लकड़हारा और वन
लहान प्रश्न
1. लकड़हारा क्या काम करता था?
उत्तर – लकड़हारा जंगल में पेड़ काटकर लकड़ी बेचता था।
2. लकड़हारे की कुल्हाड़ी कहाँ गिर गई?
उत्तर – लकड़हारे की कुल्हाड़ी नदी में गिर गई।
3. लकड़हारे को अपनी कुल्हाड़ी खोने पर कैसा लगा?
उत्तर – लकड़हारा बहुत दुखी हुआ क्योंकि कुल्हाड़ी ही उसकी रोज़ी-रोटी का साधन थी।
4. लकड़हारे की ईमानदारी की परीक्षा किसने ली?
उत्तर – भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी की परीक्षा ली।
5. भगवान ने लकड़हारे को कौन-कौन सी कुल्हाड़ियाँ दिखाईं?
उत्तर – भगवान ने सोने, चाँदी और लोहे की कुल्हाड़ियाँ दिखाईं।
6. लकड़हारे ने कौन-सी कुल्हाड़ी स्वीकार की?
उत्तर – लकड़हारे ने अपनी पुरानी लोहे की कुल्हाड़ी स्वीकार की।
7. लकड़हारे के सत्य और ईमानदारी से भगवान को क्या अनुभव हुआ?
उत्तर – भगवान लकड़हारे की ईमानदारी से प्रसन्न हुए।
8. भगवान ने लकड़हारे को इनाम में क्या दिया?
उत्तर – भगवान ने लकड़हारे को सोने, चाँदी और लोहे की तीनों कुल्हाड़ियाँ इनाम में दीं।
9. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर – इस कहानी से हमें ईमानदारी और सत्य की महत्ता का ज्ञान होता है।
10. लकड़हारे की ईमानदारी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर – हमें सच बोलने और बिना लालच के अपने कर्म पर विश्वास रखने की प्रेरणा मिलती है।
दीर्घ प्रश्न
1. लकड़हारे की कुल्हाड़ी गिरने के बाद क्या हुआ?
उत्तर – जब लकड़हारे की कुल्हाड़ी नदी में गिर गई, तो वह बहुत दुखी हो गया। उसकी मेहनत का मुख्य साधन खो गया था, जिससे वह निराश हो गया। तभी भगवान उसकी परीक्षा लेने के लिए प्रकट हुए और उसे सोने व चाँदी की कुल्हाड़ी देकर उसकी ईमानदारी परखने लगे।
2. लकड़हारे ने सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी क्यों नहीं ली?
उत्तर – लकड़हारा ईमानदार था और झूठ नहीं बोलना चाहता था। उसने सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी यह कहकर लेने से मना कर दिया कि ये उसकी नहीं हैं। उसकी सत्यनिष्ठा को देखकर भगवान बहुत प्रसन्न हुए और उसे इनाम में तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं।
3. भगवान ने लकड़हारे की परीक्षा कैसे ली?
उत्तर – भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी परखने के लिए पहले उसे सोने की, फिर चाँदी की कुल्हाड़ी दी। लकड़हारे ने सच्चाई का परिचय देते हुए दोनों को अस्वीकार कर दिया। उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर भगवान ने अंत में उसे उसकी कुल्हाड़ी समेत तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं।
4. लकड़हारे की ईमानदारी ने उसे क्या इनाम दिलाया?
उत्तर – लकड़हारे की सच्चाई और ईमानदारी से भगवान बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने लकड़हारे को उसकी खोई हुई लोहे की कुल्हाड़ी के साथ सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी भी इनाम में दे दी। इससे यह साबित हुआ कि सच्चाई का फल हमेशा मीठा होता है।
5. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर – इस कहानी से हमें सच्चाई और ईमानदारी की महत्ता समझ में आती है। लालच से बचकर अपने कर्म पर विश्वास करना चाहिए। जो व्यक्ति सत्यनिष्ठा के मार्ग पर चलता है, उसे अंत में सफलता और सम्मान प्राप्त होता है।
6. यदि लकड़हारा झूठ बोलता तो क्या होता?
उत्तर – यदि लकड़हारा झूठ बोलकर सोने या चाँदी की कुल्हाड़ी ले लेता, तो वह भगवान की परीक्षा में असफल हो जाता। भगवान उसे कोई इनाम नहीं देते और वह अपनी सच्ची कुल्हाड़ी भी खो सकता था। इससे यह सीख मिलती है कि झूठ और लालच का परिणाम बुरा होता है।
Leave a Reply