दादी माँ का परिवार
1. परिचय
यह कहानी रमाकांत ‘कांत’ द्वारा लिखी गई है, जिसमें एक दयालु और समझदार दादी माँ और उनके अनोखे परिवार की कहानी प्रस्तुत की गई है। यह कहानी परिवार, प्रेम, एकता और सहयोग पर आधारित है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार एकजुटता संकट के समय सहायता कर सकती है।
2. पात्र परिचय
पात्र | विवरण |
---|---|
दादी माँ | समझदार, सयानी, सभी की देखभाल करने वाली |
नीलू | एक चिड़िया, जो दादी माँ की प्रिय संगिनी थी |
टीनू और मीनू | नीलू के दो छोटे और प्यारे बच्चे |
डिंकी | दादी माँ की कुतिया, जो परिवार का हिस्सा थी |
बहेलिया | जाल बिछाने वाला, जिसने पक्षियों को पकड़ने की कोशिश की |
3. कहानी का सारांश
(क) दादी माँ का परिवार और उनका प्रेम
- दादी माँ एक छोटी-सी झोपड़ी में अकेली रहती थीं, लेकिन उनका घर कभी सूना नहीं लगता था।
- उनके घर के आँगन में एक बड़ा वट वृक्ष (बरगद का पेड़) था, जिस पर नीलू नाम की एक चिड़िया रहती थी।
- नीलू के दो नन्हे बच्चे थे – टीनू और मीनू, जिन्हें दादी माँ बहुत प्यार से पालती थीं।
- इसके अलावा, उनके पास डिंकी नाम की कुतिया भी थी।
- यह सभी मिलकर एक अनोखा परिवार बनाते थे, जहाँ हर कोई एक-दूसरे से प्रेम करता था।
(ख) संकट की घड़ी – पक्षियों का जाल में फँसना
- एक दिन, बहेलिया पक्षियों को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाता है।
- नीलू और अन्य पक्षी भोजन की तलाश में नीचे आते हैं और जाल में फँस जाते हैं।
- सभी पक्षी बहुत डर जाते हैं और भागने का प्रयास करते हैं, लेकिन वे सफल नहीं होते।
(ग) एकता की शक्ति – पक्षियों ने जाल से कैसे मुक्ति पाई?
- संकट की घड़ी में, उन्हें दादी माँ की सिखाई हुई बात याद आती है – “एकता में शक्ति होती है।”
- वे समझ जाते हैं कि अकेले प्रयास करने से वे नहीं बच सकते।
- सभी पक्षी मिलकर एकसाथ जोर लगाते हैं और जाल को अपने पंखों से ऊपर उठाने का प्रयास करते हैं।
- जब वे एक साथ उड़ने लगते हैं, तो जाल भी ऊपर उठ जाता है, जिससे वे बहेलिए के जाल से मुक्त हो जाते हैं।
- इस प्रकार, एकता और समझदारी से वे अपनी जान बचा पाते हैं।
(घ) कहानी से मिलने वाली सीख (नैतिक शिक्षा)
- एकता में शक्ति होती है। (अगर हम मिलकर काम करें, तो किसी भी समस्या का हल निकाल सकते हैं।)
- किसी भी संकट के समय घबराने की बजाय धैर्य और सूझबूझ से काम लेना चाहिए।
- परिवार और दोस्तों का साथ हमें हर कठिनाई से बचा सकता है।
- हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए और मिल-जुलकर रहना चाहिए।
- बुद्धिमानी और साहस से हर कठिन परिस्थिति पर विजय पाई जा सकती है।
6. कहानी से जुड़े महत्वपूर्ण मुहावरे और उनके अर्थ
मुहावरा | अर्थ |
---|---|
“एकता में बल” | जब लोग मिलकर काम करते हैं, तो वे बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं। |
“अंत भला तो सब भला” | यदि परिणाम अच्छा हो, तो सारी परेशानियाँ छोटी लगती हैं। |
“ठगा-सा रह जाना” | बहुत अधिक आश्चर्यचकित हो जाना। |
“जान बचाना” | मुश्किल स्थिति से सुरक्षित निकल जाना। |
7. निष्कर्ष (Conclusion)
- यह कहानी हमें “एकता और सहयोग” की सीख देती है।
- जब भी कोई मुश्किल आए, तो हमें शांति, धैर्य और समझदारी से समाधान निकालना चाहिए।
- परिवार और दोस्तों का साथ हमें कठिनाइयों से लड़ने की ताकत देता है।
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