्रण किया है।
4. भक्ति आंदोलन ने समाज पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर – भक्ति आंदोलन ने समाज में धर्म के प्रति नई जागरूकता पैदा की और जातिवाद, धार्मिक कट्टरता और सामाजिक असमानता को कम करने में मदद की। इस आंदोलन ने सभी जातियों और वर्गों के लोगों को भक्ति और प्रेम के माध्यम से ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग दिखाया।
5. तुलसीदास और मीराबाई की भक्ति में क्या अंतर था?
उत्तर – तुलसीदास जी की भक्ति ज्ञान और नीति पर आधारित थी, जबकि मीराबाई की भक्ति प्रेम और समर्पण से प्रेरित थी। तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की भक्ति की, जबकि मीराबाई ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना सर्वस्व मानकर उनकी भक्ति में लीन रहीं।
6. मीराबाई और तुलसीदास जी की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक क्यों हैं?
उत्तर – मीराबाई और तुलसीदास जी की रचनाएँ आज भी इसलिए प्रासंगिक हैं क्योंकि वे प्रेम, भक्ति, त्याग और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उनकी रचनाएँ हमें जीवन की कठिनाइयों को सहन करने और ईश्वर की भक्ति में सच्ची शांति पाने का संदेश देती हैं।
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