उसी से ठंडा, उसी से गरम
लहान प्रश्न
1. लकड़हारा क्या काम करता था?
उत्तर – लकड़हारा जंगल में लकड़ी काटता और उसे बेचकर अपनी जीविका चलाता था।
2. बालिश्तिया कौन था?
उत्तर – बालिश्तिया एक छोटा, चतुर और चालाक प्राणी था।
3. लकड़हारे ने अपने हाथों पर फूंक क्यों मारी?
उत्तर – उसने ठंड के कारण अपने हाथों को गर्म करने के लिए फूंक मारी।
4. बालिश्तिया लकड़हारे से क्यों डर गया?
उत्तर – जब लकड़हारे ने खाने को ठंडा करने के लिए भी फूंक मारी, तो बालिश्तिया भ्रमित और डर गया।
5. बालिश्तिया ने लकड़हारे को छोड़कर जाने का फैसला क्यों किया?
उत्तर – उसे लगा कि लकड़हारे का मुँह एक ही समय में गर्म और ठंडा कर सकता है, जो असंभव है।
6. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर – हमें बिना पूरी समझ के किसी भी चीज़ का गलत निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
7. लकड़हारा कैसा व्यक्ति था?
उत्तर – लकड़हारा ईमानदार, सरल और मेहनती व्यक्ति था।
8. बालिश्तिये की सोच किस प्रकार की थी?
उत्तर – बालिश्तिया स्वार्थी और चालाक था, लेकिन उसने बिना सोचे-समझे निष्कर्ष निकाला।
9. लकड़हारे ने अपने खाने पर फूंक क्यों मारी?
उत्तर – उसने गरम भोजन को ठंडा करने के लिए फूंक मारी।
10. बालिश्तिया लकड़हारे की फूंक मारने की क्रिया को कैसे समझा?
उत्तर – उसने इसे गलत तरीके से समझा और डरकर वहां से भाग गया।
दीर्घ प्रश्न
1. बालिश्तिया लकड़हारे की फूंक मारने की क्रिया को क्यों नहीं समझ पाया?
उत्तर – बालिश्तिया बहुत चालाक था, लेकिन वह व्यवहारिक ज्ञान से अनभिज्ञ था। जब लकड़हारे ने पहले हाथ गर्म करने और फिर भोजन ठंडा करने के लिए फूंक मारी, तो वह भ्रमित हो गया। उसे लगा कि लकड़हारा जादुई शक्ति रखता है, इसलिए वह डरकर भाग गया।
2. लकड़हारे के स्वभाव की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर – लकड़हारा एक ईमानदार, सरल और परिश्रमी व्यक्ति था। वह मेहनत से लकड़ी काटकर अपना जीवन यापन करता था। उसकी आदतों में छल-कपट नहीं था, और वह बालिश्तिये के स्वभाव से अनजान था।
3. बालिश्तिया किस प्रकार का प्राणी था?
उत्तर – बालिश्तिया छोटा, चतुर और स्वार्थी प्राणी था। वह हर चीज़ को अपने स्वार्थ और सोच के अनुसार समझता था। उसकी चालाकी उसे सच्चाई को देखने से रोक रही थी, जिससे उसने लकड़हारे के फूंक मारने की क्रिया का गलत अर्थ निकाला।
4. कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर – इस कहानी का मुख्य उद्देश्य यह सिखाना है कि किसी भी घटना को ठीक से समझे बिना उस पर निर्णय नहीं लेना चाहिए। बालिश्तिये की तरह हमें किसी भी परिस्थिति का गलत अर्थ नहीं निकालना चाहिए और समझदारी से सोचना चाहिए।
5. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर – यह कहानी हमें बताती है कि एक ही चीज़ के अलग-अलग उपयोग हो सकते हैं, लेकिन हर व्यक्ति उसे अपने नजरिए से समझता है। बिना पूरी जानकारी के किसी निष्कर्ष पर पहुँचना गलत हो सकता है, जैसे बालिश्तिया ने किया।
6. बालिश्तिया ने लकड़हारे को देखकर क्या सीखा?
उत्तर – बालिश्तिया ने लकड़हारे को देखकर सोचा कि उसका मुँह एक ही समय में गर्म और ठंडा कर सकता है। लेकिन वास्तव में, उसने बिना समझे ही लकड़हारे की फूंक मारने की प्रक्रिया का गलत अर्थ निकाला और डरकर वहाँ से भाग गया।
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