Summary in Marathi
कवी बॅरी वाडे यांच्या “Truth” या कवितेत शारीरिक आणि मानसिक वेदनांमधील तफावत स्पष्ट केली आहे. काठ्या आणि दगडांनी हाडांना इजा होऊ शकते, परंतु शब्द मनाला जखमा करू शकतात. शारीरिक जखमा काळानुसार भरून येतात, पण कठोर शब्द कधीही विसरता येत नाहीत. कवी म्हणतात की “शब्द भूतांसारखे असतात, जे मनात कायम राहतात आणि त्रास देतात.” शारीरिक वेदना बाहेरून दिसतात आणि लवकर भरून येतात, पण शब्दांनी झालेल्या वेदना मनात खोलवर घर करून बसतात. म्हणूनच शब्दांचा वापर काळजीपूर्वक आणि प्रेमाने करावा, कारण ते कोणाच्या तरी मनाला कायमचे जखमी करू शकतात.
Summary in English
The poem “Truth” by Barrie Wade explains the difference between physical pain and emotional pain. The poet says that sticks and stones can break bones, but words can hurt deeply. Physical wounds heal over time, but harsh words remain in the mind like ghosts, haunting a person forever. The poet describes how words can pierce and leave scars in the heart, making them more painful than physical injuries. Physical pain fades away, but emotional pain lasts much longer. The poet’s message is that we should be careful with our words, as they have the power to hurt or heal. Kind words can bring comfort, while harsh words can leave deep emotional scars.
Summary in Hindi
कवि बैरी वेड की कविता “Truth” शारीरिक और मानसिक दर्द के बीच का अंतर समझाती है। कवि कहते हैं कि लाठियाँ और पत्थर हड्डियाँ तोड़ सकते हैं, लेकिन कठोर शब्द दिल को बहुत गहरी चोट पहुँचाते हैं। शारीरिक घाव समय के साथ ठीक हो जाते हैं, लेकिन कटु शब्द मन में हमेशा के लिए घर कर लेते हैं और भूतों की तरह परेशान करते रहते हैं। कवि बताते हैं कि शब्द दिल को भेद सकते हैं और गहरे घाव छोड़ सकते हैं, जो शारीरिक चोट से भी अधिक दर्दनाक होते हैं। शारीरिक चोट तो ठीक हो जाती है, लेकिन मन पर लगे घाव लंबे समय तक बने रहते हैं। कवि हमें सिखाते हैं कि हमें अपने शब्दों का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए, क्योंकि शब्द किसी को आहत कर सकते हैं या फिर सुकून भी दे सकते हैं। दयालु शब्द किसी को राहत दे सकते हैं, जबकि कठोर शब्द गहरे घाव छोड़ सकते हैं।
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