Questions Answers For All Chapters – हिन्दी Class 7
अलग अंदाज में होली
मेरी कलम से
किसी भी त्योहार पर मुद्दों के आधार पर निबंध लिखो : प्रस्तावना, महत्त्व, कब, क्यों, कैसे, उपसंहार ।
उत्तर – होली: एकता और प्रेम का त्योहार
प्रस्तावना:
होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह रंगों, खुशियों और भाईचारे का पर्व है। यह न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
महत्त्व:
होली का सबसे बड़ा संदेश प्रेम और सद्भावना है। यह पर्व हमें भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहने की प्रेरणा देता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है, जो हमें नकारात्मकता से दूर रहने और सकारात्मकता को अपनाने की सीख देता है।
कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है?
होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह पर्व दो दिन तक चलता है-पहले दिन होलिका दहन किया जाता है, जिसमें बुराई को जलाकर नष्ट करने का प्रतीकात्मक अर्थ होता है। दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है, जिसमें लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रेम और सौहार्द का संदेश देते हैं।
समाज के प्रति एक नई सोच:
जैसा कि पाठ में उल्लेख किया गया है, बच्चों ने इस बार वृद्धाश्रम में जाकर बुजुर्गों के साथ होली मनाई। उन्होंने महसूस किया कि वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्ग अकेलेपन और उपेक्षा का शिकार होते हैं। इस बार की होली उनके लिए खास थी क्योंकि बच्चों ने उनके साथ रंग और खुशी बांटी। इससे यह संदेश मिलता है कि त्योहारों का असली आनंद तब है जब हम दूसरों की खुशियों का कारण बनें।
उपसंहार:
होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और प्रेम के रंग भरने का भी संदेश देती है। हमें इसे सामाजिक भेदभाव से दूर रहकर और हर व्यक्ति के साथ समान भाव से मनाना चाहिए। यदि हम त्योहारों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ें, तो यह न केवल हमारे जीवन को सार्थक बनाएगा बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी लाएगा।
विचार मंथन
।। उत्सव, पर्वमनाऍं, भेद-भाव भूल जाएँ ।।
उत्तर – त्योहार केवल आनंद और उमंग के प्रतीक नहीं होते, बल्कि वे समाज में एकता और सद्भावना को भी बढ़ावा देते हैं। भारत जैसे विविधताओं वाले देश में त्योहारों का विशेष महत्व है क्योंकि वे हमें जाति, धर्म, उम्र और आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं।
पाठ में शालिनी और उसकी टीम ने इस विचार को अपनाते हुए होली को वृद्धाश्रम में जाकर मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने महसूस किया कि समाज में कई लोग ऐसे हैं जो अपनों से दूर रहकर अकेलापन महसूस करते हैं। जब बच्चों ने बुजुर्गों के साथ होली खेली, तो यह उनके लिए सिर्फ रंगों का उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह एक ऐसा अवसर बना जिसने बुजुर्गों के जीवन में खुशियों के रंग भरे।
इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि त्योहारों को केवल अपने परिवार तक सीमित न रखते हुए, उन्हें समाज के हर वर्ग के साथ मिलकर मनाना चाहिए। चाहे कोई अमीर हो या गरीब, वृद्ध हो या युवा, सभी को समान रूप से त्योहारों की खुशियों में शामिल करना चाहिए। यही सही मायने में उत्सव मनाने की भावना है-भेदभाव भुलाकर सबको अपनाना और खुशियों को साझा करना।
अध्ययन कौशल
संदर्भस्रोतों की जानकारी प्राप्त करो और उनकी सूची बनाकर सुनाओ ।
उत्तर – संदर्भ स्रोत वे माध्यम होते हैं जिनसे हम किसी विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी विषय पर गहराई से अध्ययन करने के लिए विभिन्न प्रकार के स्रोतों का उपयोग किया जाता है।
पाठ में उपलब्ध संदर्भ स्रोत:
- पुस्तकें और पाठ्य सामग्री – जैसे कि यह अध्याय जिसमें होली के विषय में जानकारी दी गई है।
- अनुभवी व्यक्तियों से वार्ता – बुजुर्गों से बातचीत करके उनके अनुभवों को समझना।
- अखबार और पत्र-पत्रिकाएँ – त्योहारों और समाज में उनके प्रभाव पर लेख पढ़कर जानकारी प्राप्त करना।
- इंटरनेट एवं डिजिटल स्रोत – ऑनलाइन लेख, ब्लॉग, और सरकारी वेबसाइटों से जानकारी लेना।
- समाज में व्यावहारिक अनुभव – स्वयं वृद्धाश्रम जाकर बुजुर्गों से बातचीत करना और उनकी स्थिति को समझना।
* टिप्पणियाँ लिखो :
1. वृद्धाश्रम में जाकर होली मनाने के कारण
उत्तर – वृद्धाश्रम में होली मनाने का मुख्य कारण बुजुर्गों को खुशी देना और उनकी अकेलापन महसूस करने की भावना को कम करना था। वे अपने ही परिवार से दूर रह रहे थे और छोटी-छोटी खुशियों की तलाश में थे। बच्चों ने यह समझा कि उनके साथ त्योहार मनाने से उन्हें अपनापन और खुशी महसूस होगी।
2. बुजुर्गों के बच्चों के बारे में विचार
उत्तर – बुजुर्गों के बच्चों ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया था। उनकी अपनी संतानों ने उन्हें बेसहारा कर दिया, जिससे वे वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हो गए। यह स्थिति सामाजिक संवेदनहीनता को दर्शाती है, जहां बुजुर्ग अपने ही घरों में सुरक्षित नहीं हैं।
3. बुजुर्गों की बातों का बच्चों पर प्रभाव
उत्तर – बुजुर्गों की बातों ने बच्चों पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने बुजुर्गों की पीड़ा को समझा और संकल्प लिया कि वे भविष्य में समाज में ऐसा बदलाव लाएँगे, जिससे वृद्धाश्रमों की आवश्यकता ही न पड़े। बच्चों ने बुजुर्गों से जीवन के अनुभव सुने और उनसे नैतिक मूल्य सीखे।
4. शालिनी और उसकी टीम का स्वागत
उत्तर – जब शालिनी और उसकी टीम वृद्धाश्रम से लौटकर अपने मोहल्ले में आई, तो पूरे मोहल्ले ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके इस नेक कार्य पर सभी गर्व महसूस कर रहे थे। उन्होंने एक नई तरह की होली मनाई थी, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली थी।
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