भाषा की ओर
दिए गए शब्दों लययुक्त शब्द :
- थाली
- चरखा
- पग
- इन्सान
खोजबीन
आधुनिक समय में जितने उन्नत और उपयोगी कृषि-उपकरण हमारे पास मौजूद हैं वो पहले नहीं थे। इन कृषि-उपकरणों से कृषि-कार्य में बहुत लाभ हुआ हैं। जैसे ट्रैक्टर के आने से जुताई का कार्य आसान हो गया। ट्यूबवेल से सिंचाई के लिए समय पर पानी उपलब्ध हुआ। हारवेस्टर या आधुनिक उन्नत थ्रेसर मशीन के आ जाने से कटाई का काम आसान हुआ और समय की काफी बचत हुई।
सुनो तो जरा
होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा
हाँ हिलमिल आवे लोग लुगाई
भई महलन में भीरा अवध में
होरी खेले रघुवीरा…
इनको शर्म नहीं आये देखे नाहीं अपनी उमरिया
साठ बरस में इश्क लड़ाए
मुखड़े पे रंग लगाए, बड़ा रंगीला सांवरिया
चुनरी पे डाले अबीर अवध में
होरी खेले रघुवीरा अवध में
होरी खेले रघुवीरा!
बताओ तो सही
शालेय स्वच्छता अभियान’ के तहत मैं और मेरे कुछ मित्र मिलकर अपने विद्यालय में एक टीम बनाया और उस टीम के साथ मिलकर स्कूल को साफ करने और सदा साफ बनाए रखने का संकल्प किया। इसमें हमने दो डस्टबीन विद्यालय में लगवाए, जहां कूड़ा डालने के लिए जगह बना। सभी विद्यार्थियों से कूड़ा – कचरा वहीं डालने के लिए अनुरोध किया। इस तरह हम इस अभियान में अपना सहयोग दिए।
वाचन जगत से
भारत माता
ग्रामवासिनी।
खेतों में फैला है श्यामल
धूल भरा मैला सा आँचल,
गंगा यमुना में आँसू जल,
मिट्टी कि प्रतिमा
उदासिनी।
दैन्य जड़ित अपलक नत चितवन,
अधरों में चिर नीरव रोदन,
युग युग के तम से विषण्ण मन,
वह अपने घर में
प्रवासिनी।
तीस कोटि संतान नग्न तन,
अर्ध क्षुधित, शोषित, निरस्त्र जन,
मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन,
नत मस्तक
तरु तल निवासिनी!
स्वर्ण शस्य पर -पदतल लुंठित,
धरती सा सहिष्णु मन कुंठित,
क्रन्दन कंपित अधर मौन स्मित,
राहु ग्रसित
मेरी कलम से
सूरज की किरणें आती हैं,
सारी कलियाँ खिल जाती हैं,
अंधकार सब खो जाता है,
सब जग सुन्दर हो जाता है
चिड़ियाँ गाती हैं मिलजुल कर,
बहते हैं उनके मीठे स्वर,
ठंडी-ठंडी हवा सुहानी,
चलती है जैसी मस्तानी
ये प्रातः की सुख बेला है,
धरती का सुख अलबेला है,
नई ताज़गी नई कहानी,
नया जोश पाते हैं प्राणी
खो देते हैं आलस सारा,
और काम लगता है प्यारा,
सुबह भली लगती है उनको,
मेहनत प्यारी लगती जिनको
मेहनत सबसे अच्छा गुण है
आलस बहुत बड़ा दुर्गुण है
अगर सुबह भी अलसा जाए
तो क्या जग सुन्दर हो पाए
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
प्यार- बूंदों ने प्यार दिया।
पंछी- पेड़ों पर पंछी हैं।
वितान- नीले वितान की।
गीत- झरता यह गीत है।
सदैव ध्यान में रखो
प्लास्टिक व थर्माकोल जैसे घटक आसानी से नष्ट नहीं होते हैं। इन्हें जलाने पर भी पर्यावरण बहुत प्रदूषित होता है। यदि खुले में घूमने वाले जानवर गलती से इन्हें निगल लेते हैं तो उनकी मौत भी हो सकती है। वर्षा ऋतु में नालों व गटरों के जाम होने की घटना हमें प्राय: देखने व सुनने को मिलती है।
विचार मंथन
‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ यह नारा पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। इसका अर्थ है कि देश के वीर जवान सैनिकों की जय हो जो सीमा पर तैनात होकर हमारी रक्षा करते हैं, किसानों की जय. हो जो दिन-रात खेतों में श्रम करके हमारे लिए अन्न उगाते हैं और उन वैज्ञानिकों की जय हो जो दिन-रात परिश्रम करके नवीनतम चीजों का आविष्कार करके हमारे जीवन को सहज और सुंदर बनाते हैं।
अध्ययन कौशल
कृषि कार्य कई चरणों से होकर गुजरता है। भूमि को बोआई योग्य बनाकर बीज बोया जाता है। उसके बाद जब अंकुर निकल आता है तो खेत से एक बार घास इत्यादि को साफ किया जाता है। पौधों पर कीटनाशक रसायन और उर्वरकों का छिड़काव करते हैं। सिंचाई करके पौधों के पानी की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है।
फसल के पकने के पश्चात उसकी कटाई की जाती है। फिर अनाज निकालकर उस अनाज को किसान मंडी तक ले जाता है।
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