बेटी युग
जरा सोचो ….. लिखो
तुम्हें रुपयों से भरा बटुआ मिल जाए तो …..
उत्तर – यदि मुझे रुपयों से भरा बटुआ मिल जाए तो सबसे पहले मैं यह जानना चाहूँगा कि वह बटुआ किसका है? यदि उस बटुए में उसके मालिक के बारे में कोई जानकारी मिल गई, तो मैं उस व्यक्ति को सूचित करूंगा। उसे विश्वास दिलाऊँगा कि आपका बटुआ मुझे मिला है और मैंने उसे संभाल कर रखा है। आप आकर अपनी अमानत ले जाइए। यदि बटुए में उसके मालिक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, तो अपने विद्यालय के शिक्षकों को दूंगा। उनसे निवेदन करूंगा कि यह बटुआ मुझे मिला है आप इसके मालिक को इसे सुपुर्द करने की कृपा करें; क्योंकि जिसका बटुआ गायब हुआ होगा वह परेशान होगा।
स्वयं अध्ययन
उत्तर – स्वयं: यदि स्त्री शिक्षित होगी, तो उसका जीवन स्तर अच्छा रहेगा। वह आत्मनिर्भर बनेगी। समाज में उसका सम्मान होगा। वह अपने देश और समाज के लिए अपना योगदान देने में समर्थ होगी। परिवार – यदि स्त्री शिक्षित होगी, तो वह अपने परिवार को भी शिक्षित बना सकती है। अपने परिवार को सही दिशा दिखा सकती है। अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकती है। सामाजिक कुरीतियों से बचा सकती है।
समाज – अक्सर देखा जाता है कि महिलाएँ तरह-तरह के अंधविश्वास एवं सामाजिक बुराइयों का शिकार हो जाती हैं। यदि स्त्री शिक्षित होगी, तो समाज में जागरूकता लाकर सामाजिक उत्थान कर सकती है। देश – यदि स्त्री शिक्षित होगी, तो देश में विकास की क्रांति आ सकती है। कहा जाता है कि देश पढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। शिक्षित स्वी देश में व्याप्त बुराइयों को दूर कर प्रगति पथ पर अग्रसर हो सकती है।
विचार मंथन
।। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ।।
उत्तर – हमारे देश में कालांतर से ही बेटा-बेटी में अंतर किया जाने लगा था। परिणाम यह हुआ कि लोग बेटी को विद्यालय ही नहीं भेजते थे। कुछ लोग उसे गर्भ में ही मार डालते थे। यह एक सामाजिक बुराई बन चुकी थी। इस बुराई को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक नारा दिया। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।’ सरकार के प्रयास से लोगों में जारूकता आयी और सबने इस बात को स्वीकार किया कि हम बेटी को बचाएंगे और उसे पढ़ाएंगे भी। देश तभी आगे बढ़ेगा; जब बेटा-बेटी दोनों एक समान पढ़ेंगे। उनमें कोई भेद-भाव नहीं होगा। सर्वत्र समानता की लहर लहराएगी।
१. कविता की पंक्तियॉं पूरी करो :
(क) बेटी युग में —-, —- । —-, —- गढ़ेंगे ।।
उत्तर –
बेटी युग में बेटा-बेटी,
सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे।
फौलादी ले नेक इरादे,
खुद अपना इतिहास गढ़ेंगे।
(ख) बेटी युग —-, —- । —-, —- उत्थान पर्व है ।
उत्तर –
बेटी युग सम्मान पर्व है,
पुण्य पर्व है, ज्ञान पर्व है।
सब सबका सम्मान करें तो,
जन-जन का उत्थान पर्व है।
२. जानकारी लिखो :
(च) बेटी पर्व
उत्तर – भारत की संस्कृति उत्सव संस्कृति के रूप में जानी जाती है। यहाँ देवता ही नहीं प्रकृति की भी पूजा की जाती है। प्राचीन काल से यहाँ बेटियाँ लक्ष्मी, सरस्वती, सौता और सावित्री के रूप में पूजी जाती हैं। नवरात्र में तो कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। आधुनिक युग में इसमें कुछ कमी आई है जिसे शिक्षा द्वारा दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। बेटी के जन्म पर उत्सव मनाकर, उसे पढ़ाकर हम बेटी पर्व मना सकते हैं और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।
(छ) शिक्षामय विश्व
उत्तर – ‘शिक्षा’ शब्द संस्कृत भाषा के ‘शिक्ष्’ धातु से बना है जिसका अर्थ है – सिखना। मनुष्य जन्म से मृत्यु पर्यंत कुछन-कुछ सीखता रहता है। यह प्रक्रिया विश्वव्यापी है। दुनिया में कहीं भी जाएँ शिक्षा का महत्त्व सर्वोपरि है। कहा जाता है कि शिक्षा ही ऐसी वस्तु है; जिसे न तो चोर चुरा सकता है, न ही यह किसी को बाँटी जा सकती है, न ही राजा द्वारा छीनी जा सकती है और न ही भार लगने वाली है। इसे जितना खर्च किया जाए, उतनी ही बढ़ती है। इसके द्वारा दुनिया में प्रत्येक स्थान पर सम्मान प्राप्त किया जा सकता है। कहा गया है “स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान सर्वत्र पूज्यते।”
भाषा की ओर
निम्नलिखित शब्दों के युग्म शब्द बताओ और वाक्यों में उचित शब्दयुग्म लिखो :
गाँव- ……….., ………..-उधर, घूमना – ……….., धन – ……….., ……….. – पहचान, कूड़ा – ……….., ……….. – फूल, घर – ……….. ।
उत्तर –
- गाँव
- इधर
- फिरना
- दौलत
- जान
- करकट
- फल
- घर
उत्तर –
(१) धन – दौलत
(२) घूमना – फिरना
(३) घर – घर
(४) गाँव – गाँव
(५) फल – फूल
(६) कूड़ा – करकट
(७) जान – पहचान
(८) इधर – उधर
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