मैंने समझा
‘एक किरण’ पाठ से हमनें प्रकृति के बारे में विशेष रूप से जाना। प्रकृति चमत्कारों से युक्त है। प्रस्तुत कविता में सुबह सूरज के उगने के बाद प्रकृति में आने वाले परिवर्तन का उल्लेखनीय वर्णन किया है।
भाषा की ओर
कविता में आए पाँच शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द :
१. हँसती – रोती
२. नभ – थल
३. पूरब – पश्चिम
४. सुबह – शाम
५. नया – पुराण
जरा सोचो ….. चर्चा करो
यदि समय का चक्र रुक जाए तो विश्व में सभी वस्तुएँ गतिहीन हो जाएँगी। ना कभी सुबह होगी ना ही शाम अथवा ना कभी ऋतु बदल-बदल कर हमें अच्छे मौसम से मिलवाएगी। अगर समय चक्र रुक जाए तो कोई भी व्यक्ति ना कभी कमा सकेगा, ना कुछ खा पाएगा और ना इस दुनिया में उसके होने का कुछ स्थित रह पाएगा।
सुनो तो जरा
संचार क्रांति के इस युग में सूचना और मनोरंजन के लिए श्रोताओं का बहुत बड़ा तबका आज भी रेडियो के साथ जुड़ हुआ है। भजन भक्ति से परिपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक संगीतमय गीत होते हैं।
बताओ तो सही
साक्षर भारत कार्यक्रम में बुनियादी साक्षरता, उत्तर साक्षरता तथा सतत शिक्षा के चरणों को एक साथ संचालित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत नवसाक्षरों को विभिन्न हुनर प्रदान करा जाता है।
वाचन जगत से
निम्नलिखित मीरा के प्रसिद्द भक्ति पद में से एक है :
हरि आप हरो जन री भीर।
द्रोपदी री लाज राखी , आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि , धरयो आप सरीर।
बूढ़तो गजराज राख्यो , काटी कुञ्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर , हरो म्हारी भीर।।
संक्षेप में उत्तर लिखो
१. किरण आँचल भरकर मीठी-मीठी खुशियाँ लायी। सूरज की पहली किरण से चारों ओर प्रसन्नता च जाती है।
२. झिलमिल पत्तों पर जब ओंस की बूँदें पड़ी तब किरण उन पर जाकर मुस्काई। वो उस समय जलते दिये सी प्रतीत होती है।
३. नभ में किरण सोने के तारों जैसी छाई। सूरज की किरणों की तेज़ से परिपूर्ण आभा स्वर्ण जैसी चमक रही थी।
४. सूरज की पहली किरण आते ही चिड़ियाँ गीत गाने लगती हैं, हवा चलने लगती है, पेड़ हिल उठते हैं। नयी ताजगी का आगमन होता है।
समझो हमें
- कंगना
- मंथन
- जंझोड़ना
- घंटा
- अचम्भा
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