चंदा मामा की जय
जरा सोचो ……… चर्चा करो
यदि तुम्हारा घर मंगल ग्रह पर होता तो …….
उत्तर – यदि हमारा घर मंगल ग्रह पर होता, तो हम सब मंगलवासी कहे जाते। पृथ्वी सबसे अधिक मंगल के करीब है अत: वहाँ से पृथ्वी का नजारा देखा करते । मंगल को ‘लाल ग्रह’ कहा जाता है। हम वहाँ के इस सौंदर्य का आनंद लेते। सूर्य से दूर होने की वजह से मंगल ग्रह पर मौसम की लम्बाई पृथ्वी से दोगुनी होगी। ऐसे में मंगल का एक साल पृथ्वी के दो साल के बराबर हो जाएगा। इस प्रकार पृथ्वी की एक साल की पढ़ाई वहाँ दो साल करनी पड़ेगी।
मंगल ग्रह को अपने अक्ष पर घुमने में २५घंटे और सूर्य की परिक्रमा करने में ६८७ दिन लगते हैं। समय के हिसाब से मंगल ग्रह धीमी गति का है। दो वर्ष पर एक बार जन्मदिन मनाने मिलेगा। सभी ऋतुएँ चार-चार महीने की होने लगेगी। इस प्रकार मंगल ग्रह पर एक नया अनुभव होगा। यदि वहाँ से धरती पर वापस आएँगे, तो पता चलेगा कि मेरे सभी दोस्त मुझसे पढ़ाई में काफ़ी आगे निकल चुके हैं। फिर भी एक नए ग्रह पर घर होना और घुमने की कल्पना ही मन में उत्साह और रोमांचक एहसास भर देती है।
खोजबीन
इस वर्ष का सूर्यग्रहण कब है ? उस समय पशु-पक्षी के वर्तन-परिवर्तन का निरीक्षण करो और बताओ ।
उत्तर – सूर्यग्रहण: २१ जून, १४ दिसंबर, २०२०
सूर्य ग्रहण के दौरान दिन में अचानक ही सारा जगत अंधकारमय हो जाता है। इस अचानक हुए अंधकार के कारण को पशु-पक्षी समझ नहीं पाते हैं। वे भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगते हैं। पूरे जंगल में घबराहट की वजह से कोलाहल मच जाता है और सभी पशु-पक्षी भय के कारण अपने घरों व घोंसलों में लौटने लगते हैं।
स्वयं अध्ययन
उत्तर – ग्रहों का क्रम: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्चून
उपग्रहों की संख्या: १६६
पृथ्वी का परिक्रमा काल:
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिन 6 घंटे (1 वर्ष) में एक पूरी परिक्रमा करती है।
अपनी धुरी पर एक चक्कर 24 घंटे (1 दिन) में पूरा करती है, जिससे दिन और रात बनते हैं।
यह सौरमंडल का संक्षिप्त विवरण है, जिसमें ग्रहों का क्रम, उपग्रहों की संख्या और पृथ्वी के परिक्रमा काल की जानकारी शामिल है।
मेरी कलम से
किसी दुकानदार और ग्राहक के बीच होने वाला संवाद लिखो और सुनाओ : जैसे- मॉं और सब्जीवाली ।
उत्तर –
माँ – भिंडी क्या भाव है? बहन!
सब्जीवाली – ५० रु. किलो
माँ – और टमाटर?
सब्जीवाली – ८०रु.
माँ – क्या? ८० रु. किलो?कल ही तो५०रु. का एक किलो लिया था मैने।
सब्जीवाली – कल की बात कल थी। आज तो ८० रु. का भाव है।
माँ – तुम लोग इस तरह एक ही रात में इतना भाव बढ़ाओगे, तो गरीब आदमी क्या खाएगा?
सब्जीवाली – देखो बहन जी! हमारे घर की खेती तो है नहीं। हम बाजार से जो भाव लेते हैं। उसी भाव में हमें बेचना पड़ता है।
माँ – चलो ठीक है। आज आधा किलो ही टमाटर दे दो। महँगाई की मार बहुत बुरा दिन दिखाने लगी है।
सब्जीवाली – हाँ, वो तो हैं। अभी देती हूँ।
विचार मंथन
।। बिन मॉंगे मोती मिले।।
उत्तर – एक प्राचीन कहावत है ‘बिन मांगे मोती मिले, माँगे मिले न भीख।’ कहने का आशय यह है कि हम छोटी-छोटी बात पर लोगों से माँगने लगते हैं। कुछ तो भगवान के मंदिर में भी जाते हैं, तो भगवान से न जाने क्या-क्या माँग करते रहते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि माँगने से हमें कुछ प्राप्त नहीं होता। हम जिससे मांगते हैं उसकी नजरों में स्वयं को छोटा बना देते हैं।
रही बात भगवान की तो मेरा यह काम हो गया तो मैं आपके लिए उपवास रखूगा। नारियल और प्रसाद चढ़ाऊँगा। वे यह भूल जाते हैं कि हमारा काम हमारे परिश्रम से ही सफल हो सकता है। उसके लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं है। यदि हम परिश्रमपूर्वक मन लगाकर कोई भी कार्य करेंगे, तो अवश्य सफल होंगे और बिन मांगे हमें सब कुछ मिल जाएगा। यदि हम सिर्फ माँगने पर ही निर्भर रहेंगे, तो भीख भी नहीं मिलेगी।
१. किसने, किससे और क्याें कहा है ?
(क) ‘‘हम तुम्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे ।’’
उत्तर – रातरानी ने सुनील से कहा।
(ख) ‘‘सबको क्षमा किया जाता है ।’’
उत्तर – रातरानी ने सभी बच्चों से कहा।
२. इस एकांकी का सारांश अपने शब्दों में लिखो ।
उत्तर – प्रस्तुत एकांकी ‘चंदा मामा की जय’ में लेखक ने शांति प्रियता, बड़ों का आदर, छोटों से प्यार और बुरी आदतों को त्यागने के लिए प्रोत्साहित किया है। इसमें प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। जिसमें एक लड़की जज की भूमिका में है और बाकी पाँच बच्चे जिनकी शिकायत नींद परी करती है। बाद में चंदा मामा उन बच्चों के गुणों को याद कराते हैं और बच्चों से बुरी आदतें छोड़ने की प्रतिज्ञा कराते हैं। अंत में सभी बच्चों को क्षमा किया जाता है।
३. इस एकांकी के पसंदीदा पात्र का वर्णन करो ।
उत्तर – ‘चंदा मामा की जय’ एकांकी का सबसे पसंदीदा पात्र चंदामामा है। बच्चे चंदा मामा को अपना मामा मानते हैं। उनके आते ही वे सब खड़े हो जाते हैं और ताली बजाकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। चंदामामा भी बच्चों का पक्ष लेते हुए उनके गुणों का वर्णन करते हैं। वे बच्चों को माफी दिलवाते हैं और बच्चे चंदामामा की जय-जयकार करने लगते हैं।
4. नैतिक मूल्यों की सूची बनाओ और उनपर अमल करो ।
उत्तर – दैनिक जीवन में उपयोगी कुछ नैतिक मूल्य निम्नलिखित हैं:
छोटे बच्चों से स्नेह एवं प्यार करना।
बड़ों की बात मानना।
बड़ों का आदर करना।
भोजन करते समय प्रसन्न रहना एवं समय पर खाना।
खेलने के समय पर ही खेलना।
पढ़ाई के समय मन लगाकर पढ़ना।
सभी काम समय पर करना।
सभी से मिलकर रहना।
घर की वस्तुओं को संभालकर रखना।
छोटी-बड़ी सभी बुरी आदतों से दूर रहना।
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