Summary For All Chapters – Balbharati English Class 7
Under the Greenwood Tree
Summary in Marathi
“अंडर द ग्रीनवुड ट्री” हे कविता एक आनंदी निमंत्रण आहे, जे निसर्गात साधं आणि शांत जीवन जगण्यासाठी आहे. ही कविता विल्यम शेक्सपियरच्या औज यू लाइक इट नाटकातून आली आहे. कवी सर्वांना हिरव्या झाडाखाली विश्रांती घेण्यास, पक्ष्यांच्या मधुर गाण्यांचा आनंद घेण्यास आणि चिंतामुक्त जीवन जगण्यास बोलावतो. या कवितेत एका अशा जागेचं वर्णन आहे जिथे कोणतेही शत्रू नाहीत, फक्त हिवाळा आणि खराब हवामान हीच आव्हानं आहेत. ही कविता महत्त्वाकांक्षा नसलेल्या जीवनाचं कौतुक करते, जिथे माणूस सूर्यप्रकाशात आनंद घेतो, स्वतःचं अन्न शोधतो आणि जे मिळतं त्यात समाधानी राहतो. “या इथे या, या इथे या, या इथे या” ही ओळ वारंवार येऊन हे निमंत्रण खूप आपुलकीचं आणि आनंददायी वाटतं, जिथे जगाच्या त्रासांपासून दूर जीवन जगता येईल.
Summary in English
The poem “Under the Greenwood Tree” is a cheerful invitation to enjoy a simple and peaceful life in nature. It comes from William Shakespeare’s play As You Like It. The speaker calls out to anyone who loves to rest under a green tree, listen to the sweet songs of birds, and live freely without worries. The poem describes a place where there are no enemies, only the challenges of winter and bad weather. It praises a life without ambition, where a person enjoys the sunlight, finds their own food, and is happy with whatever they have. The repeated line “Come hither, come hither, come hither” makes it feel like a warm welcome to this carefree and joyful way of living, away from the troubles of the world.
Summary in Hindi
“अंडर द ग्रीनवुड ट्री” यह कविता एक खुशहाल निमंत्रण है जो प्रकृति में सादा और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए है। यह कविता विलियम शेक्सपियर के नाटक ऐज़ यू लाइक इट से ली गई है। कवि उन लोगों को बुलाता है जो हरे पेड़ के नीचे आराम करना पसंद करते हैं, पक्षियों की मधुर आवाज़ सुनते हैं और बिना चिंता के आज़ादी से जीते हैं। कविता में एक ऐसी जगह का वर्णन है जहाँ कोई दुश्मन नहीं है, केवल सर्दी और खराब मौसम ही मुश्किलें हैं। यह कविता उस जीवन की तारीफ करती है जिसमें महत्वाकांक्षा नहीं होती, जहाँ इंसान धूप में खुशी मनाता है, अपना भोजन खुद ढूंढता है और जो मिलता है उससे संतुष्ट रहता है। “यहाँ आओ, यहाँ आओ, यहाँ आओ” यह पंक्ति बार-बार आकर एक गर्मजोशी भरा स्वागत जैसा लगता है, जो दुनिया की परेशानियों से दूर एक खुशहाल जीवन की ओर ले जाता है।
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