शब्द संपदा
1. परिचय
- यह पाठ भाषा और शब्दों की महत्ता को समझाने के लिए लिखा गया है।
- लेखक ने बताया कि शब्द केवल बोलने के लिए नहीं होते, बल्कि वे मनुष्य की प्रगति और समाज की उन्नति का आधार हैं।
- शब्द हमें जोड़ते और तोड़ते हैं, इसलिए हमें उनका सही प्रयोग करना चाहिए।
2. लेखक का परिचय
- नाम: डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे
- जन्म: 7 अगस्त 1942, गुलबर्गा (कर्नाटक)
- मुख्य कृतियाँ: लगभग 65 पुस्तकें
- विशेषता: हिंदी और मराठी के प्रसिद्ध लेखक, अनुवादक और समीक्षक
3. भाषा और मनुष्य की प्रगति
- भाषा और शब्दों का उचित उपयोग ही मनुष्य की प्रगति का आधार है।
- मनुष्य का मस्तिष्क अन्य प्राणियों की तुलना में अधिक विकसित है, लेकिन उसकी प्रगति का मुख्य कारण शब्दों का सही संयोजन है।
- शब्दों ने ज्ञान और संस्कृति के विकास में अहम भूमिका निभाई है।
4. शब्दों की शक्ति
शब्दों की शक्ति को लेखक ने विभिन्न तरीकों से समझाया है:
शब्द ज्ञान का स्रोत होते हैं:
- शब्द ही हमें शिक्षा और जानकारी प्रदान करते हैं।
- सही शब्दों का प्रयोग व्यक्ति की बौद्धिकता को दर्शाता है।
शब्द भावनाएँ व्यक्त करते हैं:
- कुछ शब्द हँसाते हैं, कुछ रुलाते हैं।
- कुछ शब्द प्रेरित करते हैं और कुछ निराश कर सकते हैं।
शब्द जोड़ते और तोड़ते हैं:
- अच्छे शब्द रिश्ते मजबूत करते हैं, गलत शब्द विवाद उत्पन्न कर सकते हैं।
शब्दों से संस्कृति का निर्माण होता है:
- सभ्य और सुसंस्कृत भाषा समाज की उन्नति में मदद करती है।
- गलत भाषा का प्रयोग समाज में अराजकता फैला सकता है।
5. शब्दों का सही उच्चारण और प्रयोग
- शब्दों का सही उच्चारण और प्रयोग भाषा की सुंदरता बढ़ाता है।
- गलत उच्चारण से शब्दों के अर्थ बदल सकते हैं, जिससे गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है।
- हमें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।
6. भाषा की समृद्धि कैसे होती है?
भाषा की समृद्धि विभिन्न तरीकों से होती है:
विभिन्न भाषाओं से शब्द ग्रहण करना:
- हिंदी में अंग्रेज़ी, अरबी, फारसी, संस्कृत और अन्य भाषाओं के शब्द सम्मिलित हो चुके हैं।
- उदाहरण: बस, रेल, कार, रेडियो, स्टेशन आदि।
साहित्य और शब्दकोश का अध्ययन:
- नई पुस्तकों और शब्दकोश का अध्ययन करके हम अपनी शब्द संपदा को बढ़ा सकते हैं।
सही शब्दों का प्रयोग:
- हमें अपनी भाषा में उन्हीं शब्दों का प्रयोग करना चाहिए जो स्पष्ट, अर्थपूर्ण और मर्यादित हों।
7. शब्दों का हमारे जीवन पर प्रभाव
- शब्दों से हमारा व्यक्तित्व बनता है।
- गलत शब्दों का प्रयोग लोगों को नाराज़ कर सकता है, जबकि अच्छे शब्दों से हम सम्मान पा सकते हैं।
- शब्दों का सही उपयोग करने से परीक्षाओं में भी अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
8. मातृभाषा का महत्व
- अपनी मातृभाषा का सम्मान करना आवश्यक है।
- हिंदी में कई सुंदर शब्द हैं, जिन्हें हमें अपनाना चाहिए और विदेशी शब्दों का अनावश्यक उपयोग नहीं करना चाहिए।
- उदाहरण: “मम्मी-पापा” की जगह “माँ-पिता” कहना अधिक उचित है।
9. शब्द संपदा बढ़ाने के उपाय
शब्दों की जानकारी बढ़ाने के लिए हमें ये कदम उठाने चाहिए:
अधिक पढ़ना:
- साहित्य, समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ने से नए शब्द सीखने को मिलते हैं।
शब्दकोश का उपयोग करना:
- रोज़ाना नए शब्द सीखकर उनका प्रयोग करें।
अच्छे लेखकों की पुस्तकें पढ़ना:
- प्रसिद्ध साहित्यकारों के लेखन से भाषा की समझ विकसित होती है।
संवाद कौशल को सुधारना:
- बातचीत में अच्छे शब्दों का प्रयोग करके भाषा को प्रभावी बनाया जा सकता है।
10. निष्कर्ष
- शब्द केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
- सही शब्दों का चुनाव और उनका सटीक प्रयोग हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- शब्द संपदा बढ़ाने के लिए हमें पढ़ने, लिखने और सोच-समझकर बोलने की आदत डालनी चाहिए।
महत्वपूर्ण शब्दावली:
शब्द | अर्थ |
---|---|
तकलीफ | परेशानी |
मिलनसार | मिल-जुलकर रहने वाला |
निरर्थक | व्यर्थ, जिसका कोई मतलब न हो |
अराजकता | अव्यवस्था, अनुशासनहीनता |
संस्कारित | सभ्य और नैतिक रूप से सुसज्जित |
मुख्य मुहावरे:
मुहावरा | अर्थ |
---|---|
दूरियाँ बढ़ना | संबंध खराब होना |
अनाप-शनाप बोलना | बेकार की बातें करना |
सोच-समझकर बोलना | विचारपूर्वक शब्दों का चयन करना |
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