जहॉं चाह, वहाँ राह
बताओ तो सही
उत्तर –
विचार मंथन
।। श्रद्धा और विज्ञान, जीवन के दो पक्ष महान ।।
उत्तर – ‘श्रद्धा’ शब्द का अर्थ है विश्वास और ‘विज्ञान’ शब्द का अर्थ है संशोधन के माध्यम से सिद्ध की हुई बात। श्रद्धा अधिक होने से अंधश्रद्धा निर्माण होती है। किसी कार्य के प्रति श्रद्धा (विश्वास) ही मनुष्य को लक्ष्य की ओर ले जाती है। इसलिए मनुष्य को अपने कार्य में गहन विश्वास होना चाहिए। विज्ञान वहीं विश्वास हमें दिलाता है। विज्ञान कई अंधश्रद्धा को अपनी विज्ञान की कसौटी पर कसकर उन्हें झूठ साबित करता है। विज्ञान ही है, जिसने मनुष्य को अंधविश्वास से दूर करके उसमें आत्मविश्वास पैदा किया है। श्रद्धा विज्ञान की कसौटी पर कसकर ही और अधिक पक्की व दृढ़ बन जाती है। श्रद्धा मनुष्य में विश्वास उत्पन्न करती है, तथा विज्ञान उसे जीवन की आधुनिक राह दिखाता है। श्रद्धा और विज्ञान ही मानव को जीवन की सही राह दिखाते हैं, वे जीवन के दो महान पक्ष हैं। इन दो पक्षों के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को सुंदर, समर्थ व सशक्त बना सकता है।
वाचन जगत से
गणतंत्र दिवस पर सम्मानित बच्चों के बहादुरी के प्रसंग पढ़ो और पसंदीदा किसी एक का वर्णन करो ।
उत्तर – गणतंत्र दिवस पर सम्मानित बच्चों के बहादुरी के प्रसंगों में से मेरे पसंदीदा प्रसंग का वर्णन निम्नलिखित है:
५ मई, २०१६ को विशाल ठाकुर घर पर अपनी माँ विमला और छोटे भाई के साथ था। उसके पिता काम से बाहर गए थे। तभी एक अनजान व्यक्ति उनके घर आया और अपने आप को उसके पिता जी का दोस्त बताया। विशाल की माँ ने जब उसके पिता को फोन करके बताया तो उन्होंने उस अनजान व्यक्ति को नहीं पहचाना। फिर वह व्यक्ति शौचालय जाने के बहाने घर के अंदर आया और अपनी जेब से छुरा निकालकर विशाल की माँ के गले पर रखा। उसने विशाल से घर की सारी कीमती चीजें और पैसे लाने के लिए कहा।
विशाल उस चोर के पैर पकड़कर अपनी माँ को छोड़ने की गुहार करने लगा और फिर उसने चोर के पैर पकड़कर उसे गिरा दिया। चोर के नीचे गिरते ही सभी ने मिलकर उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। विशाल की इस बहादुरी के लिए उसे गणतंत्र दिवस पर जनरल राष्ट्रीय शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
खोजबीन
उत्तर –
अध्ययन कौशल
संदर्भ स्रोतों द्वारा निम्न रोगों से बचने के लिए दिए जाने वाले टीकों की जानकारी सुनो और संकलित करो :
उत्तर –
१. किसने किससे कहा है ?
(क) ‘‘आज इतने विद्यार्थियों के अनुपस्थित रहने का कारण क्या है ?’’
उत्तर – गुरुजी ने विद्यार्थियों से कहा।
(ख) ‘‘ जब कभी शहर गए हैं, बड़े-बड़े पुल देखे भी हैं ।’’
उत्तर – आशीष ने मित्रों से कहा।
२. कहानी के शीर्षक की सार्थकता बताओ ।
उत्तर – प्रस्तुत कहानी का शीर्षक ‘जहाँ चाह, वहाँ राह’ अत्यंत सटिक एवं योग्य है। गाँव में बरसात के मौसम में आने वाली उस नाले रूपी मुसीबत की ओर किसी का ध्यान नहीं गया था। किंतु शिक्षा की आस से अभिभूत होकर उन बच्चों ने नाले पर पुल बनाने का निश्चय किया। उन सभी बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि और लगन थी इसी रुचि ने उनके हौसले को बढ़ाया। ज्ञान की चाह ने उन्हें नाले पर पुल बनाने की प्रेरणा दी और उनकी पाठशाला की राह उन्हें मिल गई। अगर मनुष्य में हौसला हो, तो वह किसी भी वस्तु की चाहत में अपनी राह ढूँढ़ ही निकालता है।
३. आँखों देखी किसी घटना का वर्णन करो ।
उत्तर – कई साल पहले मैं अपने परिवार के साथ मुंबई दर्शन करने गया था। हम विरार से चर्चगेट का सफर लोकल ट्रेन से तय करने वाले था। सफर के दौरान ट्रेन में बड़ी भीड़ थी हम जैसे-तैसे ट्रेन में चढ़े। अगले दो स्टेशन के बाद ही भीड़ और अधिक बढ़ गई। ट्रेन में खड़े होने की भी जगह न थी। कई लोग दरवाजे पर भी लटक रहे थे। उसमें से एक आदमी खिड़की के पास लटका हुआ बाहर की ओर झूल रहा था। लोकल ट्रेन सामने की ओर से जा रही थी। ट्रेन में शोर और कोलाहल था।
कई लोग उस आदमी को ऊपर की और खिंचना चाहते थे कि एकाएक सभी लोग शांत हुए और एक जोर की आवाज हुई। खिड़की से लटके हुए आदमी के हाथ की पकड़ ढीली पड़ने से वह नीचे गिर गया। उसकी मृत्यु हो गई। तुरंत ही ट्रेन की चैन खिंची गई। ट्रेन रुक गई किंतु उस वक्त सब कुछ व्यर्थ था। उस व्यक्ति के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। यह मेरे जीवन की सबसे दर्दनाक व शोकभरी घटना है। इस घटना की दुखद छाप आज भी मेरे मानस पटल पर स्थित है।
4. इस कहानी का सारांश लिखो ।
उत्तर – मनुष्य अगर मन में ठान ले, तो वह किसी भी हालत में अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकता है। प्रस्तुत पाठ के बच्चों ने मन में ठान लिया था कि उनकी पढ़ाई व भविष्य में बाधा डालने वाले उस नाले पर वे पुल बनाएंगे। जब मनुष्य अपना लक्ष्य निश्चित करता है, तो उसे पाने के लिए वह सारे प्रयास करता है। उसके लिए दिन-रात एक करता है। अपने राह में आनेवाली सारी मुसीबतों का सामना करता है। प्रस्तुत पाठ में बच्चों ने गाँव के बड़े-बूढ़े लोगों में इस कार्य के प्रति प्रेरणा निर्माण की और उनकी मदद से सभी ने मिलकर नाले पर पुल बनाने के कार्य को पूर्ण किया। अतः जहाँ कार्य के प्रति लगन होती है, वहाँ सफलता अवश्य मिलती है।
भाषा की ओर
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़ो और मोटे अक्षरों में छपे शब्दों पर ध्यान दो, पढ़कर उद्देश्य-विधेय अलग करके लिखो :
उत्तर –
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