अलग अंदाज में होली
लघु प्रश्न
1. होली किसका प्रतीक मानी जाती है?
उत्तर – होली बुराई पर अच्छाई की जीत और आपसी प्रेम व भाईचारे का प्रतीक मानी जाती है।
2. बच्चों ने इस बार होली कैसे मनाने का फैसला किया?
उत्तर – बच्चों ने इस बार वृद्धाश्रम जाकर बुजुर्गों के साथ होली मनाने का निश्चय किया।
3. बुजुर्गों ने बच्चों के इस कार्य को कैसा माना?
उत्तर – बुजुर्गों ने बच्चों के इस कार्य की सराहना की और इसे सराहनीय पहल बताया।
4. बच्चों ने बुजुर्गों के लिए क्या किया?
उत्तर – बच्चों ने बुजुर्गों के साथ रंगों की होली खेली, गीत गाए और नृत्य किया।
5. शालिनी ने होली के लिए क्या सुझाव दिया?
उत्तर – शालिनी ने वृद्धाश्रम में जाकर बुजुर्गों के साथ होली मनाने का सुझाव दिया।
6. बच्चों ने होली मनाने के लिए क्या तैयारी की?
उत्तर – बच्चों ने रंगों की थैलियाँ लीं, बुजुर्गों से अनुमति ली और उनके लिए गाने व नृत्य की योजना बनाई।
7. बुजुर्गों को होली खेलने में कैसा लगा?
उत्तर – बुजुर्ग बहुत खुश हुए और उन्होंने लंबे समय बाद उत्साह और अपनापन महसूस किया।
8. बच्चों के इस कार्य से मोहल्ले के लोग कैसे प्रभावित हुए?
उत्तर – मोहल्ले के लोगों ने बच्चों का स्वागत किया और उनके इस नेक कार्य की सराहना की।
9. बच्चों ने बुजुर्गों से क्या सीखा?
उत्तर – बच्चों ने बुजुर्गों की जीवन कहानियाँ सुनीं और जीवन के नैतिक मूल्य सीखे।
10. इस पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर – हमें त्योहारों को समाज के हर वर्ग के साथ मिलकर मनाना चाहिए और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
दीर्घ प्रश्न
1. होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इसका समाज में क्या महत्व है?
उत्तर – होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और यह समाज में प्रेम, सौहार्द और समरसता को बढ़ावा देता है। यह हमें भेदभाव मिटाकर सबके साथ खुशियाँ मनाने की प्रेरणा देता है।
2. बच्चों ने इस बार अपनी होली को अलग तरह से मनाने का फैसला क्यों किया?
उत्तर – बच्चों को लगा कि वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्ग अपने परिवार से दूर उदास रहते हैं, इसलिए उन्होंने उनके साथ होली मनाकर उन्हें खुशियाँ देने का निर्णय लिया।
3. बुजुर्गों की क्या स्थिति थी और वे क्यों दुखी रहते थे?
उत्तर – बुजुर्ग अपने ही परिवार द्वारा त्याग दिए गए थे और वृद्धाश्रम में अकेलेपन का जीवन व्यतीत कर रहे थे, जिससे वे दुःखी और उपेक्षित महसूस करते थे।
4. वृद्धाश्रम में होली के दौरान क्या-क्या गतिविधियाँ हुईं?
उत्तर – बच्चों ने बुजुर्गों के साथ रंग खेला, गीत गाए, नृत्य किया और उनकी जीवन कहानियाँ सुनीं, जिससे बुजुर्गों को खुशी और अपनापन महसूस हुआ।
5. बुजुर्गों ने बच्चों को क्या संदेश दिया?
उत्तर – बुजुर्गों ने कहा कि यदि बच्चे इस तरह संवेदनशील बनें तो समाज में वृद्धाश्रमों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी और बुजुर्ग परिवार के साथ रह सकेंगे।
6. बच्चों के इस कार्य से मोहल्ले के लोग कैसे प्रभावित हुए?
उत्तर – जब बच्चों ने वृद्धाश्रम में होली मनाने का फैसला लिया और लौटे, तो मोहल्ले के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके इस कार्य की सराहना की।
7. बच्चों ने इस अनुभव से क्या शिक्षा ग्रहण की?
उत्तर – बच्चों ने महसूस किया कि त्योहारों का सही आनंद दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटने में है और उन्होंने बुजुर्गों का सम्मान करने व समाज में बदलाव लाने का संकल्प लिया।
8. बुजुर्गों की खुशी को देखकर बच्चों को कैसा अनुभव हुआ?
उत्तर – बच्चों ने महसूस किया कि उनकी छोटी-सी पहल ने बुजुर्गों के जीवन में बड़ी खुशी ला दी और वे भी इस अनोखी होली से बहुत प्रसन्न हुए।
9. त्योहारों को किस प्रकार सामाजिक सरोकारों से जोड़ा जा सकता है?
उत्तर – त्योहारों को अनाथालय, वृद्धाश्रम, अस्पतालों और जरूरतमंदों के साथ मनाकर हम समाज में प्रेम और सेवा की भावना फैला सकते हैं।
10. इस कहानी से हमें क्या मुख्य संदेश मिलता है?
उत्तर – यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची खुशी केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों को खुश देखकर मिलती है, और हमें अपने बुजुर्गों का सम्मान व देखभाल करनी चाहिए।
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