नीचे दिए गए चित्रों को पहचानकर उनके नाम लिखिए?
Answer:
(१) घर
(२) बहती नदी
(३) अमरुद
(४) हिमालय पर्वत
(५) अनाज की बोरी
(६) चाबियों का गुच्छा
(७) दर्शक
(८) पानी से भरा गिलास
(९) बूढा व्यक्ति
(१०) आम की पेटी
खोजबीनः
गृहउद्योगो की जानकारी छात्र अपने अनुसार प्राप्त करेंगे एवं उस पर चर्चा करेंगे।
Answer: आज हमारे देश में कई गृहिणियाँ कई प्रकार के छोटे-छोटे उद्योग घर में ही करते हैं और अपनी आजीविका के लिए कुछ धन प्राप्त करते हैं। घर पर ही किए जाने वाले इन छोटे-छोटे उद्योगों को गृहउद्योग कहा जाता है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित उद्योग आते हैं।
(१) घर में अगरबत्तियाँ बनाना।
(२) मोमबत्तियाँ बनाना।
(३) अगरबत्तियों को लगने वाली बांबू की पतली सीकें तैयार करना।
(४) आलू के वेफर तैयार करना।
(५) पापड़ और अचार बनाना।
(६) छोटी-छोटी टोकरियों एवं चटाई बनाना।
(७) झाडू बनाना।
(८) चित्र बनाना, बर्तनों पर नक्काशी करना।
(९) सौपियों से रंग-बिरंगी वस्तुएँ बनाना।
(१०) मिट्टी के बर्तन बनाना आदि।
भाषा की ओर
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द इस कहानी से ढूँढकर बताओ।
Answer:
सखा – मित्र
वृक्ष – पेड़
जननी – माँ
नयन – आँख
भगिनी – बहन
बताओ तो सही:
बड़े होकर क्या बनना चाहते हो?
Answer: मैं बड़ा होकर एक अच्छा व ईमानदार इंसान बनना चाहूँगा। जिंदगी तो सभी जीते हैं, किंतु वही असली जिंदगी जीता है, जिसे मरने के बाद भी सभी याद करते हैं। मैं एक सैनिक बनकर मरते दम तक अपने देश की सेवा करना चाहता हूँ।
वाचन जगत से:
महादेवी वर्मा की कहानी पढ़कर उसके पात्रों के नाम लिखिए:
Answer: कहानी – नीलकंठ पात्र:
(१) लेखिका – महादेवी वर्मा
(२) बड़े मियाँ – चिड़िया बेचनेवाला
(३) नीलकंठ – मोर
(४) राधा – मोरनी
(५) कुब्जा – मोरनी
(६) कजली – लेखिका की कुतिया
(७) बूढा – खरगोश
(८) लक्का – कबूतर
(९) चित्रा – बिल्ली
मेरी कलम से
अब ऋत्विक ने मित्रों के लिए अपनी बहन कृतिका की सहायता से पुस्तकालय खोला। वहाँ सभी बच्चे आकर अपनी मनपंसद पुस्तकें पढ़ने लगे। उनको पूरा गाँव पुस्तक मित्र के नाम से जानने लगा।
किसने किससे कहा है, बताओ
तुम यहाँ उदास क्यों बैठे हो? – परी ने ऋत्विक से कहा।
मेरी पोटली गिर गई है रास्ते में – राहगीर ने ऋत्विक से कहा।
और कोई पहचान बताओं – ऋत्विक ने राहगीर से कहा।
नहीं-नहीं, अब तो तुम ही मेरी साथी हो, मित्र हो। – ऋत्विक ने पुस्तक से कहा।
सदैव ध्यान में रखें:
सच्चाई में ही सफलता किस तरह से निहित है|
Answer: मनुष्य को अपने जीवन में हमेशा सच की राह पर चलना चाहिए। महात्मा गांधी एवं कई महापुरुषों ने अपने जीवन में सत्य का पालन किया है। भले ही सत्य की राह पर चलने वाले मनुष्य को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है किंतु अंत में सत्य की ही विजय होती है।
जरा सोचो….. बताओ:
‘यदि तुम्हें परी मिल जाए तो …’ (काल्पनिक लेखन)
Answer: यदि मुझे परी मिल जाए तो मैं स्वयं को बड़ा ही भाग्यशाली समझेंगा। परी से बातचीत करना मेरे मन की बड़ी पुरानी कामना है। यदि मुझे परी मिलेगी तो मैं उससे पहला प्रश्न करूँगा कि तुम कहाँ से आई हो? कहाँ रहती हो? क्या करती हो? उसकी जादुई छड़ी के बारे में पूछूगा। जादुई छड़ी से इस संसार में जो गरीब एवं दीन-दुखी हैं, उनके दुखों को दूर करने की प्रार्थना मैं उससे करूंगा। भूखों को अन्न, वस्त्रहीनों को कपड़ा और घर अपनी जादुई छड़ी से निर्माण करने के लिए कहूँगा। स्वयं के लिए कुछ न माँगकर समाज और देशवासियों को सुखी और संपन्न बनाए रखने एवं उनकी व्यवस्था बनाए रखने का निवेदन मैं परी से करूँगा। अंत में उसे इस कार्य को करने के लिए मैं उसका सदा आभारी रहूँगा। उसे धन्यवाद दूंगा। मैं परी से कहूँगा इस धरती को स्वर्ग से सुंदर बनाओ। इस वसुंधरा के गहने जो घने वृक्ष, हरियाली, पशु-पक्षी, मनुष्य हैं, सबको परिश्रमी, उद्योगी और स्वावलंबी बनने की इच्छा प्रदान करो।
अध्ययन कौशल:
किसी परिचित अन्य कहानी लेखन के लिए मुद्दे तैयार करोः
Answer:
संकेत: एक कुत्ता – रोटी का टुकड़ा मिलना – मुँह में दबाना – पुल पार करना – पानी में परछाई देखना – दूसरा कुत्ता समझना – उस पर भौंकना – रोटी का गिर जाना – सीख।
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