रहस्य
स्वयं अध्ययन
हिंदी-मराठी के समानार्थी मुहावर और कहावतें सुनो और उनका द्विभाषिक लघुकोश बनाओ : जैसे- अधजल गगरी छलकत जाए = उथळ पाण्याला खळखळाट फार.
उत्तर –
क्र. | हिंदी मुहावरे | मराठी मुहावरे |
१. | आँख में धूल झोंकना | डोळ्यात धूळ फेकणे |
२. | जान मुट्ठी में लेना | जीव मुठीत धरणे |
३. | कमर कसना | कंबर कसणे |
४. | आसमान फटना | आभाळ फाटणे |
५. | उँगलियों पर नचाना | बोटावर नाचविणे |
६. | चिराग तले अँधेरा | दिव्या खाली अंधार |
७. | जहाँ चाह, वहाँ राह | इच्छा तिथे मार्ग |
८. | जैसा दाम वैसा काम | दाम तसे काम |
९. | हाथ कंगन को आरसी क्या? | हातच्या काकणाला आरसा कशाला? |
१०. | ढाक के तीन पात | पळसाला पाने तीनच |
बताओ तो सही
उत्तर – घर में – मेरे घर में मेरी दादी हमेशा कहा करती थी कि यदि तुम बाहर जा रहे हो और किसी ने रोक दिया, या किसी ने छींक दिया तो नहीं जाना चाहिए। परंतु जब मैंने विद्यालय में पढ़ा और समझा तो जाना कि यह अंधश्रद्धा है। तब से मैंने दादी को भी समझाकर उनका भ्रम तोड़ने की कोशिश की।
विद्यालय में – मेरा एक सहपाठी है; जिसका घर विद्यालय के पास में ही है। वह रोज विद्यालय देरी से आता है। मैंने कारण पूछा तो उसने बताया कि जब मैं निकलता हूँ, तो बिल्ली रास्ता काट देती है और मैं इंतजार करने लगता हूँ कि पहले कोई और रास्ता पार करे, तब मैं आगे जाऊँ। तब मैंने उसे समझाया कि ऐसा कुछ नहीं होता। यह अंधश्रद्धा है। अब वह रोज समय पर आता है। परिवेश में – मेरे पड़ोस में एक सज्जन रहते हैं। वे एक आँख से काने हैं। लोग किसी काम से जाते समय उनके सामने आने पर रुक जाते हैं। इससे वे बड़े दुखी रहते थे। मैंने लोगों से इस बारे में बात की और अब लोग उन्हें देखकर बुरा नहीं मानते। मुझे भी इस व्यवहारिक सुधार से सुख की अनुभूति हुई।
विचार मंथन
।। श्रद्धा और विज्ञान, जीवन के दो पक्ष महान ।।
उत्तर – प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसी प्रकार जीवन के दो पक्ष हैं – श्रद्धा और विज्ञान। हम बाल्यकाल से अपने बड़े-बुजुर्गों से जो कुछ सीखते हैं; उसके प्रति हमारे मन में श्रद्धा होती है। हमारी संस्कृति प्राचीन है। प्राचीन काल से कुछ मान्यताएँ, रीति-रिवाज, परंपराएँ चली आ रही हैं। अशिक्षा के कारण इसमें कुछ कुरीतियाँ भी समाविष्ट हो गई हैं।
आधुनिक समय विज्ञान का युग है। ऐसे में बहुत सारी परंपराएँ, मान्यताएँ एवं रीति-रिवाज आज अपना मूल्य खोती जा रही हैं। अत: जीवन में भक्ति, ज्ञान, श्रद्धा का महत्त्व तो है; लेकिन वह विज्ञान सम्मत ही होनी चाहिए।आज हमें अंधश्रद्धा का निर्मूलन कर सही ज्ञान की आवश्यकता है जो कि विज्ञान की कसौटियों पर खरा उतर सके।
सुनो तो जरा
पाठाें में आए हुए मूल्यों को सुनो, तालिका बनाओ और सुनाओ ।
उत्तर –
१. अंधश्रद्धा से दूर रहना।
२. वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना।
३. सच्चाई का पता लगाना।
४. निडर होकर बहादुरी से सही मार्ग पर चलना।
५. गलत कार्य करने वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठाना।
१. जोड़ियॉं मिलाओ :
उत्तर –
२. आर्यन और कनिष्का द्वारा देखी हुई हवेली का वर्णन अपने शब्दों में लिखो ।
उत्तर – आर्यन और कनिष्का जब हवेली पहुंचे तो वहाँ हँसी और कहकहों की आवाजें सुनाई पड़ी। वहाँ बीचोंबीच में एक बड़ा कमरा था। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खिडकियाँ नीचे से बंद थी; किंत ऊपर से खली थीं।
३. कनिष्का और आर्यन को ‘वीरता पुरस्कार’ घोषित होने का कारण बताओ ।
उत्तर – कनिष्का और आर्यन ने बहादुरी का काम किया था। जिन डाकुओं को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपना खून-पसीना एक कर दिया था। उन्हें अपनी समझदारी से पकड़वा दिया था और डाकुओं के आतंक से गाँववालों को मुक्त
करा दिया था।
4. इस कहानी की किसी घटना को संवाद रूप में प्रस्तुत करो ।
उत्तर –
आर्यन – नमस्ते सर! क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
थानेदार – हाँ! कहिए आप सबकी मैं क्या मदद कर सकता हूँ।
आर्यन – सर! हमारे पास कुछ फोटो हैं। (फोटो दिखाते हुए)
थानेदार – अरे! तुम्हारे पास ये फोटो कहाँ से आए?
आर्यन – महोदय! यह कनिष्का है। यह मेरे मामा की लड़की है। इनके घर के पास एक हवेली है।
थानेदार – वो हवेली, जिसमें भूत रहते हैं।
कनिष्का- नहीं, नहीं, सर वहाँ कोई भूत-बूत नहीं रहते, हमने वही से कल रात ये फोटो खींची हैं।
थानेदार – शाबास! बच्चों! तुम दोनों ने बहादुरी का काम किया है।
भाषा की ओर
चित्र के आधार पर सभी कारकों का प्रयोग करके वाक्य लिखो :
(१) मछुआरे ने जाल फेंका।
(२) एक महिला नारियल को इकट्ठा कर रही है।
(३) एक व्यक्ति नाव से जा रहा है।
(४) एक लड़की मछलियों के लिए दाना डाल रही है।
(५) एक व्यक्ति पेड़ से नारियल तोड़ता है।
(६) महिला का पुत्र आ रहा है।
(७) मछुआरे की जाल में बहुत मछलियाँ हैं।
(८) अरे! तुम आ गए।
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