Questions Answers For All Chapters – हिन्दी Class 7
विश्वव्यापक प्रेम
सुनो तो जरा
पसायदान सुनो और सुनाओ ।
उत्तर – “पसायदान” संत ज्ञानेश्वर द्वारा लिखित एक प्रार्थना है, जो “ज्ञानेश्वरी” के अंत में आती है। यह एक मंगलकामना है जिसमें पूरे विश्व के कल्याण की प्रार्थना की गई है। संत ज्ञानेश्वर ने इसमें सभी प्राणियों की सुख-शांति, सद्भावना और समृद्धि की कामना की है।
वाचन जगत से
उत्तर – निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर महाराष्ट्र राज्य के खादी ग्रामोद्योग की जानकारी प्रस्तुत है:
1. कपास (Cotton): खादी वस्त्रों के निर्माण के लिए कपास की आवश्यकता होती है। महाराष्ट्र में कपास की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिससे खादी उद्योग को आवश्यक कच्चा माल मिलता है।
2. धागा (Thread): कपास से धागा बनाने की प्रक्रिया में चरखे का उपयोग होता है। चरखे पर कपास की कताई करके धागा तैयार किया जाता है, जो खादी वस्त्रों की बुनाई में प्रयोग होता है।
3. बुनाई (Weaving): तैयार धागे से करघों पर बुनाई की जाती है, जिससे विभिन्न प्रकार के खादी वस्त्र तैयार होते हैं, जैसे साड़ी, धोती, कुर्ता आदि।
4. निर्माण प्रक्रिया (Production Process): खादी वस्त्रों का निर्माण पूरी तरह से हस्तशिल्प पर आधारित होता है, जिसमें कताई, बुनाई और रंगाई शामिल हैं। यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल होती है और स्थानीय कारीगरों को रोजगार प्रदान करती है।
5. वितरण (Distribution): तैयार खादी वस्त्रों को खादी ग्रामोद्योग की दुकानों और प्रदर्शनियों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भी खादी उत्पादों की बिक्री की जाती है।
6. विक्रय (Sales): खादी वस्त्रों की बिक्री से प्राप्त आय का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण कारीगरों के जीवनयापन में सहायक होता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
7. खादी ग्रामोद्योग का उद्देश्य: खादी ग्रामोद्योग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना है। यह महात्मा गांधी के आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन के सिद्धांतों पर आधारित है।
विचार मंथन
।। सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः ।।
उत्तर – यह एक संस्कृत श्लोक है जिसका अर्थ है:
“सभी सुखी हों, सभी निरोग रहें।”
यह श्लोक पूरे समाज और विश्व के कल्याण की प्रार्थना करता है, जिसमें सभी लोगों की भलाई, स्वास्थ्य और शांति की कामना की गई है। यह विचार वैश्विक सद्भाव और करुणा का प्रतीक है।
* कविता की पंक्तियाँ पूर्ण करो :
(क) सागर से —————- । ————-प्रकार तू एक ही है ।
उत्तर – सागर से उठा बादल बन के, बादल से फटा जल हो करके।चफर नहर बनी नदियाँ गहरी, तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है।
(ख) चींटी से —————- । ————— तेरा तू एक ही है ।
उत्तर – चींटी से भी अणु-परमाणु बना, सब जीव जगत का रूप चला।कहीं पर्वत, वृक्ष विशाल बना, सौंदर्य तेरा तू एक ही है।
भाषा की ओर
निम्नलिखित वर्णों से समानार्थी और विरुद्धार्थी शब्दों की जोड़ियॉं ढूँढ़ो और अपने वाक्यों में प्रयोग करके कॉपी में लिखो :
उत्तर – चित्र में नीचे दिए गए अक्षरों का उपयोग करके, उपयुक्त जोड़ियाँ बनाई जा सकती हैं:
विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द:
- रात × दिन
- अंधकार × प्रकाश
- ऊँचा × नीचा
- नया × पुराना
- जीवन × मृत्यु
पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द:
- पुष्प = फूल
- बालक = बच्चा
- अग्नि = आग
- नदी = सरिता
- गृह = मकान
वाक्य प्रयोग:
- रात और दिन मिलकर एक पूरा दिन बनाते हैं।
- सूरज के आने से अंधकार समाप्त हो जाता है और प्रकाश फैल जाता है।
- पहाड़ बहुत ऊँचा होता है, जबकि मैदान नीचा होता है।
- यह मकान बहुत पुराना है, हमें एक नया मकान बनवाना चाहिए।
- जीवन का सही अर्थ वही समझ सकता है जिसने मृत्यु को नजदीक से देखा हो।
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