वारिस कौन ?
लहान प्रश्न
1. गेहूँ के दानों को चारों बहनों ने किस प्रकार उपयोग किया?
उत्तर – पहली ने खा लिया, दूसरी ने संदूक में रखा, तीसरी ने बो दिया, और चौथी ने फेंक दिया।
2. राजा को अपनी बेटियों से क्या उम्मीद थी?
उत्तर – राजा देखना चाहता था कि उसकी बेटियाँ बुद्धिमान और जिम्मेदार हैं या नहीं।
3. तीसरी राजकुमारी ने गेहूँ के दानों के साथ क्या किया?
उत्तर – उसने उन्हें खेत में बो दिया, जिससे वे फसल में बदल गए।
4. राजा ने अपनी बेटी की परीक्षा क्यों ली?
उत्तर – राजा अपनी उत्तराधिकारी चुनने के लिए उनकी समझदारी की परीक्षा लेना चाहता था।
5. किस राजकुमारी को राजा ने उत्तराधिकारी घोषित किया?
उत्तर – राजा ने तीसरी राजकुमारी को उत्तराधिकारी घोषित किया।
6. दूसरी राजकुमारी ने गेहूँ के दाने कहाँ रखे?
उत्तर – उसने गेहूँ के दाने संदूक में रख दिए, जिससे वे सड़ गए।
7. पहली राजकुमारी का गेहूँ के दानों के प्रति क्या व्यवहार था?
उत्तर – उसने बिना सोचे-समझे गेहूँ के दाने खा लिए।
8. राजा ने अपनी बेटियों को क्या उपहार दिया था?
उत्तर – राजा ने अपनी बेटियों को कुछ गेहूँ के दाने उपहार में दिए थे।
9. तीसरी राजकुमारी का निर्णय बाकी बहनों से अलग कैसे था?
उत्तर – उसने दानों को बोकर उनका सही उपयोग किया, जबकि बाकी ने उन्हें बर्बाद कर दिया।
10. कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर – यह कहानी हमें सिखाती है कि दूरदर्शिता और मेहनत से ही सफलता मिलती है।
दीर्घ प्रश्न
1. राजा ने अपनी बेटियों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें गेहूँ के दाने क्यों दिए?
उत्तर – राजा यह देखना चाहता था कि उसकी बेटियाँ कितनी समझदार और जिम्मेदार हैं। उसने उन्हें गेहूँ के कुछ दाने देकर यह परखा कि वे अपने उत्तरदायित्व को कैसे निभाती हैं। इसी के आधार पर उसने अपने राज्य का उत्तराधिकारी चुनने का निर्णय लिया।
2. तीसरी राजकुमारी का निर्णय सबसे अलग कैसे था?
उत्तर – तीसरी राजकुमारी ने गेहूँ के दानों को जमीन में बो दिया, जिससे वे अंकुरित होकर फसल में बदल गए। उसकी बुद्धिमत्ता ने साबित किया कि वह दूरदर्शी और समझदार है। इस निर्णय के कारण राजा ने उसे उत्तराधिकारी घोषित किया।
3. पहली और दूसरी राजकुमारी के निर्णयों का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर – पहली राजकुमारी ने दाने खा लिए, जिससे वे व्यर्थ हो गए। दूसरी राजकुमारी ने उन्हें संदूक में रख दिया, जिससे वे सड़ गए। दोनों ने अपनी जिम्मेदारी को समझदारी से नहीं निभाया, इसलिए वे उत्तराधिकारी बनने में असफल रहीं।
4. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर – यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें मिले अवसरों का सही उपयोग करना चाहिए। दूरदर्शिता और मेहनत से ही सफलता प्राप्त होती है। जिम्मेदारी और बुद्धिमत्ता से लिए गए निर्णय भविष्य को संवार सकते हैं।
5. राजा ने तीसरी राजकुमारी को उत्तराधिकारी क्यों चुना?
उत्तर – राजा ने देखा कि तीसरी राजकुमारी ने गेहूँ के दानों को बोकर उनका सही उपयोग किया। उसकी समझदारी और दूरदृष्टि ने उसे एक योग्य उत्तराधिकारी साबित किया। इसलिए राजा ने उसे अपने राज्य की अगली शासक घोषित किया।
6. गेहूँ के दानों के माध्यम से राजा ने अपनी बेटियों की परीक्षा कैसे ली?
उत्तर – राजा ने अपनी बेटियों को कुछ गेहूँ के दाने दिए और देखा कि वे उनके साथ क्या करती हैं। इससे उसने उनकी बुद्धिमत्ता, दूरदर्शिता और जिम्मेदारी को परखा। अंत में, जिसने सबसे समझदारी दिखाई, उसे राजा ने उत्तराधिकारी बनाया।
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